दिल्ली में आम आदमी पार्टी (AAP) के चुनावी वादों के इर्दगिर्द विपक्षी दलों का भी चुनावी ऐलान घूम रहा है। जिस योजना का ऐलान AAP की ओर से किया जा रहा है, उसी से मिलता-जुलता ऐलान कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (BJP) की ओर से किया जा रहा है।
दिल्ली में किस वर्ग के लिए क्या योजना बीजेपी और कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व तैयार करेगा, इसकी भूमिका अरविंद केजरीवाल तैयार कर रहे हैं। सियासी जानकारों का कहना है कि मध्यम वर्ग के बिजली-पानी और स्वास्थ्य से लेकर 'मुफ्त की रेवड़ियों तक', AAP के पिच पर उतरने के लिए बीजेपी और कांग्रेस मजबूर नजर आ रही है।
अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के लिए महिला सम्मान योजना लॉन्च की तो उसके बाद कांग्रेस ने प्यारी दीदी योजना की शुरुआत कर दी। AAP ने वादा किया कि हर महीने महिलाओं को 2100 रुपये प्रतिमाह मिलेंगे तो कांग्रेस ने कहा कि हर महीने 2500 रुपये प्रतिमाह दिए जाएंगे। सूत्र बताते हैं कि बीजेपी दिल्ली में लाडली बहन योजना लॉन्च कर सकती है। इस योजना के तहत महिलाओं को हर महीने 1500 रुपये मिलते हैं।
विधानसभा में चूक कहां रही है BJP?
सियासी जानकारों का मानना है कि लोकसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी तय करती है कि चुनाव के मुद्दे क्या होंगे। सारा विपक्ष उसी मुद्दे के खिलाफ रणनीति तैयार करने में जुटा रहता है। धार्मिक तुष्टीकरण से लेकर हिंदुत्व तक, बीजेपी तय करती है कि पार्टियों के चुनाव प्रचार की दिशा क्या होगी। दिल्ली विधानसभा चुनावों में यहीं पार्टी चूक जाती है।
दिल्ली की राजनीति को बारीकी से समझने वाले सीनियर पत्रकारों का भी कहना है कि दिल्ली में अरविंद केजरीवाल, बीजेपी की तरह नैरेटिव सेट करते हैं और दूसरे नेता उन्हें मानने के लिए मजबूर होते हैं। वजह यह है कि उनकी लोकलुभावन योजनाओं को दिल्ली की जनता 2013 से जांच-परख रही है।

AAP की कई योजनाएं धरातल पर उतरीं, जिनसे लोगों को लाभ मिला। मुफ्त बिजली, पानी, शिक्षा, स्वास्थ्य जनहित के मुद्दे हैं। अरविंद केजरीवाल ने अपनी छवि 'मुफ्त योजनाएं' बांटने वाले नेता की बना ली है। वह चुनावी जनसभाओं में खुद को जादूगर बताते हैं कि और कहते हैं कि दिल्ली के पास इतना पैसा है कि लोगों को मुफ्त की योजनाओं का लाभ भी मिल जाएगा और दिल्ली को वित्तीय घाटा भी नहीं होगा।
AAP का दांव, फंसती है BJP-कांग्रेस
आम आदमी पार्टी का कोर वोटर शहरी गरीब आबादी है। झुग्गियों को अरविंद केजरीवाल लुभाते रहे हैं। अब बीजेपी भी झुग्गियों को साधने की कोशिश कर रही है। बीजेपी ने तो नारा भी दिया है कि जहां झुग्गी, वहीं मकान। अरविंद केजरीवाल ने हाल ही में दिल्ली की झुग्गियों को लेकर कहा था कि बीजेपी झुग्गियों को तबाह करेगी। इसके जवाब में गृहमंत्री अमित शाह से लेकर उपराज्यपाल वीके सक्सेना तक को उतरना पड़ा।
अरविंद केजरीवाल ठसक के साथ चुनावी कैंपेन लॉन्च कर रहे हैं। उसी को आधार बनाकर बीजेपी और कांग्रेस की ओर से दांव चला जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में चली सरकार को 'आप-दा' सरकार का तबका दे चुके हैं लेकिन दिल्ली की जनता उनसे सहमत नजर नहीं आती है।
पहले 'मुफ्त की रेवड़ी' की आलोचना, अब उसी राह पर BJP
अरविंद केजरीवाल अपनी चुनावी जनसभाओं में खुलकर कह रहे हैं कि अगर बीजेपी की जीत हुई तो मुफ्त की योजनाएं बंद हो जाएंगी। आपको फ्री में पानी नहीं मिलेगी, बिजली नहीं मिलेगी, बसों में मुफ्त यात्राएं नहीं कराई जाएंगी, शिक्षा से लेकर स्वास्थ्य तक कुछ भी फ्री नहीं रहेगा।
अरविंद केजरीवाल के इस बयान के बाद बीजेपी नेताओं ने एक सुर से मिलकर कहा कि हम मुफ्त की योजनाओं को नहीं रोकेंगे। ऐसा तब हुआ जब अरविंद केजरीवाल की मुफ्त की योजनाओं को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 'मुफ्त की रेवड़ी' बता चुके हैं।
बीजेपी के ही शीर्ष नेतृत्व को कहना पड़ा कि जितनी मौजूदा योजनाएं हैं वे जारी रहेंगी, उन्हें बेहतर तरीके से लागू किया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 5 जनवरी की रैली में खुद कहा, 'आप-दा' के लोग घबरा रहे हैं और झूठ फैला रहे हैं, क्योंकि उन्हें दिल्ली चुनाव में अपनी हार का अहसास हो रहा है। वे लोगों को यह कहकर डरा रहे हैं कि अगर भाजपा सत्ता में आई तो कल्याणकारी योजनाएं बंद हो जाएंगी। लेकिन मैं दिल्ली के लोगों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि कोई भी योजना बंद नहीं होगी, लेकिन बेईमान लोगों को हटाया जाएगा।'

