कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अजय माकन ने दिल्ली में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच गठबंधन को लेकर बड़ा बयान दिया। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने साफ शब्दों में कहा कि कांग्रेस को दिल्ली में 'आप' के साथ कोई गठबंधन नहीं करना चाहिए। हालांकि, उन्होंने कहा कि यह उनके निजी विचार हैं।
एक समाचार चैनल से बात करते हुए अजय माकन ने आम आदमी पार्टी से कांग्रेस की तल्खी को साफ तौर पर जाहिर किया। जब उनसे पूछा गया कि क्या कांग्रेस दिल्ली विधानसभा चुनावों के बाद जरूरत पड़ने पर अरविंद केजरीवाल को समर्थन देगी?
आप के साथ कोई गठबंधन नहीं होना चाहिए
इसपर माकन ने कहा, 'यह मेरा निजी विचार है कि आप के साथ कोई गठबंधन नहीं होना चाहिए। मुझे यह भी लगता है कि 2013 में कांग्रेस को आम आदमी पार्टी को कोई समर्थन नहीं देना चाहिए था और ना ही 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए कोई गठबंधन होना चाहिए था। लेकिन यह मेरा निजी विचार है।'
उन्होंने कहा कि वह अपनी पिछले बयान पर अब भी कायम हैं। दरअसल, माकन ने अरविंद केजरीवाल को राष्ट्र-विरोधी बताया था और कहा था कि दिल्ली में 'आप' के मजबूत होने से केवल बीजेपी को ही मदद मिलेगी।
दिल्ली के लोगों को नुकसान उठाना पड़ा
उन्होंने कहा, 'मैंने अपना निजी विचार दिया था और मैं अब भी उस पर कायम हूं। 2013 में कांग्रेस को आम आदमी पार्टी को समर्थन देने और 2024 में केजरीवाल के साथ गठबंधन करने की वजह से दिल्ली के लोगों को नुकसान उठाना पड़ा है। जब दिल्ली के लोगों को परेशानी हुई, तो बीजेपी को फायदा हुआ। लेकिन यह मेरा निजी विचार है।'
कांग्रेस को कमजोर करके बीजेपी से नहीं लड़ सकते
कांग्रेस के कोषाध्यक्ष अजय माकन ने कहा, 'मुझे लगता है कि दिल्ली में केजरीवाल को लाइम लाइट मिलने से बीजेपी को मदद मिलेगी। बीजेपी से लड़ने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर कांग्रेस का मजबूत होना जरूरी है। अगर कांग्रेस जैसी राष्ट्रीय पार्टी राष्ट्रीय स्तर पर मजबूत नहीं है, तो बीजेपी से लड़ना मुश्किल है।'
उन्होंने कहा कि कांग्रेस को कमजोर करके बीजेपी से नहीं लड़ा जा सकता। माकन ने कहा कि हरियाणा और दिल्ली दोनों जगहों पर कांग्रेस आप के साथ गठबंधन करना चाहती थी, लेकिन जेल से रिहा होने के तुरंत बाद केजरीवाल ने खुद घोषणा कर दी कि उनकी पार्टी हरियाणा की सभी 90 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी। जबकि, हम गठबंधन के लिए बातचीत के अंतिम दौर में थे। उन्होंने कहा, जहां तक दिल्ली का सवाल है, केजरीवाल ने खुद लोकसभा चुनाव के तुरंत बाद घोषणा की थी कि वे दिल्ली चुनाव अपने दम पर लड़ेंगे।