महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई के पास पालघर जिले में आज से साढे पांच साल पहले दो साधुओं की मॉब लिंचिंग हुई थी। इस मॉब लिंचिंग में दोनों साधुओं की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी। साधुओं की हत्या का आरोप पालघर के नेता काशीनाथ चौधरी पर लगा था कि साधुओं की पीटकर मारने में उसका भी हाथ था। खुद बीजेपी ने काशीनाथ चौधरी को इस मामले में मुख्य आरोपी बताकर पूरे देश में मुद्दा उठाया था। उस समय महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे (महाविकास अघाड़ी) की सरकार थी, बीजेपी ने ठाकरे सरकार को साधुओं की हत्या मुद्दे पर घेर लिया था।

 

उसी काशीनाथ चौधरी को बीजेपी ने अपनी पार्टी में शामिल करवा लिया। जब यह मामला मीडिया में आया तो बीजेपी के दोहरे रवैये को लेकर महाराष्ट्र से लेकर दिल्ली तक सवाल उठने लगे। आनन-फानन में बीजेपी की महाराष्ट्र इकाई ने सोमवार को काशीनाथ चौधरी को पार्टी में शामिल करने पर रोक लगा दी।

 

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कार्यक्रम में बीजेपी की सदस्यता दिलवाई

काशीनाथ को पालघर में आयोजित एक कार्यक्रम में बीजेपी की सदस्यता दिलवाई गई थी। इसकी खुद बीजेपी के नेता और समर्थक आलोचना करने लगे थे। इसके बाद बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष रवींद्र चव्हाण ने उसे पार्टी से बाहर करने का निर्देश जारी कर दिया।

बीजेपी ने लिया यू टर्न

बीजेपी ने एक बयान में कहा कि आधिकारिक जांच रिकॉर्ड के मुताबिक, काशीनाथ चौधरी मामले से संबंधित किसी भी एफआईआर या आरोप-पत्र में नामजद नहीं है। बयान में कहा गया, 'लेकिन मामले की गंभीरता को देखते हुए राज्य स्तर पर काशीनाथ के शामिल होने के संबंध में फैसले पर अस्थायी रूप से रोक लगाई जाती है।' राज्य बीजेपी अध्यक्ष ने कहा कि अंतिम फैसला लेने से पहले मामले की और समीक्षा की जाएगी।

कांग्रेस ने बीजेपी को घेरा

वहीं, इस मामले को लेकर कांग्रेस ने बीजेपी का आड़े हाथों लिया है। कांग्रेस ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मएक्स’ पर का कि बीजेपी ने काशीनाथ चौधरी पर पालघर भीड़ हिंसा मामले में मुख्य आरोपी होने का आरोप लगाया था और घटना के बाद उसपर निशाना साधा था। विपक्षी दल कांग्रेस ने पोस्ट में कहा, 'हालांकि, खबर यह है कि काशीनाथ चौधरी को बहुत धूमधाम से बीजेपी में शामिल कर लिया गया है। यह बीजेपी का दोहरा मापदंड है'

 

 

 

 

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बता दें कि महाराष्ट्र के गढ़चिंचले गांव में 16 अप्रैल, 2020 को दो साधुओं, 70 साल के चिकने महाराज कल्पवृक्षगिरी और 35 साल के सुशील गिरी महाराज और उनके 30 साल के ड्राइवर नीलेश तेलगड़े की भीड़ ने कोविड-19 लॉकडाउन में बच्चा चोर होने की आशंका में पत्थर से पीटकर हत्या कर दी थी। घटना के समय बीजेपी ने तत्कालीन महा विकास आघाडी सरकार पर निशाना साधा था। उस समय काशीनाथ चौधरी अविभाजित NCP सदस्य थ