बिहार के चुनावी परिणाम के बाद जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर पहली बार मंगलवार को मीडिया के सामने आए और अपनी बात रखी। उनकी पार्टी को चुनाव में बुरी तरह से हार मिली है और पार्टी शून्य पर सिमट गई। किशोर ने अपनी पार्टी के पहले चुनाव में मिला हार पूरी जिम्मेदारी लेते हुए माना कि पार्टी बिहार में सत्ता परिवर्तन लाने में असमर्थ रही। प्रशांत किशोर ने कहा कि हमें झटका लगा है लेकिन हम अपनी गलतियों को सुधारेंगे, खुद को मजबूत करेंगे। साथ ही और भी मजबूती से वापसी करेंगे। हमारे लिए पीछे मुड़कर देखने का कोई सवाल ही नहीं है।

 

इस बीच प्रेस कॉन्फ्रेंस में जब उनसे पूछा गया कि क्या वह नीतीश कुमार को लेकर किए गए दावे के बाद राजनीति से संन्यास लेंगे। इसपर उन्होंने बिफरते हुए कहा कि जेडीयू के शीर्ष नेता और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनके नेतृत्व वाली सरकार के लिए एक नई चुनौती पेश कर दी है।

 

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प्रशांत किशोर की नई शर्त

उन्होंने नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली सरकार को नई चुनौती देते हुए कहा कि अगर नई सरकार बिहार की 1.5 करोड़ महिलाओं को 2-2 लाख रुपये देने का अपना वादा पूरा करती है, तो वह निश्चित रूप से ही सक्रिय राजनीति छोड़ देंगे।

 

प्रशांत किशोर ने कहा, 'लोग जेडीयू के 25 सीटें जीतने पर मेरे बयान पर खूब चर्चा कर रहे हैं- मैं अब भी उस पर कायम हूं। अगर नीतीश कुमार 1.5 करोड़ महिलाओं को उनके वादे के मुताबिक 2 लाख रुपये दे दें और साबित कर दें कि उन्होंने वोट खरीदकर नहीं जीता है, तो मैं बिना किसी शर्त के राजनीति छोड़ दूंगा'

प्रशांत किशोर की पुरानी शर्त और दावा

दरअसल, प्रशांत किशोर ने विधानसभा चुनाव से पहले एक टीवी इंटरव्यू में नीतीश कुमार को चुनौती दी थी कि अगर जेडीयू चुनाव में 25 से ज्यादा सीटें जीत जाती है तो वह राजनीति से संन्यास ले लेंगे। अपने इसी बयान को लेकर उन्होंने आरोप लगाया कि अगर जेडीयू ने हर विधानसभा क्षेत्र में 60,000 से ज्यादा लाभार्थियों को 10,000 रुपये नहीं दिए होते, तो उसकी पार्टी सिर्फ 25 सीटों तक सीमित रह जाती।

 

उन्होंने कहा, 'नीतीश कुमार और उनकी जीत के बीच सिर्फ एक ही चीज है- हर विधानसभा क्षेत्र में 10,000 रुपये में 60,000 वोट खरीदना। यह स्पष्ट होना चाहिए कि यह वोट खरीद था या किसी स्वरोजगार कार्यक्रम का हिस्सा।'

 

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NDA ने वोट खरीदा- जन सुराज

बता दें कि इससे पहले जन सुराज के राष्ट्रीय अध्यक्ष उदय सिंह ने बिहार की जेडीयू-बीजेपी सरकार पर गंभीर आरोप लगाया था। उन्होंने बिहार सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि एनडीए को मिला प्रचंड बहुमत खरीदा गया है। देश में पहले भी ऐसी कोशिशें होती रही हैं। लेकिन यह पहली बार है कि राज्य सरकार ने करीब 40 हजार करोड़ रुपया खर्च कर यह बहुमत प्राप्त किया है। जनता के पैसे से जनता का वोट खरीदा गया है।

 

जन सुराज ने कहा है कि अब बिहार सरकार के पास शिक्षा, रोजगार और स्वास्थ्य जैसी जरूरी चीजों पर खर्च करने लायक रुपये नहीं बचे हैं। बिहार की विकास परियोजनाओं के लिए निर्धारित 14,000 करोड़ रुपये सरकार ने विधानसभा चुनाव से पहले महिलाओं को 10,000 रुपये के रूप में दे दिए। इसी पैसे ने विधानसभा चुनाव प्रभावित किया है। पार्टी ने ये भी कहा है कि यह 14,000 करोड़ रुपये विश्व बैंक ने बिहार को फंड के तौर पर दिया था।