आम आदमी पार्टी शुरू से ही परिवारवादी राजनीति का विरोध करती रही है। लेकिन अब खुद आप में भी इस तरह की राजनीति दिखने लगी है।
5 फरवरी को होने वाले इस बार के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी से ऐसे कई नेताओं के बेटों को टिकट दिया गया है जो पहले भी राजनीति में रहे हैं और खास बात यह है कि उनमें से कई आम आदमी पार्टी के टिकट पर ही चुनाव लड़ चुके हैं।
तो खबरगांव आपको ऐसे नेताओं के बारे में बता रहा है जिनके बेटों को आम आदमी पार्टी ने इस बार टिकट दिया है।
आले मोहम्मद खान
आले मोहम्मद इकबाल शोएब इकबाल के बेटे हैं और इस वक्त आम आदमी पार्टी से मटिया महल से उम्मीदवार हैं। आले मोहम्मद आम आदमी पार्टी से पार्षद हैं। उन्होंने 2022 के एमसीडी चुनाव में सबसे बड़ी जीत दर्ज की थी। शोएब इकबाल आम आदमी पार्टी नेता हैं और पिछले विधानसभा चुनाव में पार्टी के टिकट पर उन्होंने चुनाव लड़कर जीत दर्ज की थी। इस बार पहले शोएब मोहम्मद को टिकट दिया गया था लेकिन बाद में आले मोहम्मद को टिकट दे दिया गया।
जुबैर अहमद
सीलमपुर से आम आदमी पार्टी ने जुबैर अहमद को टिकट दिया है जो कि जो आम आदमी पार्टी के ही नेता मतीन अहमद के बेटे हैं। पिछले साल इस सीट पर आम आदमी पार्टी के अब्दुल रहमान ने चुनाव जीता था। मतीन अहमद 1993 से लेकर 2015 तक लगातार इस सीट पर विधायक रहे हैं। इस सीट पर उनका दबदबा रहा है। अब उनके बेटे जुबैर अहमद को टिकट दिया गया है।
विकास बग्गा
कृष्णा नगर सीट से आम आदमी पार्टी ने विकास बग्गा को कैंडीडेट बनाया है। वह अपने पिता एसके बग्गा की जगह चुनाव लड़ेंगे। एसके बग्गा 2015 और 2020 में दोनों बार आम आदमी पार्टी के टिकट पर कृष्णा नगर से चुनकर विधायक बने थे। हालांकि, वह दोनों ही बार बीजेपी कैंडीडेट से बहुत ही कम वोटों से जीत पाए थे।
पूरणदीप साहनी
इसी तरह से आप ने चांदनी चौक से पूरणदीप साहनी को टिकट दिया है जो कि प्रहलाद साहनी के बेटे हैं। 2020 में प्रहलाद साहनी ने करीब 29 हजार वोटों के अंतर से बीजेपी कैंडीडेट से जीत हासिल की थी। 2025 में पूरणदीप साहनी का मुकाबला बीजेपी के सतीश जैन से होगा।
विनय मिश्रा
द्वारका से आम आदमी पार्टी ने विनय मिश्रा को टिकट दिया है जो कि कद्दावर नेता महाबल मिश्रा के बेटे हैं। विनय मिश्रा पिछले विधानसभा चुनाव में भी आम आदमी पार्टी के कैंडीडेट थे और उन्होंने बीजेपी के प्रद्युम्न राजपूत को हराकर जीत दर्ज की थी।
महाबल मिश्रा आम आदमी पार्टी नेता हैं और पहले कांग्रेस पार्टी से लोकसभा सांसद रहे हैं। सांसद बनने से पहले वह द्वारका सीट पर ही विधायक रह चुके हैं।