इनकम टैक्स रिटर्न यानी ITR भरने की मोहलत एक दिन और बढ़ गई है। इसे भरने की आखिरी तारीख पहले 31 जुलाई थी, जिसे बढ़ाकर 15 सितंबर किया गया था। अब इसे एक दिन और बढ़ाकर 16 सितंबर कर दिया गया है। अगर आपकी सालाना कमाई टैक्स के दायरे में नहीं भी आती है, तब भी ITR भरने के कई फायदे होते हैं। इससे सरकार के पास आपकी कमाई का रिकॉर्ड हो जाता है, जिससे लोन वगैरह मिलने में आसानी हो जाती है।
अब जब ITR की बात चल रही है तो यह भी जानना जरूरी है कि भारत में मिडिल क्लास और अपर क्लास को लेकर इससे क्या कुछ पता चल सकता है? ITR के आंकड़ों से पता चलता है कि भारत में कितने टैक्सपेयर की सालाना कमाई कितनी है?
पिछले महीने ही 11 अगस्त को वित्त मंत्रालय ने लोकसभा में ITR से जुड़े आंकड़े रखे थे। इसमें बताया गया था कि असेसमेंट ईयर 2020-21 से असेसमेंट ईयर 2024-25 तक किसी सैलरी ब्रेकअप में कितने ITR फाइल हुए थे। इसमें बताया गया था कि असेसमेंट ईयर 2024-25 के लिए 30 जून तक 3.40 करोड़ से ज्यादा ITR दाखिल हो चुके थे। इनमें 8.42 लाख टैक्सपेयर्स ऐसे थे जिनकी सालाना कमाई 25 से 50 लाख रुपये तक थी।
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कौन हैं ITR दाखिल करने वाले?
आमतौर पर मान लिया जाता है कि अगर सालाना 2.5 लाख रुपये से कम कमाई है तो ITR फाइल करने की जरूरत नहीं है। इतनी कम कमाई होने पर अगर ITR नहीं भरते हैं तो नुकसान तो कुछ नहीं है लेकिन भर देते हैं तो फायदा ही होता है।
अगर सालाना 50 लाख तक की आय है तो ITR-1 फॉर्म भरना होता है। सरकार ने लोकसभा में ITR-1 फाइल करने वालों की संख्या बताई थी। इसके मुताबिक, AY 2024-25 में 36 लाख से ज्यादा टैक्सपेयर्स ऐसे हैं, जिनकी सालाना आय 2.5 लाख रुपये या इससे भी कम है।
ITR-1 फॉर्म भरने वालों में 34% यानी 1.16 करोड़ ऐसे हैं, जिनकी सालाना आय 2.5 लाख से 5 लाख रुपये तक है। 5 से 7.5 लाख तक की आय वालों की संख्या 91 लाख है। वहीं 8.42 लाख से ज्यादा टैक्सपेयर्स ऐसे हैं जिनकी सालाना आय 25 से 50 लाख रुपये तक है।

गुजरात से ज्यादा लखपति बिहार-झारखंड में!
ITR के आंकड़ों से यह भी पता चलता है कि लखपतियों के मामले में गुजरात से आगे बिहार और झारखंड है।
बिहार में 10.23 लाख लोगों ने ITR-1 फॉर्म भरा है। इनमें से 1,01,499 ऐसे थे जिनकी सालाना आय 12 लाख से 50 लाख रुपये तक थी। इसका मतलब हुआ कि बिहार में लगभग 10 फीसदी टैक्सपेयर्स की सालाना आय 12 से 50 लाख तक है।
इसी तरह झारखंड में कुल 6.90 लाख ने ITR-1 फॉर्म भरा, जिनमें से 1,34,353 की सालाना कमाई 12 से 50 लाख तक थी। यानी, झारखंड के लगभग 20 फीसदी टैक्सपेयर्स ऐसे हैं जिनकी सालाना आया 12 से 50 लाख तक है।
वहीं, बात गुजरात की जाए तो यहां AY 2024-25 में 20.16 लाख ने ITR-1 भरा था, जिनमें से 1,46,976 की सालाना आय 12 से 50 लाख रुपये तक है। यानी, गुजरात के सिर्फ 7 फीसदी टैक्सपेयर्स की कमाई ही 12 से 50 लाख के बीच है।
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कितने भारतीय करोड़पति हैं?
अभी असेसमेंट ईयर 2024-25 का फाइनल डेटा आना बाकी है, इसलिए करोड़पतियों की संख्या का अभी ताजा आंकड़ा नहीं है। हालांकि, AY 2023-24 के आंकड़े मौजूद हैं। इससे पता चलता है कि लगभग सवा दो लाख लोग ऐसे हैं, जो करोड़पति हैं। इनमें से 23 तो ऐसे हैं जिनकी सालाना आय 500 करोड़ रुपये से भी ज्यादा है।
सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्टर टैक्स (CBDT) की रिपोर्ट बताती है कि 1 करोड़ या इससे ज्यादा की सालाना कमाई के बारे में जानकारी देने वाले टैक्सपेयर्स की संख्या AY 2023-24 में 2.27 लाख से ज्यादा थी।
CBDT की रिपोर्ट के मुताबिक, AY 2023-24 में 1 से 5 करोड़ की सालाना आय बताने वाले टैक्सपेयर्स की संख्या 2,10,693 थी। इनमें 53% से ज्यादा लोग ऐसे थे, जो सैलरीड क्लास से आते थे। यानी कहीं न कहीं नौकरी करते थे।
वहीं, 5 से 10 करोड़ की सालाना आय बताने वालों की संख्या 10,386 थी। 10 से 25 करोड़ रुपये सालाना कमाने वालों की संख्या 4,438 थी। 25 से 50 करोड़ कमाने वाले 1,077 थे तो 50 से 100 करोड़ कमाने वाले 436 थे। 262 लोग ऐसे थे जिनकी सालाना आय 100 से 500 करोड़ रुपये थी। जबकि, 23 लोग ऐसे थे जो सालाना 500 करोड़ रुपये से भी ज्यादा कमाते थे। दिलचस्प बात यह है कि सालाना 100 से 500 करोड़ कमाने वाले 262 में से 19 ऐसे थे जो कहीं न कहीं नौकरी करते थे। कुल मिलाकर 2023-24 तक देशभर में 2,27,315 लोग ऐसे थे जिनकी सालाना आय 1 करोड़ रुपये या इससे ज्यादा थी।

