केंद्र सरकार ने जीवन और स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर GST (वस्तु एवं सेवा कर) से छूट देने का प्रस्ताव रखा है। यह जानकारी बिहार के उपमुख्यमंत्री और बीमा पर बने मंत्रियों के समूह (GoM) के संयोजक सम्राट चौधरी ने बुधवार को दी।

 

फिलहाल, स्वास्थ्य और जीवन बीमा प्रीमियम पर 18 प्रतिशत GST लगता है। चौधरी ने बताया कि GoM अपनी रिपोर्ट GST परिषद को सौंपेगा। इस रिपोर्ट में कुछ राज्यों के वित्त मंत्रियों की राय और चिंताओं को भी शामिल किया जाएगा।

 

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अक्टूबर तक आएगी रिपोर्ट

चौधरी ने पत्रकारों से कहा, ‘केंद्र सरकार का प्रस्ताव साफ है कि बीमा क्षेत्र की व्यक्तिगत और पारिवारिक पॉलिसियों को GST से छूट दी जानी चाहिए। इस पर चर्चा हो चुकी है और GoM की रिपोर्ट परिषद को दी जाएगी।’ उन्होंने बताया कि सभी सदस्यों ने GST दरों को कम करने की मंजूरी दी है। कुछ राज्यों ने अपनी अलग राय भी दी है, लेकिन अंतिम फैसला GST परिषद लेगी।

 

चौधरी 13 सदस्यीय GoM के संयोजक हैं, जिसमें उत्तर प्रदेश, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, केरल, आंध्र प्रदेश, गोवा, गुजरात, मेघालय, पंजाब, तमिलनाडु और तेलंगाना के मंत्री शामिल हैं। इस समूह को सितंबर में बनाया गया था और इसे अक्टूबर के अंत तक अपनी रिपोर्ट सौंपनी है।

बीमा बनेगा किफायती

केंद्र सरकार का यह प्रस्ताव अगली पीढ़ी के GST सुधार का हिस्सा है, जिसमें वस्तुओं और सेवाओं पर दो दरें - 5 प्रतिशत और 18 प्रतिशत - लागू होंगी। ये दरें उत्पादों को मेरिट और स्टैंडर्ड श्रेणियों में बांटकर तय की जाएंगी।

 

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वित्त वर्ष 2023-24 में केंद्र और राज्यों ने स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर GST के जरिए 8,262.94 करोड़ रुपये और स्वास्थ्य पुनर्बीमा प्रीमियम पर 1,484.36 करोड़ रुपये इकट्ठा किए।

यह कदम आम लोगों के लिए बीमा को और किफायती बना सकता है। GST परिषद के अंतिम फैसले का इंतजार अब सभी को है।