बिहार के सबसे बड़ी सियासी घरानों में से एक लालू यादव परिवार में कलह मची है। तेजस्वी यादव, जिस संजय यादव के सहारे बिहार का विधानसभा चुनाव जीतना चाह रहे थे, वही लालू परिवार के सबसे बड़े खलनायक कहे जा रहे हैं। वही नहीं, तेजस्वी यादव के जिगरी यार रमीज नेमत खान को भी रोहिणी आचार्य विलेन बता रहीं हैं। रमीज का अतीत भी दागदार रहा है। तेजस्वी यादव के 'सगे' भाई-बहन कह रहे हैं कि संजय यादव और रमीज की वजह से उनका परिवार टूट रहा है।
तेजस्वी यादव के परिवार में मचे कलह के लिए लोग संजय यादव को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। तेज प्रताप यादव से लेकर रोहिणी आचार्य तक, संजय यादव को पार्टी का 'जयचंद' बता रही हैं लेकिन संजय यादव की सियासत पर इसका जरा सा असर नहीं हुआ है। रोहिणी आचार्य ने तेजस्वी, संजय यादव और रमीज नाम के एक शख्स का नाम लेकर पार्टी और परिवार से सारे रिश्ते तोड़ लिया है।
बिहार में कहा जा रहा है कि तेजस्वी यादव के साथ साए की तरह रहने वाले संजय यादव ने पार्टी हाइजैक कर ली है। बिहार विधानसभा चुनावों में मिली करारी हार के बाद अब लालू परिवार के कुनबे में मची कलह भी सार्वजनिक हो गई है। तेज प्रताप यादव को पिता लालू यादव ने 6 साल के लिए पार्टी और घर से निकाला, अब रोहिणी आचार्य भी पार्टी और परिवार से दूर जाती दिख रही हैं।
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'संजय यादव और रमीज ने कहा- परिवार से नाता तोड़ लो'
अपनी किडनी देकर लालू यादव की जान बचाने वाली रोहिणी आचार्य ने यह कहते हुए परिवार छोड़ दिया कि उन्हें अपमानित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव, संजय यादव और रमीज चाहते हैं कि वह परिवार और पार्टी छोड़ दें। रोहिणी आचार्य ने X पर पहली बार सार्वजनिक तौर पर लिखा-
रोहिणी आचार्य:-
मैं राजनीति छोड़ रही हूं और अपने परिवार से नाता तोड़ रही हूं। संजय यादव और रमीज ने मुझसे यही करने को कहा था और मैं सारा दोष खुद पर ले रही हूं।
घर छोड़कर एयरपोर्ट पहुंची, वहीं छलक पड़ा दर्द
रोहिणी आचार्य कुछ दिनों से लालू और राबड़ी देवी के घर पर रह रहीं थीं। उन्होंने अचानक घर छोड़ दिया और पटना एयरपोर्ट पर पहुंच गईं। वहां मीडिया के कुछ लोग थे। मीडिया ने उनसे सवाल किया तो उन्होंने कहा कि अब उनका कोई परिवार नहीं है। अगर उन्होंने संजय यादव के खिलाफ कुछ कहा तो चप्पल से पीट दिया जाएगा।
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रोहिणी आचार्य:-
मेरा कोई परिवार नहीं है। जिम्मेदारी नहीं लेनी है। चाणक्य से पूछिए, जाकर संजय यादव, तेजस्वी से पूछिए। सवाल पूछने पर गाली दिया जाएगा, चप्पल से पिटवाया जाएगा।
कौन हैं रमीज, जिन पर आरोप लगा रहीं हैं रोहिणी आचार्य?
