बिहार विधानसभा विधानसभा चुनावों के नतीजे आ चुके हैं और इन चुनावों में एनडीए की बंपर जीत हुई है। एनडीए की आंधी में सभी विपक्षी पार्टियां दूर-दूर तक नहीं टिक पाईं। लालू यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव की पार्टी जनशक्ति जनता दल (जेजेडी) के प्रत्याशी के तौर पर महुआ विधानसभा से चुनाव लड़ रहे थे लेकिन उन्हें भारी मतों से हार का सामना करना पड़ा है। अब उनकी हार पर उनके एक समर्थक ने भावनात्मक वीडियो शेयर किया है। वह कह रहे हैं कि तुम लोगों ने वैसे हीरे को हराया है जिसने महुआ को पहचान दी थी। 

 

तेजप्रताप यादव जेजेडी से महुआ विधानसभा चुनाव के उम्मीदवार थे। उन्हें कुल 35,703 वोट मिले लेकिन इस सीट पर लोक जन शक्ति पार्टी के उम्मीदवार संजय कुमार सिंह को जीत मिल गई है। उन्हें 87,641 वोट मिले और उन्हें दूसरे नंबर पर रहे मुकेश कुमाप रौशन से 44,997 वोट ज्यादा मिले। मुकेश राष्ट्रीय जनता दल के प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ रहे थे। तेज प्रताप यादव को कुल वोटों का 16.9 प्रतिशत वोट मिले और 50,000 से ज्यादा वोटों के अंतर से उन्हें हार मिली। 

 

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क्या बोले समर्थक?

तेज प्रताप यादव के समर्थक अपने नेता के लिए भावुक हो रहे हैं। एक समर्थक ने उनकी हार के बाद सोशल मीडिया पर वीडियो मैसेज शेयर किया। उन्होंने कहा, 'महुआ वालों तुमने अपने हीरे को हराया है और ऐसे हीरे को हराया है जिसने महुआ को पहचान दी थी। खैर तेजप्रताप भईया ने कहा है कि महुआ को उन्होंने पहले भी सीने से लगाकर रखा था और आगे भी रखेंगे। तेजप्रताप भईया ने बहुत अच्छी लड़ाई है।'

'ऐसे नेता के साथ वैसा नहीं'

महुआ की हार के बाद तेजप्रताप यादव की हार पर कहा कि वह एक अच्छे नेता हैं। उन्होंने आगे कहा, 'जितना भी हो सका लोगों ने साथ दिया और महुआ के लोगों ने वोट दिया। ऐसे नेता के साथ वैसा नहीं करना चाहिए था। काम किया था उन्होंने और उन्हें वोट देना चाहिए था। कोई नहीं आगे भी मेहनत करेंगे और लोगों से मिलेंगे। तेजप्रताप यादव गरीबों के नेता हैं और आगे भी काम करते रहेंगे। उनके जैसा नेता कोई और नहीं हो सकता। हार कर भी हमारी जीत की चर्चा है।'

 

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चुनावों के नतीजे

बिहार विधानसभा चुनावों में एनडीए की प्रचंड जीत हुई है। भारतीय जनता पार्टी ने 101 सीटों पर चुनाव लड़ा था और उन्हें 89 सीटों पर जीत मिली है। जनता दल (यू) ने भी 101 सीटों पर चुनाव लड़ा और 85 सीटों पर जीत दर्ज की। वहीं विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल को सिर्फ 25 सीटों पर ही जीत मिली। चिराग की पार्टी को 19 सीटों पर वोट मिले हैं। वहीं, देश में मुख्य विपक्षी पार्टी की भूमिका निभाने वाली कांग्रेस पार्टी को मात्र 6 सीटें ही मिली हैं। तेज प्रताप यादव ने परिवार और पार्टी से अलग होकर अपनी अलग पार्टी बनाई थी लेकिन उनकी पार्टी को एक भी सीट नहीं मिली थीं।