वादा- पुराने वैट मामलों के लिए एमनेस्टी स्कीम
'हम पुराने वैट मामलों को निपटाने के लिए एमनेस्टी स्कीम लाएंगे, जिसके तहत साल 2017 या उससे पहले लंबित मामलों का छूट देकर निस्तारण करेंगे।'
वैट क्या है?
वैल्यू एडेड टैक्स (VAT) एक तरह का इन डायरेक्ट टैक्स होता है, जिसे गुड्स और सर्विसेज पर लगाया जाता है। सप्लाई चेन के हर स्तर पर इससे सरकार को लाभ मिलता था। किसी राज्य विशेष में ही बेचे जा रहे उत्पादों पर VAT टैक्स लगाया जाता है। इसके तहत खरीदार और विक्रेता एक ही राज्य के होने चाहिए। साल 2017 में इस टैक्स की जगह गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) ने ले ली थी। इसे एक जुलाई 2017 को लागू किया गया था।
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एमनेस्टी स्कीम क्या होती है?
सरकारें, समय-समय पर ऐसी योजनाएं लाती हैं, जिनकी तहत करदाताओं को ब्याज और जुर्माने में छूट दी जाती है। इस स्कीम की वजह से करदाता आसानी से अपने बड़े बकायों का भुगतान कर पाते हैं।
अरविंद केजरीवाल का वादा था कि जीएसटी एमनेस्टी स्कीम के तहत करदाताओं को रिटर्न भरने और भुगतान करने की सहूलियत मिलेगी।
करदाता जीएसटी पोर्ट पर लॉग इन करके योजना का लाभ उठा सकते थे। हर साल सरकार की ओर से कारोबारियों को ITC क्लेम के लिए पुराने जीएसटी रिटर्न भरने का मौका दिया जाता है। सरकार व्यापारियों को मोहलत भी देती है।
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जीएसटी एमनेस्टी स्कीम के तहत, करदाताओं को बकाया रिटर्न भरने और कम जुर्माने के साथ भुगतान करने का मौका मिलता है।
वादे की हकीकत क्या है?
साल 2020 में ही दिल्ली सरकार ने फैक्ट्री मालिकों के लिए बकाया राशि में 50 फीसदी तक छूट देने के लिए वन टाइम एमनेस्टी स्कीम लागू की थी। आम माफी योजना का लाभ दिया गया था, भुगतान में देरी होने पर लगने वाली ब्याज की दें भी कम कर दी गई थीं। तत्कालीन सीएम केजरीवाल के फैसले से 20 हजार से ज्यादा लोगों को लाभ पहुंचा था। शर्त यह रखी गई थी कि अगर फैक्ट्री मालिक ग्राउंड रेंट को लेकर बकाया राशि 60 दिनों के भीतर जमा करते हैं तो उन्हें 50 फीसदी तक छूट मिलेगी। साल 2017 से 2018 के बाद कई बार सर्कुलर दिल्ली सरकार ने जारी किए हैं। डिपार्टमेंट ऑफ ट्रेड एंड टैक्सेज पर समय-समय पर इससे जुड़ी जानकारियां सार्वजनिक की जाती है।