दिल्ली में आम आदमी पार्टी (AAP) की सरकार है। कांग्रेस, AAP और भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने इस विधानसभा चुनाव को त्रिकोणीय बनाने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी है। राजनीतिक पार्टियों की ओर से 'फ्रीबीज' का दांव खेला जा रहा है, मुफ्त योजनाओं की बारिश की जा रही है।
सियासी पंडितों का कहना है कि कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (BJP) दोनों दलों के लिए यह अस्तित्व की लड़ाई है। दोनों दलों के सामने अरविंद केजरीवाल किसी चुनौती की तरह खड़े हैं। उनके एक के बाद एक किए गए चुनावी वादों ने सियासत बदली है।
किस पार्टी की क्या है तैयारी?
अरविंद केजरीवाल ने चुनावी कैंपेनिंग की शुरुआत सबसे पहले की थी। उन्होंने 70 सीटों के लिए अपने उम्मीदवारों के नाम का ऐलान कर दिया था। कांग्रेस ने 48 सीटों पर उम्मीदवार घोषित किए हैं, वहीं बीजेपी 29 सीटों पर। बाकी उम्मीदवारों के नामों का भी ऐलान जल्द होने वाला है।
'फ्रीबीज' के सहारे दिल्ली का विधानसभा चुनाव
AAP के चुनावी वादे क्या हैं?
आम आदमी पार्टी ने वादा किया है कि दिल्ली के निवासियों को 300 यूनिट फ्री बिजली मिलेगी। 24 घंटे पानी मिलेगा। सरकार मुफ्त तीर्थयात्रा कराएगी। दिल्ली की महिलाओं को फ्री बस टिकट मिलेगा। महिला सम्मान योजना के तहत 2100 रुपये दिए जाएंगे। हर वर्ग के बुजुर्गों को मुफ्त इलाज मिलेगा। पुजारी-ग्रंथी को हर महीने 18000 रुपये मिलेंगे। ऑटो वालों के लिए भी अरविंद केजरीवाल ने अहम ऐलान किया है।
बीजेपी क्या करने वाली है?
बीजेपी ने अभी तक अपने चुनावी घोषणापत्र का ऐलान नहीं किया है। बीजेपी का भी इशारा है कि अगर सरकार बनी तो AAP की मुफ्त योजनाओं को सरकार बंद नहीं करेगी। बीजेपी नेताओं का दावा है कि 20 हजार लीटर साफ पानी, महिला, बुजुर्ग और छात्रों को फ्री बस यात्रा, आयुष्मान योजना के तहत इलाज और झुग्गी की जगह पक्का मकान दिया जाएगा।
कांग्रेस क्या कर रही है?
कांग्रेस ने वादा किया है कि अगर सरकार बानी तो महिलाओं को हर महीने 2500 रुपये दिए जाएंगे। युवाओं को बुजुर्गों के लिए योजनाएं लाई जाएंगी। कांग्रेस प्रदूषण पर गंभीर प्लान बनाने का वादा कर रही है। दिल्ली में फ्लाईओवर निर्माण पर जोर दिया जाएगा।
2013 से 2020 तक, समझिए दिल्ली का चुनावी खेल
दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों में से 63 सीटें आम आदमी पार्टी के पास हैं। भारतीय जनता पार्टी (BJP) के पास महज 8 सीटें हैं। कांग्रेस का का सफर शून्य है। साल 2013 से ही दिल्ली में आम आदमी पार्टी का दबदबा कायम है, जो अब लगातार बढ़ रहा है।
साल 2015 में आम आदमी पार्टी के 67 विधायक जीते थे, बीजेपी सिर्फ 3 सीटों पर कब्जा जमा पाई थी। यह आंकड़ा लेकिन साल 2013 में बेहद अलग था। तब बीजेपी के पास आम आदमी पार्टी से ज्यादा सीटें थीं और हनक भी। बीजेपी ने 31 सीटों पर जीत हासिल की थीं, वहीं नई नवेली AAP के पास 28 सीटें थीं।
कब से शुरू होगी चुनाव प्रक्रिया?
चुनाव के नोटिफिकेशन के साथ 10 जनवरी से चुनावी प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि 17 जनवरी है, 18 जनवरी को नामांकन पत्रों की जांच की जाएगी। उम्मीदवार 20 जनवरी तक अपना नाम वापस ले सकेंगे।