वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2024-25 का आर्थिक सर्वे पेश कर दिया है। निर्मला सीतारमण ने पहले लोकसभा और फिर राज्यसभा में इकोनॉमिक सर्वे पेश किया। सर्वे पेश होने के बाद दोनों ही सदनों की कार्यवाही को शनिवार तक के लिए स्थगित कर दिया गया। अब शनिवार को वित्त मंत्री 2025-26 का बजट पेश करेंगी।
इकोनॉमिक सर्वे से पता चलता है कि देश की आर्थिक स्थिति कैसी है? इससे ये भी पता चलता है कि पिछले वित्त वर्ष में अर्थव्यवस्था का प्रदर्शन कैसा रहा? और आने वाले वित्त वर्ष में कैसा रहेगा? अब जब आर्थिक सर्वे पेश हो गया है तो जानते हैं इसकी 10 बड़ी बातें क्या हैं?
आर्थिक सर्वे की 10 बड़ी बातेंः-
- GDP ग्रोथ रेटः आर्थिक सर्वे में अनुमान लगाया है कि मौजूदा वित्त वर्ष 2024-25 में GDP ग्रोथ रेट 6.4% रहने का अनुमान है। जबकि, आने वाले वित्त वर्ष यानी 2025-26 में ग्रोथ रेट 6.3 से 6.8% तक होने की उम्मीद है। यानी, GDP ग्रोथ रेट धीमी ही रह सकती है।
- महंगाई कितनी रहीः आर्थिक सर्वे में बताया गया है कि 2023-24 में महंगाई दर 5.4% रही, जो कोविड के बाद सबसे निचला स्तर था। हालांकि, इस दौरान खाद्य महंगाई दर 7.5 फीसदी तक पहुंच गई। सर्वे में खाद्य महंगाई दर में कमी आने का अनुमान लगाया गया है।
- कमाई कितनी बढ़ीः सर्वे के मुताबिक, 2023-24 की तुलना में 2024-25 में प्रति व्यक्ति आय में 8.5 फीसदी से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई है। करेंट प्राइस पर 2023-24 में प्रति व्यक्ति आय 1.84 लाख रुपये थी, जो 2024-25 में बढ़कर 2 लाख रुपये तक हो गई है।
- सभी सेक्टर का प्रदर्शन बेहतरः सर्वे में बताया गया है कि 2024-25 में सभी सेक्टर ने बेहतर प्रदर्शन किया है। कृषि सेक्टर में मजबूती बनी हुई है। इंडस्ट्रियल सेक्टर कोविड से पहले के स्तर पर पहुंच गया है। सर्विस सेक्टर में ग्रोथ जारी है।
- रोजगार का हालः 2024-25 के आर्थिक सर्वे के मुताबिक, पिछले 7 साल में लेबर मार्केट में मजबूती आई है। 2017-18 में बेरोजगारी दर 6 फीसदी थी जो 2023-24 में घटकर 3.2 फीसदी पर आ गई। EPFO सब्सक्राइबर्स भी बढ़े हैं। 2018-19 में EPFO सब्सक्राइबर्स की संख्या 61 लाख थी, जो 2023-24 तक दोगुनी बढ़कर 1.31 करोड़ हो गई।
- विदेशी मुद्रा भंडारः भारत का विदेशी मुद्रा भंडार मजबूत बना हुआ है। इससे 10 महीनों तक आयात किया जा सकता है। जनवरी 2024 तक विदेशी मुद्रा भंडार में 616.7 अरब डॉलर थे, जो 3 जनवरी 2025 तक बढ़कर 634.6 अरब डॉलर हो गया।
- कारोबार कैसा रहाः अप्रैल से दिसंबर 2024 में भारत का कुल निर्यात 602.6 अरब डॉलर रहा, जो सालाना आधार पर 6 फीसदी ज्यादा है। वहीं, इसी दौरान 682.2 अरब डॉलर का आयात हुआ जो 6.9 फीसदी ज्यादा है।
- विदेशी निवेशः आर्थिक सर्वे के मुताबिक, विदेशी निवेश में भी बढ़ोतरी दर्ज की गई है। 2023-24 के पहले आठ महीनों में 47.2 अरब डॉलर का विदेशी निवेश आया था। 2024-25 के शुरुआती 8 महीनों में 55.6 अरब डॉलर का FDI आया। सालाना आधार पर ये 17.9 फीसदी की ग्रोथ दिखाता है।
- कम्युनिकेशन और टेक्नोलॉजीः सरकार ने बताया है कि 31 अक्तूबर 2024 तक सभी राज्यों में 5G सर्विस शुरू हो गई है। 783 जिलों में से 779 में 5G सर्विस है। भारत नेट प्रोजेक्ट के तहत, दिसंबर 2024 तक 6.92 लाख किलोमीटर ऑप्टिकल फाइबर केबल बिछाई जा चुकी है। डेटा सेंटर मार्केट तेजी से बढ़ रहा है। 2023 तक डेटा सेंटर का बाजार 4.5 अरब डॉलर का था, जो 2032 तक बढ़कर 11.6 अरब डॉलर तक पहुंचने की उण्मीद है।
- AI को लेकर चिंताः आर्थिक सर्वे में AI की वजह से नौकरियों के खतरे पर चिंता जताई गई है। इसमें गोल्डमैन सैश के अर्थशास्त्रियों के हवाले से कहा गया है कि दुनियाभर में 30 करोड़ नौकरियों पर AI का खतरा मंडरा रहा है। IIM अहमदाबाद के सर्वे में 68 फीसदी कर्मचारियों ने आशंका जताई थी कि अगले 5 साल में AI उनकी नौकरी खत्म कर देगा।
क्या होता है आर्थिक सर्वे?
ये एक दस्तावेज होता है। इसमें मुख्य रूप से दो चीजें होती हैं। पहला- देश की आर्थिक स्थिति कैसी है? और दूसरा- पिछला वित्त वर्ष कैसा रहा? इस दस्तावेज को भी वित्त मंत्रालय तैयार करता है। इस रिपोर्ट में सिर्फ आंकड़े ही नहीं होते, बल्कि आर्थिक चुनौतियों और उनके समाधान के बारे में भी लिखा होता है।
आर्थिक सर्वे से पता चलता है कि देश की अर्थव्यवस्था किस तेजी से बढ़ रही है। जीडीपी कितनी बढ़ी? महंगाई कितनी बढ़ी? प्रति व्यक्ति आय कितनी बढ़ी? वित्तीय घाटा कितना रहा? रोजगार का हुआ? जैसी तमाम बातों का जिक्र इसमें होता है।