IAS अधिकारी टीना डाबी एक बार फिर सुर्खियों में हैं। उन्हें राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने टीना डाबी को 'प्रथम जल संचय जन भागीदारी पुरस्कार' से सम्मानित किया। उन्हें राजस्थान के बाड़मेर जिले में बालू से पानी निकालने वाले मॉडल के लिए दो करोड़ रुपये का इनाम दिया गया है। बाड़मेर जिले में पानी की कमी रहती है लेकिन टीना डाबी के प्रयासों से अब यहां जल संचय का एक बेहतरीन मॉडल लागू है। उनका यह मॉडल बारिश के पानी को इकट्ठा करने का एक राष्ट्रीय मॉडल बन गया है। इस मॉडल के बाद से टीना डाबी एक बार फिर चर्चा में हैं और लोग उनके कामों के लिए उनकी प्रशंसा कर रहे हैं। 

 

टीना डाबी वर्तमान में राजस्थान के बाड़मेर की जिला कलेक्टर हैं। इस सुदूर रेगिस्तानी इलाके में रेतीली जमीन है, जिसके कारण यहां पानी की कमी रहती है। इस इलाके में बारिश भी कम होती है। 'कैच द रेन'अभियान के तहत बाड़मेर जिले ने बारिश के पानी को सरंक्षित करने में बेहतरीन प्रदर्शन किया है। इसके लिए जिला कलेक्टर टीना डाबी को दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित एक कार्यक्रम में राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मु ने  सम्मानित किया। 

 

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बाड़मेर में बारिश का पानी सहेजने के प्रयास

बाड़मेर जिले में पानी की समस्या बहुत  बड़ी समस्या है। जिला कलेक्टर के रूप में काम करते हुए टीना डाबी ने 'कैच द रेन' अभियान के तहत बडे़ पैमाने पर टांका का निर्माण करवाया। टांका एक पारंपरिक तरीके से बारिश का पानी सहेजने की एक बेहतरीन व्यवस्था है। इससे बारिश के समय पानी को टांका में जमा किया जाता है। यह पानी बेकार में बह जाता था लेकिन टांका में रखने से पानी का बाद में इस्तेमाल किया जा सकता है। बड़े स्तर पर टांका बनाने से लोगों को अब बारिश के बाद भी 3-4 महीने तक पानी मिलता रहता है और बाड़मेर जैसे इलाके में लोगों के लिए यह किसी वरदान से कम नहीं है। 

 

 

 

टीना डाबी ने इस सफलता को पूरे जिले के लोगों को समर्पित किया। उन्होंने लोगों की जागरूकता की तारीफ भी की। बाड़मेर जिले में कैच द रेन अभियान के तहत 87 हजार पानी के टांकों का निर्माण हुआ है। इसमें बारिश का पानी इकट्ठा किया जाता है और बरसातों के बाद इस्तेमाल किया जाता है। 

क्या बोलीं टीना डाबी?

टीना डाबी ने सम्मान मिलने के बाद मीडिया से बात करते हुए कहा, 'बाड़मेर जिले में पानी की समस्या सबसे बड़ी है। जिले के लोगों को बारिश के बाद पानी के लिए परेशान रहना पड़ता है लेकिन अब इस प्रयास से उनकी समस्या कुछ हद तक हल हो गई है। अब बारिश के बाद भी ग्रामीणों को 3-4 महीने मीठा पानी आसानी से मिल जाता है।' टीना डाबी ने इस सम्मान को जिले के लोगों और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ-साथ कर्मचारियों को समर्पित किया। उन्होंने कहा कि यह एक सामूहिक प्रयास का नतीजा है। 

 

उन्होंने कहा, ' यह सम्मान टीमवर्क और जनभागीदारी का परिणाम है और आने वाले समय में जल संरक्षण के लिए और बेहतर काम किया जाएगा. बाड़मेर जिले में ग्रामीण क्षेत्रों में टांका निर्माण के माध्यम से वर्षा जल संग्रहण को बढ़ावा दिया गया है जिससे ग्रामीण अब पीने के पानी के रूप में इसका उपयोग कर रहे हैं। छतों पर वर्षा जल संचयन, झीलों, तालाबों और बावड़ियों को दोबारा से नया रूप देने का काम किया जा रहा है।'

 

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टीना डाबी क्यों हैं मशहूर?

टीना डाबी सुर्खियों में रहने वाली अधिकारी हैं। वह वर्तमान में बाड़मेर जिला कलेक्टर के रूप में सेवाएं दे रही हैं। उनकी पर्सनल लाइफ से लेकर उनका स्टाइल तक चर्चा में रहता है। युवाओं में उनका बहुत ज्यादा क्रेज है। इसके पीछे उनका अब तक का रिपोर्ट कार्ड बड़ी वजह है। टीना डाबी पहली बार साल 2015 में चर्चा में आई। उन्होंने 2015 में UPSC की परीक्षा पास की थी। उन्होंने इस परीक्षा में पहले ही प्रयास में इस परीक्षा में टॉप किया था। उन्हें ऑल इंडिया रैंक-1 मिली थी।

 

 

कम उम्र में पहले ही प्रयास में इतनी बड़ी सफलता के बाद देशभर में टीना मशहूर हो गईं। टीना डाबी की बहन रीया डाबी ने भी 2020 में UPSC की परीक्षा पास की थी। टीना ने 2018 में शादी की लेकिन दो साल बाद ही उन्होंने तलाक ले लिया। राजस्थान में बड़े पदों पर पोस्टिंग के दौरान लोगों ने उनके काम की खूब प्रशंसा की है।