सरकार के ताजा आंकड़ों के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2025-26 में 19 जून तक कुल डायरेक्ट टैक्स संग्रह में करीब 5% की वृद्धि हुई और यह ₹5.45 लाख करोड़ से अधिक रहा। हालांकि, इस दौरान अधिक रिफंड के कारण नेट राजस्व में 1.4% की कमी आई और यह ₹4.59 लाख करोड़ रहा। 1 अप्रैल से 19 जून 2025 तक रिफंड में 58.04% की बड़ी बढ़ोत्तरी हुई। इस अवधि में ₹86,385.31 करोड़ का रिफंड दिया गया, जबकि पिछले साल (2024-25) में यह राशि ₹54,660.79 करोड़ थी। सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेस (CBDT) ने कहा, 'यह बढ़ोतरी बेहतर टैक्स पेयर सर्विस और तेजी से रिफंड जारी करने का परिणाम है।'

 

कॉरपोरेट टैक्स (CT) के तहत रिफंड में 67.3% की वृद्धि हुई। इस साल अप्रैल-जून (19 जून तक) में ₹76,832.08 करोड़ का रिफंड दिया गया, जबकि पिछले साल यह राशि ₹45,921.22 करोड़ थी। दूसरी ओर, गैर-कॉरपोरेट टैक्स (NCT), जिसमें ज्यादातर व्यक्तिगत करदाता शामिल हैं, के तहत रिफंड में केवल 9.44% की बढ़ोतरी हुई और यह ₹9,551.11 करोड़ रही। NCT में व्यक्तिगत आयकर के अलावा हिंदू अविभाजित परिवार (HUF), स्थानीय प्राधिकरण और कृत्रिम न्यायिक व्यक्ति शामिल हैं।

 

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कुल रेवेन्यू घटा

2025-26 में 19 जून तक ग्रॉस कॉरपोरेट टैक्स संग्रह 9.45% बढ़कर ₹2,49,672.09 करोड़ हो गया, जो पिछले साल ₹2,28,109.92 करोड़ था। लेकिन अधिक रिफंड के कारण नेट कॉरपोरेट टैक्स में 5.4% की कमी आई और यह ₹1,72,840.01 करोड़ रहा।

 

गैर-कॉरपोरेट टैक्स में मामूली बढ़ोत्तरी

गैर-कॉरपोरेट टैक्स (NCT) का ग्रॉस कलेक्शन 1% से भी कम बढ़ा और यह बढ़कर ₹2,82,262.41 करोड़ हो गया। कम रिफंड के कारण नेट NCT संग्रह में 1% की वृद्धि हुई और यह ₹2,72,711.30 करोड़ रहा।

 

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एडवांस टैक्स 3.87% बढ़ा

1 अप्रैल से 19 जून 2025 तक एडवांस टैक्स कलेक्शन में 3.87% की वृद्धि हुई और यह ₹1.56 लाख करोड़ रहा। कॉरपोरेट एडवांस टैक्स में 5.86% की बढ़ोतरी के साथ ₹1,21,604.48 करोड़ जमा हुए, जबकि गैर-कॉरपोरेट करदाताओं से कलेक्शन 2.68% घटकर ₹33,928.32 करोड़ रहा। एडवांस टैक्स जून, सितंबर, दिसंबर और मार्च में चार किश्तों में जमा किया जाता है।