दिल्ली में नेताओं और राजनीतिक पार्टियों का काम खत्म हो गया है और अब बारी है वोटरों की। दिल्ली में विधानसभा चुनाव का प्रचार थम गया है और अब बुधवार को 70 सीटों पर वोट डाले जाएंगे। 27 साल से दिल्ली की सत्ता से दूर बीजेपी ने वापसी के लिए पूरी जान झोंक दी। वहीं, आम आदमी पार्टी ने भी सत्ता बनाए रखने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा दिया।
अगर इस चुनाव में आम आदमी पार्टी वापसी नहीं भी कर पाती है तो भी उस पर कोशिश न करने का आरोप नहीं लगाया जा सकेगा। बाकी पार्टियों की तुलना में आम आदमी पार्टी बहुत पहले ही दिल्ली के मैदान में उतर गई थी।
सितंबर से ही शुरू कर दिया था प्रचार!
पार्टी के एक सीनियर लीडर ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा, 'हमने सितंबर में ही प्रचार शुरू कर दिया था। ये शायद हमारा सबसे लंबा चुनावी कैंपेन रहा है। इस बार का कैंपेन 2015 के चुनाव की तरह ही था।'
उन्होंने कहा कि 'बड़ी-बड़ी रैलियां करने की बजाय घर-घर जाने का फैसला लिया गया। इसी तरह से हमने 10 साल पहले भी प्रचार किया था।' उन्होंने कहा, 'केजरीवाल ने नई दिल्ली सीट पर प्रचार करने के साथ-साथ एक दिन में कम से कम तीन जनसभाओं को संबोधित किया। हमारा ध्यान जमीनी स्तर पर मतदाताओं तक पहुंचने पर था।'
पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल के साथ-साथ पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और आम आदमी पार्टी से राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने भी जमकर प्रचार किया।
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2015 जैसा ही प्रचार
2025 में आम आदमी पार्टी ने प्रचार के लिए जिस तरह की रणनीति अपनाई, ठीक वैसी ही 10 साल पहले 2015 में भी अपनाई थी। पार्टी के नेता बताया, 'हमें लोगों का दिल फिर से जीतना था। हमें उन्हें विश्वास दिलाना था कि हम सिर्फ एक बार ही चमत्कार ही नहीं कर सकते। बल्कि इस बार भी चमत्कार कर सकते हैं। इसलिए हम बुनियादी बातों पर वापस लौट आए।'
2015 के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने 70 में से 67 सीटें जीती थीं। दिल्ली के इतिहास में ये पहली बार था जब किसी पार्टी ने इतनी ज्यादा सीटों पर जीत हासिल की थी।
पार्टी नेता ने कहा, '250 लोगों को हर पोलिंग बूथ का इंचार्ज बनाया गया था। वो पार्टी उम्मीदवारों को नहीं, बल्कि लीडरशिप को रिपोर्ट करते थे। उनके इनपुट के आधार पर रणनीति बनाई गई।'
उन्होंने बताया कि दिसंबर की शुरुआत से लेकर जनवरी के पहले हफ्ते तक AAP नेताओं ने जगह-जगह रामलीलाओं का मंचन किया। सौरभ भारद्वाज, सोमनाथ भारती और संजीव झा जैसे नेताओं ने जनता के साथ हर दिन बैठकें कीं।
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फ्री योजनाओं पर ब्रेक नहीं, बीजेपी को घेरने की रणनीति
रेवड़ियां बांटने के आरोप लगने के बावजूद आम आदमी पार्टी ने फ्री योजनाओं का ऐलान करने पर ब्रेक नहीं लगाया। अरविंद केजरीवाल ने चुनाव जीतने पर महिलाओं को हर महीने 2,100 रुपये देने का वादा किया है। पार्टी नेताओं का कहना है कि 5 हजार महिलाओं की एक टीम बनाई गई। इन महिलाओं ने घर-घर जाकर महिलाओं को केजरीवाल की योजनाओं से मिलने वाले फायदे के बारे में बताया।
इसके साथ ही पार्टी ने बीजेपी को घेरने की रणनीति भी जारी रखी। पार्टी नेता रैलियों में तो बीजेपी को घेर ही रहे थे लेकिन जमीन पर कार्यकर्ताओं ने भी इसका प्रचार किया। पार्टी कार्यकर्ता घर-घर जाकर बताते थे कि बीजेपी और उपराज्यपाल ने दिल्ली सरकार के कामकाज को ठप कर दिया है। उनकी वजह से सरकार ठीक तरह से काम नहीं कर पाती है।
केजरीवाल ने हर दिन आकर किसी न किसी वर्ग के लिए कोई नई योजना का ऐलान किया। जब पार्टी को लगा कि मिडिल क्लास उससे दूर हो रहा है तो केजरीवाल ने 10 लाख रुपये तक की आय टैक्स फ्री करने का मुद्दा उठाया। इसलिए जब वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में 12 लाख तक की आय टैक्स फ्री करने का ऐलान किया तो केजरीवाल ने इसे अपनी 'जीत' बताया।
इस बीच बीजेपी ने केजरीवाल को कथित शराब घोटाले और कथित शीशमहल को लेकर घेरने की कोशिश की। हालांकि, केजरीवाल और उनकी पार्टी इस पर तीखी प्रतिक्रिया देने से बची।
अरविंद केजरीवाल ने इस बार आम आदमी पार्टी की बड़ी जीत का दावा किया है। सोमवार को आखिरी रैली में केजरीवाल ने कहा, 'आम आदमी पार्टी की 55 सीटें आ रही हैं। अगर महिलाएं पूरा जोर लगा दें तो 60 से ज्यादा भी आ सकती हैं।'