पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर में जारी ताजा हिंसा के बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने महाराष्ट्र में अपनी निर्धारित चुनावी रैलियां रद्द कर दी हैं। कुछ समय तक छिटपुट हिंसा की घटनाओं के अंतराल के बाद मणिपुर में एक बार फिर से हिंसा भड़क उठी है। सीआरपीएफ के महानिदेशक अनीश दयाल को मणिपुर के लिए रवाना कर दिया गया है। सूत्रों के मुताबिक, यह कदम मणिपुर की सुरक्षा स्थिति और क्षेत्र में बढ़ती हिंसा से संबंधित एक अल्टीमेटम के बाद उठाया गया है।

 

इंफाल घाटी में हिंसक विरोध-प्रदर्शन हो रहे हैं। जिरीबाम जिले में तीन महिलाओं और बच्चों सहित छह नागरिकों की हत्या से जुड़ी हिंसक घटनाओं के बाद तनाव लगातार बना हुआ है। विरोध-प्रदर्शनों में गुस्साई भीड़ ने एक सरकार में वरिष्ठ राज्य मंत्री सहित कई बीजेपी और कांग्रेस विधायकों के घरों में आग लगा दी है। दूसरी ओर सुरक्षा बल प्रदर्शनों को शांत कराने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। 

मंत्रियों और छह विधायकों के घरों पर हमला

 

बता दें कि पिछले दिनों जिरीबाम जिले में सुरक्षाबलों की कार्रवाई में 11 कुकी उग्रवादियों को मौत के घाट उतार दिया गया था। इसके बाद जिरीबाम में ही उग्रवादियों ने तीन महिलाओं और बच्चों की हत्या कर दी, जिसके बाद आक्रोशित भीड़ ने मणिपुर के तीन मंत्रियों और छह विधायकों के घरों पर हमला कर दिया। स्थिति को गंभीर देखते हुए जिरिबाम में अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लगा दिया गया।

मुख्यमंत्री के पैतृक निवास पर धावा

 

मणिपुर सरकार के अधिकारियों ने बताया कि गुस्साई भीड़ ने निंगथौखोंग में लोक निर्माण मंत्री गोविंददास कोंथौजम, लैंगमेदोंग बाजार में हियांगलाम के बीजेपी विधायक वाई राधेश्याम, थौबल जिले में वांगजिंग तेंथा के बीजेपी विधायक पाओनम ब्रोजेन और इंफाल पूर्वी जिले में खुंड्राकपम के कांग्रेस विधायक लोकेश्वर के घरों में आग लगा दी। वहीं, प्रदर्शनकारियों ने इम्फाल ईस्ट के लुवांगशांगबाम में मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के पैतृक निवास पर धावा बोलने का प्रयास किया।

 

जिरीबाम के अलावा फेरजॉल जिले में इंटरनेट और मोबाइल डेटा रविवार को निलंबित कर दिया गया। मणिपुर में फिर से बिगड़ते हालात में सीआरपीएफ और उग्रवादियों के बीच राज्य में संघर्ष तेज हो गया है। इन सबको लेकर मणिपुर में कानून व्यवस्था को लेकर केंद्र सरकार लगातार नजर बनाए हुए हैं।