वही प्रधानमंत्री जो AAP की योजनाओं को मुफ्त की रेवड़ी और रेवड़ी संस्कृति की पोषक बता रहे थे, उन्होंने खुद कह दिया कि लोक कल्याणकारी योजनाएं बंद नहीं होंगी।
क्यों AAP की राह चलने को मजबूर हैं पार्टियां?
AAP सरकार 200 यूनिट तक फ्री बिजली दे रही है। 400 यूनिट तक 50 प्रतिशत की दर से बिजली दिल्ली के लोगों को मिल रही है। दिल्ली के करीब 40 लाख घरेलू उपभोक्ताओं में से करीब 22 लाख लोगों का बिजली का बिल जीरो आता है। दिल्ली सरकार ने वादा किया है कि 20 हजार लीटर तक मुफ्त पानी देने की पेशकश की है।
AAP की किन योजनाओं ने बदली है सियासी रणनीति?
दिल्ली में महिलाओं की मुफ्त बस यात्रा भी चर्चा में रही है। दिसंबर तक ही 100 करोड़ से ज्यादा टिकट जारी किए गए। एक टिकट कम से कम 10 रुपये का होता है। इस पर जो खर्च होता है, उसे दिल्ली सरकार वहन करती है।
अरविंद केजरीवाल ने वादा किया है कि महिलाओं को हर महीने 2100 रुपये प्रतिमाह मिलेंगे। 60 साल से ज्यादा उम्र के सभी लोगों के लिए मुफ्त इलाज, मंदिरों और गुरुद्वारों में ग्रंथियों-पुजारियों के लिए 18 हजार रुपये प्रति माह देने का ऐलान किया।
अरविंद केजरीवाल का चुनावी वादा है कि 24 घंटे पानी की सप्लाई दी जाएगी। दलित छात्रों के लिए स्कॉलरशिप, विदेश की पढ़ाई का वादा भी चर्चा में रहा। AAP के सिायसी दांव ऐसे हैं कि उन्हें ही आधार बनाकर बीजेपी और कांग्रेस को भी योजनाओं का ऐलान करना पड़ रहा है।
कांग्रेस ने AAP की किन योजनाओं पर जोर दिया?
कांग्रेस AAP की तर्ज पर महिलाओं के लिए प्यारी दीदी योजना लॉन्च करने का वादा किया है। इसके तहत महिलाओं को 2500 रुपये की प्रतिमाह आर्थिक सहायता दी जाएगी। हर शख्स के लिए 25 लाख रुपये के स्वास्थ्य बीमा का ऐलान किया गया है।

BJP ने AAP की किन योजनाओं को दिया है समर्थन?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद कह चुके हैं कि वे दिल्ली की लोक कल्याणकारी योजनाओं को जारी रखेंगे। उन्होंने अरविंद केजरीवाल पर योजनाओं के विषय में अफवाह फैलाने का आरोप भी लगाया। मतलब साफ है कि जिन योजनाओं को आम आदमी पार्टी ने लॉन्च किया है, उन योजनाओं को बीजेपी भी जारी रखेगी।
जहां झुग्गी वहीं मकान योजना के तहत पीएम पहले ही 1675 परिवारों को नए और पक्के मकानों की चाबी सौंप चुके हैं। पीएम आवास योजना पर भी विचार चल रहा है।
मतलब न तो 200 युनिट तक फ्री बिजली की योजना बंद होगी, न ही महिलाओं की बस यात्रा। मुफ्त राशन, कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान पहले ही कह चुके हैं कि दिल्ली सरकार केंद्र की योजनाओं को लागू ही नहीं होने दे रहे हैं, जिनकी वजह से दिल्ली के किसान कृषि योजनाओं से वंचित हो जा रहे हैं।
बीजेपी का भी कहना है कि दिल्ली में आयुष्मान भारत जैसी योजना अरविंद केजरीवाल लागू ही नहीं होने दे रहे हैं, जिससे लोगों को फ्री में इलाज मिले। दिल्ली में 'मुफ्त की रेवड़ियों' की राजनीति केजरीवाल ने शुरू की लेकिन उसकी धुन हर कोई गुनगुना रहा है।