पंजाब और हरियाणा की संयुक्त राजधानी चंडीगढ़ में स्थित पंजाब यूनिवर्सिटी में बीते 10 नवंबर एक बड़ा प्रोटेस्ट हुआ। इस प्रोटेस्ट में पंजाब से सैकड़ों लोग यूनिवर्सिटी कैंपस पहुंचे और यूनिवर्सिटी को पंजाब का हक बताया। प्रदर्शनकारियों की मांग है कि पंजाब यूनिवर्सिटी की सीनेट के चुनाव जल्द से जल्द करवाए जाएं। साथ ही उन्होंने केंद्र सरकार और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर पंजाब यूनिवर्सिटी पर कब्जा करने का आरोप भी लगाया। इस प्रदर्शन के बाद 20 नवंबर को पंजाब यूनिवर्सिटी बचाओ मोर्चा की बैठक में 26 नवंबर 2025 को फिर से  यूनिवर्सिटी में बड़े प्रदर्शन का एलान कर दिया है। 

 

पंजाब यूनिवर्सिटी में छात्र और पंजाब के अन्य लोग पंजाब यूनिवर्सिटी बचाओ मोर्चा के नेतृत्तव में कई दिनों से प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि जब तक यूनिवर्सिटी सीनेट चुनाव का शेड्यूल जारी नहीं कर देती तब तक वह प्रदर्शन करते रहेंगे। 20 तारीक को हुई मीटिंग के बाद प्रदर्शनकारियों ने यूनिवर्सिटी में 26 नवंबर को बड़े प्रदर्शन का ऐलान किया है। इसके साथ ही प्रदर्शनकारियों ने कहा है कि आने वाले दिनों में भारतीय जनता पार्टी के ऑफिस का भी घेराव किया जाएगा। 

 

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25 नवंबर तक इंतजार

सीनेट चुनावों को लेकर लंबे समय से यूनिवर्सिटी में प्रदर्शन चल रहे हैं। पंजाब यूनिवर्सिटी बचाओ मोर्चा के नेत्तृतव में छात्र संगठन और अन्य संगठन लगातार प्रदर्शनो कर रहे हैं। 20 नवंबर को पंजाब यूनिवर्सिटी बचाओ मोर्चा की बैठक में यूनिवर्सिटी प्रशासन को 25 नवंबर तक सीनेट चुनावों का शेड्यूल घोषित करने के लिए समय दिया गया। मोर्चे का नेतृत्व कर रहे छात्रों ने बताया कि यूनिवर्सिटी के अधिकारियों ने 25 नवंबर तक का समय मांगा था। इसलिए 26 नवंबर को प्रोटेस्ट की कॉल दी गई है।

 

 

 

अगर 25 नवंबर तक शेड्यूल जारी नहीं किया गया तो यूनिवर्सिटी का कामकाज पूरी तरह से बंद करने का फैसला लिया गया है। प्रदर्शनकारियों ने 26 नवंबर को पंजाब यूनिवर्सिटी में फिर से 10 नवंबर की तरह ही प्रदर्शन करने का ऐलान किया है। इसके साथ-साथ भारतीय जनता पार्टी के ऑफिस का घेराव भी किया जाएगा। प्रदर्शनकारियों ने 26 नवंबर की तारीख इसलिए चुनी क्योंकि इसी तारीख को किसान आंदोलने के लिए पंजाब से किसान दिल्ली प्रदर्शन के लिए रवाना हुए थे। 

 

 

क्या बोले छात्र?

यूनिवर्सिटी में चल रहे प्रदर्शन के कारण छात्र सही से क्लास नहीं लगा पा रहे हैं और सेमेस्टर परीक्षाओं पर भी प्रदर्शन का असर पड़ा है। यूनिवर्सिटी प्रशासन ने 20 नवंबर तक सभी परीक्षाओं को स्थगित कर दिया था। आज यूनिवर्सिटी में कुछ परीक्षाएं आयोजित की जा रही हैं लेकिन 26 नवंबर को प्रदर्शन की कॉल के कारण परीक्षाएं फिर से स्थगित हो सकती हैं। 10 नवंबर के प्रदर्शन के कारण यूनिवर्सिटी प्रशासन ने पूरे कैंपस में छुट्टी कर दी थी। 

 

पंजाब यूनिवर्सिटी के छात्र विक्रम ने बताया, 'प्रोटेस्ट के कारण परीक्षाएं स्थगित कर दी गई थीं और इससे हमारी परीक्षाएं देरी से शुरू होंगी लेकिन हम इस प्रोटेस्ट का समर्थन करते हैं। यूनिवर्सिटी सीनेट चुनाव का शेड्यूल जल्दी जारी करे ताकि परीक्षाएं निर्धारित समय पर हो सकें।'

 

परीक्षाओं के स्थगित होने के कारण कुछ छात्रों को परेशानी का सामना भी करना पड़ रहा है। पंजाब यूनिवर्सिटी लाइब्रेरी साइंस डिपार्टमेंट के छात्र भुवनेश्वर ने कहा, 'कुछ छात्र परीक्षाएं देने बहुत दूर से आते हैं और उन्हें यूनिवर्सिटी आकर पता चलता है कि परीक्षा स्थगित हो गई है। ऐसे छात्रों को बहुत ज्यादा दिक्कत हो रही है। इसके साथ ही सेमेस्टर परीक्षाओं का शेड्यूर सरकारी भर्ती और अन्य कॉम्पिटिटिव एग्जाम को ध्यान में रखकर बनाया जाता है लेकिन परीक्षाएं स्थगित होने से कॉम्पिटिटिव एग्जाम की तैयारी कर रहे छात्र परेशान हैं। '

 

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वाइस चांसलर पहुंची दिल्ली

पंजाब यूनिवर्सिटी में सीनेट चुनावों को पंजाब के सामाजिक संगठनों और आम लोगों का समर्थन मिल चुका है। छात्रों के प्रदर्शन की कॉल के बाद अब यूनिवर्सिटी वाइस चांसलर और रजिस्ट्रार दिल्ली रवाना हो गए हैं। पंजाब यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार ने इस दौरे के बारे में एक वीडियो मैसेज जारी किया और छात्रों से धैर्य बनाए रखने की अपील की। उन्होंने कहा कि वे दिल्ली जाकर शिक्षा मंत्री और अधिकारियों से बैठक करेंगे और यूनिवर्सिटी में चल रहे प्रदर्शनों की जानकारी देंगे। इसके साथ ही सीनेट चुनावों को जल्द करवाने पर भी चर्चा होगी। रजिस्ट्रार वाई पी सिंह ने बताया कि छात्रों को इस मीटिंग के बारे में बता दिया गया है। 

सीनेट चुनाव को अभी नहीं मिली मंजूरी

सीनेट चुनावों का शेड्यूल यूनिवर्सिटी वाइस चांसलर ने उपराष्ट्रपति के पास मंजूरी के लिए भेज दिया है। 10 नवंबर को होने वाले प्रदर्शनों से पहले यूनिवर्सिटी ने इसकी जानकारी छात्रों को दे दी थी लेकिन छात्रों ने विरोध जारी रखा। पंजाब यूनिवर्सिटी बचाओ मोर्चा और यूनिवर्सिटी प्रशासन के बीच बातचीत के लिए एक कमेटी बनी हुई है। यूनिवर्सिटी प्रशासन ने छात्रों से 25 नवंबर तक का समय मांगा है। हालांक, उपराष्ट्रपति ने अभी तक सीनेट चुनावों के शेड्यूल को मंजूरी नहीं दी है।