सातवें वेतन आयोग की समाप्ति से एक साल पहले सरकार ने 2026 में 8वें वेतन आयोग के गठन का फैसला किया है। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने गुरुवार सुबह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक के दौरान यह फैसला लिया।

 

उन्होंने संवाददाताओं को यह भी बताया कि आयोग के अध्यक्ष और दो सदस्यों की नियुक्ति जल्द ही की जाएगी। सातवें वेतन आयोग की स्थापना 2016 में हुई थी और इसका कार्यकाल 31 दिसंबर 2025 को समाप्त होगा।

पहले शुरू हो रही प्रक्रिया

वैष्णव ने कहा कि एक साल पहले प्रक्रिया इसलिए शुरू की जा रही है ताकि सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें पूरी होने से पहले सिफारिशें प्राप्त करने और उनकी समीक्षा करने के लिए पर्याप्त समय मिल जाएगा।


केंद्र सरकार द्वारा अपने कर्मचारियों के वेतन के स्ट्रक्चर को संशोधित करने और पेंशन भुगतान निर्धारित करने के लिए लगभग हर दशक में एक वेतन आयोग का गठन किया जाता है। 1947 से अब तक सात वेतन आयोग स्थापित किए जा चुके हैं।

2016 में गठित हुआ था पिछला वेतन आयोग

मोदी सरकार ने जनवरी 2016 में सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू की थीं। चौथे, पांचवें और छठे वेतन आयोग का कार्यकाल भी 10 साल का था। सिफारिशों में सरकारी अधिकारियों के वेतन में 14 प्रतिशत की बढ़ोतरी शामिल थी। सातवें वेतन आयोग के अध्यक्ष जस्टिस अशोक कुमार माथुर हैं।

क्या होगा असर

पिछला वेतन आयोग जनवरी 2016 में लागू हुआ था और इसमें फिटमेंट फैक्टर 2.57 का इस्तेमाल करते हुए न्यूनतम मूल वेतन को ₹7,000 से बढ़ाकर ₹18,000 कर दिया गया था।

 

इस बार एक्सपर्ट्स के मुताबिक माना जा रहा है कि 8वें वेतन आयोग में न्यूनतम मूल वेतन में 186 प्रतिशत की आश्चर्यजनक वृद्धि होगी।