पंजाब पुलिस ने मोहाली में पुराने करेंसी नोट को बदलने के नाम पर ठगी करने वाले एक गिरोह का भंडाफोड़ किया है। आरोपियों ने एक सुनार को 800 करोड़ रुपये के पुराने नोट बदलाने के लिए कॉल किया था। सुनार ने उन ठगों पर विश्वास कर लिया और ठगों ने उससे सात करोड़ रुपये की ठगी कर ली। पुलिस के अनुसार, यह ठगी 2023 में हुई थी और पुलिस ने इसके खिलाफ 1 अक्टूबर 2025 को गुपचुप तरीके से मामला दर्ज कर लिया था। FIR दर्ज होने के करीब डेढ़ महीने बाद इस मामले में गिरफ्तारी हुई है। 

 

पंजाब पुलिस ने 12 लोगों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया है। इनमें  शैलेश ओटी, मोहित मोटी, दीपक अग्रवाल, दयाल ललवानी, अवतार सिंह, गौकुल, रजिंदर सिंह, विक्रम सैफी, मंजीत सिंह, सचिन, अजय शर्मा और रश्मि सिंगला का नाम शामिल है। शिकायतकर्ता ने बताया था कि उसकी मोहाली फेज-4 में ज्वेलरी की दुकान है। शैलेश ओटी और मोहित मोटी उनकी दुकान पर ज्वेलरी खरीदने के बहाने आए थे। इस दौरान उन्होंने बताया कि वे दो हजार के नोट बदलवाने का काम करते हैं और अगर किसी को नोट बदलवाने हों तो उन्हें बता सकते है। 

 

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ऐसे हुई ठगी

पहली मुलाकात के बाद शिकायतकर्ता ने अपने एक परिचित की मुलाकात दीपक अग्रवाल से करवाई। दीपके ने उन्हें बताया कि उसे करीब 300 करोड़ रुपये के नोट बदलवाने हैं। शिकायतकर्ता ने दीपक को शैलेश और मोहित से मिलवा दिया। इसके लिए एक मीटिंग उनकी दुकान पर ही हुई। इस मीटिंग में शैलेश और मोहित ने कहा कि सुनार को प्रति डील 40 लाख रुपये का कमीशन मिलेगा। शिकायतकर्ता ने बताया कि कमीशन की बात सुनकर वह लालच में आ गए लेकिन आरोपियों ने शर्त रखी कि कमीशन के लिए पहले 40 लाख रुपये जमा करवाने होंगे। जब पेमेंट बदली जाएगी, तब उन्हें एडवांस और कुल कमीशन की 10 फीसदी रकम दी जाएगी।

 

इसके बाद शिकायतकर्ता ने कुछ अन्य लोगों को भी उनसे मिलवाया। शिकायतकर्ता ने हर एक क्लाइंट को शैलेश और मोहित से मिलवाया और हर क्लाइंट के बदले कमीशन लेने के लिए 40-40 लाख रुपये आरोपियों के बैंक खाते में जमा करवा दिए। पैसे लेने के बाद आरोपियों ने सुनार से संपर्क बंद कर दिया। इसके बाद उसने पुलिस में शिकायत की। जांच में पता चला कि वे एक गिरोह के सदस्य थे और आपस में जुड़े हुए हैं। 

 

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मामले में गिरफ्तारी शुरू

इस मामले में पुलिस का एक्शन शुरू हो गया है। पुलिस ने हरियाणा के कुरूक्षेत्र के रहने वाले सचिन और गुरदीप सिंह को गिरफ्तार कर लिया है। इनके पास से 9 करोड़ रुपये के नकली नोट भी बरामद किए गए हैं। पुलिस को अन्य आरोपियों की तलाश है। जांच में सामने आया है कि आरोपी एक राज्य में ठगी करने के बाद किसी दूसरे राज्य में चले जाते हैं। वह अब तक राजस्थान, गुजरात और मध्यप्रदेश के लोगों को भी ठगी का शिकार बना चुके हैं। पीड़ित ने बताया कि आरोपियों ने उन्हें एक कंपनी के नाम से रसीद भी दी थी। इतना ही नहीं आरोपियों ने कंपनी के फर्जी आईडी कार्ड भी बनवा रखे थे। 

 

पीड़ित ने पैसा जमा करवाने के बाद उन्हें फोन किया था लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया था। इसके बाद उसे शक हुआ और जांच शुरू कि तो उसे पता लगा कि उसे जिस कंपनी के नाम से रसीद दी गई है उस नाम की कोई कंपनी है ही नहीं। उसे पता चला कि गुजरात में भी उनके खिलाफ इसी तरह का मामला दर्ज है। अब ठगों ने जीरकपुर में ऑफिस खोल रखा था। इस फर्जीवाड़े में पुलिस को कई रईसजादों और नेताओं की तलाश करते थे।