जम्मू-कश्मीर में एक नया सियासी बवाल खड़ा हो गया है। वैष्णो देवी कॉलेज में मुस्लिम छात्रों के दाखिले पर बीजेपी ने आपत्ति जताई है। इसे लेकर बीजेपी विधायकों ने उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से मुलाकात की है। बीजेपी विधायकों ने कॉलेज की एडमिशन लिस्ट रद्द करने की मांग की है। 


विधानसभा में विपक्ष के नेता और बीजेपी विधायक सुनील शर्मा समेत कई विधायकों ने शनिवार को उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से मुलाकात की थी। बीजेपी विधायकों का आरोप है कि जिन छात्रों को वैष्णो देवी कॉलेज में एडमिशन दिया गया है, उनमें से ज्यादातर मुस्लिम समुदाय से हैं।

 

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क्या है पूरा मामला?

यह मामला जम्मू के रियासी जिले में बने श्री माता वैष्णो देवी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एक्सीलेंस यानी SMVDIME से जुड़ा है।


SMVDIME को इस साल 50 MBBS सीट की मंजूरी मिली है। कॉलेज के पहले बैच यानी 2025-26 में 50 सीटों में से 41 पर मुस्लिम छात्रों को दाखिला मिला है। 


इस पर बवाल खड़ा हो गया है। दक्षिणपंथी संगठन और बीजेपी कॉलेज की एडमिशन प्रोसेस पर सवाल उठा रहे हैं। 

 

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बीजेपी का क्या है कहना?

बीजेपी विधायकों ने शनिवार को उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से इसे लेकर मुलाकात की। उन्होंने एडमिशन को रद्द करने की मांग की है। उनका कहना है कि 'माता में आस्था रखने वालों' को दाखिला देने पर विचार किया जाना चाहिए।


एलजी मनोज सिन्हा से मुलाकात करने वाले बीजेपी विधायकों में सुनील शर्मा, शाम लाल शर्मा, सुरजीत सिंह सलाथिया, देवेंद्र कुमार मन्याल और रणबीर सिंह पठानिया थे। 

 

 

मीटिंग के बाद मीडिया से बात करते हुए सुनील शर्मा ने कहा, 'हमने SMVDIME में एडमिशन के पहले बैच के बारे में एक बहुत बड़ा और जरूरी मुद्दा उठाया, जहा ज्यादातर सीटें एक विशेष समुदाय के छात्रों को मिली हैं।'

 

 

उन्होंने कहा कि पार्टी को इस बात पर एतराज है कि यह संस्थान भक्तों की धार्मिक आस्था से जुड़ा है और श्राइन बोर्ड को मिलने वाला दान धार्मिक और सांस्कृतिक उद्देश्यों के लिए था। उन्होंने कहा, 'हमारा विरोध इस बात पर है कि यह जगह पूरी तरह से धार्मिक है और देश भर के करोड़ों भक्तों की भक्ति, आस्था और विश्वास से जुड़ा है, जो इस उम्मीद से दान करते हैं कि उनके पैसे का इस्तेमाल धार्मिक और सांस्कृतिक विस्तार के लिए किया जाएगा।'

 

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अधिकारियों का क्या है कहना?

बीजेपी ने एडमिशन प्रोसेस पर सवाल उठाए हैं। हालांकि, अधिकारियों का कहना है कि एडमिशन पूरी तरह से मेरिट के आधार पर किए गए थे, क्योंकि संस्थान को 'अल्पसंख्यक दर्जा' नहीं मिला है और इसलिए धार्मिक आधार पर आरक्षण नहीं दिया जा सकता।


बीजेपी विधायक सुनील शर्मा ने कहा कि हम चाहते हैं कि श्राइन बोर्ड सीटें देते समय 'माता वैष्णो देवी में आस्था' रखने वालों का ध्यान रखे।


जब उनसे पूछा गया कि क्या उन्होंने इंस्टीट्यूट के लिए अल्पसंख्यक दर्जा की मांग की है? तो उन्होने कहा, 'हम इस तरह के कदम के पक्ष में नहीं हैं लेकिन चाहते हैं कि एडमिशन सिर्फ वैष्णो देवी में आस्था रखने वालों तक ही सीमित रहें।'


उन्होंने बताया कि एलजी मनोज सिन्हा ने उन्हें भरोसा दिलाया है कि मामले की जांच की जा रही है और सही फैसला लिया जाएगा।