पहलगाम हमले के जवाब में भारतीय सेना ने जो जवाबी कार्रवाई की है उसे 'ऑपरेशन सिंदूर' का नाम दिया है। इस ऑपरेशन के अगले ही दिन कई ऐप्लिकेशन इस नाम से ट्रेडमार्क रजिस्टर कराने के लिए किए गए हैं। रिलायंस ग्रुप के जियो स्टूडियो ने भी इस ट्रेडमार्क के लिए आवेदन किया था। अब जियो स्टूडियो ने अपना आवेदन वापस लेते हुए कहा है कि एक जूनियर ने बिना अनुमति के ही आवेदन कर दिया था। रिलायंस ने यह भी कहा है कि उसे ऑपरेशन सिंदूर पर गर्व है और यह ट्रेडमार्क लेने की उसकी कोई इच्छा नहीं है।
इससे पहले, रिलायंस ने बुधवार यानी 7 मई को ही 'ऑपरेशन सिंदूर' शब्द का ट्रेडमार्क लेने के लिए आवेदन दिया था। क्लॉज 41 के तहत इस शब्द का ट्रेडमार्क 'गुड्स एंड सर्विसेज' के लिए मांगा गया था। रिलायंस के अलावा, आलोक कोठारी, मुकेश चेतराम अग्रवाल और रिटायर्ड ग्रुप कैप्टन कमल सिंह ओबरे ने भी इसी ट्रेडमार्क के लिए आवेदन दिया है।
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रिलायंस ने सफाई में क्या कहा?
रिलायंस ने अपने आधिकारिक बयान में कहा है, 'ऑपरेशन सिंदूर का ट्रेडमार्क करवाने की रिलायंस इंडस्ट्रीज की कोई इच्छा नहीं है। अब यह फ्रेज राष्ट्रीय चेतना का हिस्सा है और भारत की बहादुरी का प्रतीक है। रिलायंस इंडस्ट्रीज की यूनिट जियो स्टूडियोज ने अपना यह आवेदन वापस ले लिया है। यह आवेदन एक जूनियर शख्स ने बिना अनुमति के कर दिया था।'
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बयान में कहा गया है, 'रिलायंस इंडस्ट्रीज और उसके सभी स्टेकहोल्डर्स को पहलगाम में हुए पाकिस्तान प्रायोजित आतंकी हमले के जवाब में किए गए ऑपरेशन सिंदूर पर गर्व है। ऑपरेशन सिंदूर हमारी सेनाओं की बहादुरी की गौरवशाली कामयाबी है। आतंकवाद के खिलाफ इस लड़ाई में रिलायंस पूरी तरह से भारत सरकार और भारत की सेनाओं के खड़ा है।'