दिल्ली विधानसभा चुनावों का ऐलान हो गया है और इंडिया ब्लॉक की दरारें अब सार्वजनिक होती नजर आ रही हैं। दिल्ली में आम आदमी पार्टी (AAP) और कांग्रेस (Congress) के बीच मतभेद बढ़ता जा रहा है। कांग्रेस ने AAP संयोजक अरविंद केजरीवाल को देशद्रोही तक बता दिया है।

इंडिया ब्लॉक की यह एकता कमजोर पड़ती नजर आ रही है। केंद्र में कांग्रेस के साथ खड़ी तृणमूल कांग्रेस (TMC) अब अलग राह चलने वाली है। टीएमसी ने ऐलान किया है कि पार्टी अरविंद केजरीवाल का साथ देगी। दिल्ली में AAP को अखिलेश यादव पहले ही समर्थन दे चुके हैं।

कांग्रेस को एक-एक करके छोड़ रहे सहयोगी दल
कांग्रेस और AAP राष्ट्रीय स्तर पर इंडिया ब्लॉक के साथ हैं लेकिन दिल्ली में दोनों दलों ने कांग्रेस से किनारा कर लिाय है। दिल्ली चुनाव में अब सपा और टीएमसी कांग्रेस के खिलाफ भी हैं। कांग्रेस दिल्ली की सभी 70 विधानसभा सीटों पर भी चुनाव लड़ रही है।

अरविंद केजरीवाल ने X पर एक पोस्ट किया, 'टीएमसी ने दिल्ली चुनावों में आम आदमी पार्टी को समर्थन देने की घोषणा की है। मैं व्यक्तिगत रूप से ममता दीदी का आभारी हूं। धन्यवाद, दीदी। आपने हमेशा हमारे अच्छे और बुरे समय में हमारा समर्थन और आशीर्वाद दिया है।' तृणमूल के राज्यसभा सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने केजरीवाल की पोस्ट पर कहा, 'हम AAP के साथ हैं।' 


दिल्ली में ही डैमेज हुआ इंडिया ब्लॉक!

दिल्ली में ही इंडिया गठबंधन में दरारें पड़ गई हैं। इंडिया ब्लॉक के दो अहम घटक अरविंद केजरीवाल के साथ हो गए हैं, कांग्रेस से सबने किनारा किया है। चुनाव आयोग ने जैसे ही चुनावों की घोषणा की, समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने AAP के साथ होने का दावा कर दिया।

अखिलेश यादव ने आम आदमी पार्टी को समर्थन दिया, जिसके जवाब में अरविंद केजरीवाल ने X पर पोस्ट भी कर दिया। उन्होंने लिखा, 'बहुत-बहुत धन्यवाद अखिलेश जी। आप हमेशा हमारा समर्थन करते हैं और हमारे साथ खड़े रहते हैं। मैं और दिल्ली के लोग इसके लिए आभारी हैं।'

ममता बनर्जी और अरविंद केजरीवाल। (File Photo Credit: PTI)

बिखरने लगा है इंडिया गठबंधन?
दिल्ली विधानसभा चुनावों के ऐलान से पहले TMC ने AAP को समर्थन दिया है। इंडिया ब्लॉक में अब दरार की अटकलें लगाई जा रही हैं। सियासी पंडितों का कहना है कि ममता बनर्जी अब विपक्षी गठबंधन पर दबाव बना रही हैं कि इंडिया ब्लॉक की कमान उन्हें सौंपी जाए। कांग्रेस को अलग-थलग छोड़ दिया जाए।

सूत्रों के मुताबिक ममता बनर्जी इंडिया ब्लॉक के नेतृत्व की दावेदारी करती रही हैं। बिहार में आरजेडी प्रमुख लालू यादव से लेकर एनसीपी (शरद पवार) गुट तक उनके समर्थन में है। लालू यादव ने तो यहां तक कह दिया था कि ममता बनर्जी को नेतृत्व करना चाहिए। कांग्रेस मुश्किलों में घिरती नजर आ रही है। 

दिल्ली में 'इंडिया ब्लॉक' से कांग्रेस को झटका
आम आदमी पार्टी ने 2015 में 67 सीटों पर जीत हासिल की थी। साल 2020 के चुनाव में 62 सीटों पर जीती। बीजेपी दहाई तक का आंकड़ा नहीं छू सकी है। कांग्रेस का 15 वर्षों तक दबदबा रहा है लेकिन अब हाशिए पर है। इस चुनावी जंग में कांग्रेस अकेले ताल ठोक रही है, इंडिया ब्लॉक के साथी किनारा कर रहे हैं। 

क्या है बिखराव की इनसाइड स्टोरी?
संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान सीट बंटवारे और संसद में उठाए जाने वाले मुद्दों को लेकर कांग्रेस और समाजवादी पार्टी में असहमति नजर आई। यह असहमति आरजेडी, समाजवादी पार्टी और टीएमसी तक में रही। कांग्रेस अडानी संसद में अलापती रही लेकिन इन राजनीतिक पार्टियों ने इस मुद्दे से खुद को दूर रखा। उनका कहना था कि सदन चलना जरूरी है।

कांग्रेस अपनी जिद पर अड़ी रही। लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान भी पश्चिम बंगाल में कांग्रेस और टीएमसी के बीच भीषण असहमतियां थीं। यूपी उपचुनावों में कांग्रेस और सपा के बीच असहमति नजर आई। अब कहा जा रहा है कि बिहार विधानसभा चुनावों में कम सीटें देने के लिए यह आरजेडी की रणनीति है।

कब होंगे दिल्ली में चुनाव?
दिल्ली में 5 फरवरी को वोटिंग होगी, 8 फरवरी को नतीजे आएंगे। कांग्रेस, आम आदमी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी इस चुनाव के प्रमुख दल हैं।