बिहार विधानसभा में मिली प्रचंड जीत के बाद कल पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में नीतीश कुमार ने 10वीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। नीतीश 10 बार मुख्यमंत्री की शपथ लेने वाले पहले मुख्यमंत्री बन चुके हैं। नीतीश के साथ उनकी कैबिनेट के 26 मंत्रियों ने भी शपथ लिया। इन कैबिनेट में श्रेयसी सिंह को भी जगह मिली। दूसरी बार बिहार विधानसभा में पहुंची श्रेयसी ने कल मंत्री पद की शपथ लेकर नीतीश कैबिनेट की सबसे युवा मंत्री बन गई हैं। श्रेयसी का राजनीतिक करियर भले ही कुछ ही सालों का हो लेकिन इससे पहले वह एक एथलीट के रूप में अपनी पहचान बना चुकी हैं।
श्रेयसी सिंह पूर्व केंद्र मंत्री दिग्विजय की सिंह के बेटी हैं। उन्होंने लगातार दूसरी बार जमुई विधानसभा सीट से जीत दर्ज की है। श्रेयसी की राजनीतिक पहचान अब एक मंत्री की हो गई है लेकिन उन्हें बिहार की 'गोल्डन गर्ल' के नाम से भी जाना जाता है। वह शूटिंग के खेल में देश का प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं। देश का नाम रोशन करने के बाद अब श्रेयसी सिंह परिवार की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ रही हैं। श्रेयसी सिंह राजनीति और खेलों में तो नाम कमा ही चुकी हैं लेकिन छात्र जीवन में भी उन्होंने अपनी प्रतिभा को दिखाया था। उनकी पढ़ाई दिल्ली में ही हुई है। उन्होंने दिल्ली पबल्कि स्कूल से अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की है। इसके बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी के हंसराज कॉलेज में एडमिशन लिया और इसके बाद उन्होंने एमबीए भी की।
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कौन हैं श्रेयसी सिंह?
बिहार के एक बड़े परिवार से ताल्लुक रखने वाली श्रेयसी सिंह ने एक एथलीट के तौर पर अपनी पहचान बनाई है। उन्होंने शूटिंग में गोल्ड मेडल जीतकर देश का नाम रोशन किया। यही कारण है कि उन्हें बिहार की 'गोल्डन गर्ल' भी कहा जाता है। श्रेयसी सिंह ने 2018 के गोल्ड कोस्ट कॉमनवेल्थ गेम्स में शूटिग की डबल ट्रैप कैटेगरी में गोल्ड मेडल जीता था।
इससे पहले 2014 के ग्लास्गो कॉमनवेल्थ गेम्स में श्रेयसी सिंह ने डबल ट्रैप स्पर्धा में सिल्वर मेडल अपने नाम किया था। 2010 में दिल्ली में आयोजिक कॉमनवेल्थ गेम्स में भी श्रेयसी सिंह ने सिल्वर मेडल जीता था। श्रेयसी के मेडलों की लिस्ट बहुत लंबी है। इसमें 2014 के इचियोन एशियन गेम्स में ब्रॉन्ज, एशियन चैंपियनशिप में तीन गोल्ड और तीन सिल्वर भी शामिल हैं। खेलों में उनके योगदान के लिए 2018 में अर्जुन अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था।
राजनीतिक परिवार में जन्म
श्रेयसी सिंह का जन्म बिहार के एक बड़े राजनीतिक परिवार में 24 अगस्त 1991 को हुआ था। उनके पिता दिग्विजय सिंह केंद्र सरकार में कई बार मंत्री रह चुके हैं और उनकी मां पुतुल कुमारी भी सांसद रह चुकी हैं। उनके पिता जनता दल, समता पार्टी, जनता दल (यूनाइटेड) जैसी पार्टियों से जुड़े रहे। उन्होंने केंद्र सरकार में विदेश मंत्रालय, कॉमर्स एंड इंडस्ट्री और रेलवे जैसे अहम मंत्रालयों में राज्यमंत्री के तौर पर काम किया। साल 2010 में ब्रेन हैमरेज के कारण उनका निधन हो गया था। वह बिहार की बांका लोकसभा से चुनाव जीतकर लोकसभा पहुंचे थे। श्रेयसी मूल रूप से बिहार के जमुई जिले के गिद्धौर की रहने वाली हैं।
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2020 में लड़ा पहला चुनाव
श्रेयसी सिंह ने एथलीट के रूप में पहचान बनाने के बाद साल 2020 के विधानसभा चुनाव लड़ने का फैसला किया। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर जमुई सीट से चुनाव लड़ा। उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन के पहले ही चुनाव में राष्ट्रीय जनता दल के विजय प्रकाश यादव को 41,049 वोटों के बड़े अंतर से हराया। 30 साल से भी कम उम्र में श्रेयसी बिहार विधानसभा की सदस्य बन गई थीं। इस साल हुए विधानसभा चुनावों में पार्टी ने फिस से उन पर विश्वास दिखाया और जमुई से उन्हें टिकट दिया। इस बार भी उन्होंने जीत दर्ज की और अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी को करीब 55,000 वोटों से मात दी।
बिहार कैबिनेट की सबसे युवा मंत्री
2025 में हुए विधानसभा चुनावों में मिली प्रचंड जीत के बाद 20 नवंबर को पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में नीतीश कुमार ने 10वीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। उनके साथ कुल 26 मंत्रियों ने शपथ ली, जिनमें श्रेयसी सिंह का नाम भी शामिल था। वे बिहार सरकार में सबसे युवा मंत्री बन गई हैं। बिहार सरकार में अभी मंत्रायलों का बंटवारा नहीं हुआ है लेकिन माना जा रहा है कि श्रेयसी सिंह को उनके बैकग्राउंड के कारण खेल और युवाओं से संबंधित विभाग की जिम्मेदारी मिल सकती है। बिहार की राजनीति में श्रेयसी अब एक युवा चेहरे के रूप में अपनी पहचान बना चुकी हैं।