- रमीज का पूरा नाम, रमीज नेमत खान बताया जा रहा है। वह राष्ट्रीय जनता दल से जुड़े हैं और टीम तेजस्वी का हिस्सा हैं। वह तेजस्वी यादव की कैंपेनिंग टीम का हिस्सा हैं। कैंपेनिंग, रूटीन और सोशल मीडिया मैनेजमेंट की जिम्मेदारी उन पर है। वह तेजस्वी यादव के पुराने दोस्त हैं, यूपी के बलरामपुर जिले के रहने वाले हैं।
- रमीज नेमत खान, समाजवादी पार्टी के पूर्व सांसद रिजवान जहीर के दामाद बताए जा रहे हैं। रमीज नेमत खान पर पूर्व चेयरमैन फिरोज पप्पू की गला रेतकर हत्या करने के आरोप हैं। पुलिस ने हत्या के आरोप में रिजवान जहीर के साथ-साथ दामाद रमीज और बेटी जेबा रिजवान को भी आरोपी मानकर गिरफ्तार किया था। रमीज को तो जमानत मिल गई लेकिन रिजवान जहीर अभी तक जेल में हैं।
- रमीज पर कई संगीन मामले दर्ज हैं। रमीज हत्या और रंगदारी के आरोपी रहे हैं। उन पर आरजेडी के टिकट बेचने और अपने प्रभाव के दुरुपयोग के भी आरोप लगे हैं। वह तेजस्वी यादव के पुराने दोस्त हैं। 2025 के विधानसभा चुनाव में भी उनकी अहम भूमिका रही है। रोहिणी आचार्य ने उनके साथ अनबन के आरोप लगे हैं।
रोहिणी ने क्या आरोप लगाया है?
रोहिणी आचार्य का आरोप है कि संजय यादव और रमीज नहीं चाहते हैं कि रोहिणी आचार्य सियासत और परिवार में दखल दें। उन्होंने बिहार में हुई हार का ठीकरा संजय यादव और रमीज पर फोड़ते हुए कहा कि इनका नाम लेने पर गालियां पड़ती हैं, चप्पल पड़ सकते हैं। उन्होंने घर से निकाले जाने और बदनाम करने की कोशिश के आरोप भी लगाए।
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रोहिणी आचार्य:-
मेरा कोई परिवार नहीं है। संजय-रमीज का नाम लीजिए तो घर से निकाल दिया जाएगा, आपको बदनाम किया जाएगा, गालियां दिलवाई जाएंगी और चप्पल उठाकर मारा जाएगा।
संजय यादव और रोहिणी आचार्य का झगड़ा क्या है?
बिहार अधिकार यात्रा के दौरान बस में जिस सीट पर तेजस्वी यादव बैठते थे, उसी सीट पर संजय यादव के बैठने की एक तस्वीर वायरल हुई थी। संजय यादव की इस तस्वीर पर रोहिणी आचार्य ने आपत्ति जताई थी। रोहिणी ने एक पोस्ट शेयर की, जिसमें कहा गया था कि यह सीट, हमेशा से ही सबसे बड़े नेता की है। अगर कोई खुद को शीर्ष नेतृत्व से बड़ा समझता है तो यह गंभीर बात है। पहली बार यह कलह सामने आई थी। रोहिणी ने एक और पोस्ट में कहा था कि वह आत्मसम्मान से समझौता नहीं करेंगी। कुछ जानकारों ने दावा किया था कि वह विधानसभा चुनावों में खुद उतरना चाह रहीं थीं लेकिन संजय यादव ने ऐसा नहीं होने दिया।
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तेज प्रताप और रोहिणी आचार्य का दर्द एक जैसा क्यों है?
तेज प्रताप यादव सार्वजनिक मंचों से कई बार कह चुके हैं कि उनके परिवार में कुछ जयचंद हैं जो बार-बार परिवार तोड़ने की कोशिश करते हैं। संजय यादव का नाम वह साफ तौर पर ले चुके हैं, रमीज का नाम पहली बार रोहिणी आचार्य ने लिया है। तेज प्रताप यादव, अनुष्का यादव के साथ प्रेम संबंधों को सार्वजनिक करने के बाद परिवार से 6 साल के लिए निष्कासित कर दिए गए थे। उन्होंने जन शक्ति जनता दल के नाम से पार्टी बनाई। पार्टी का प्रदर्शन बिहार में शून्य रहा, वह अपनी विधानसभा महुआ भी गंवा बैठे। रोहिणी आचार्य ने बिहार विधानसभा चुनावों के प्रचार के दौरान ही संजय यादव की भूमिका को लेकर सवाल उठाए थे।
