दिल्ली के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी (AAP) को सत्ता से बाहर करने के लिए भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने जमकर पसीना बहाया। चुनाव प्रभारी बैजयंत पांडा, विष्णु मित्तल, अतुल गर्ग और वीरेंद्र सचदेवा जैसे नेता जहां कई महीनों से चुनाव प्रचार के लिए जमीनी स्तर पर काम कर रहे थे। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा और रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने भी कई सभाएं और रोडशो किए। बीजेपी ने आखिरी के 15-20 दिन में केंद्रीय मंत्रियों और बीजेपी शासित मुख्यमंत्रियों की फौज उतार दी। इसमें से कई मुख्यमंत्री ऐसे भी रहे जिन्होंने दिल्ली में दर्जनों विधानसभाओं पर रैलियों को संबोधित किया। इनमें से कई सीटों पर बीजेपी को जीत भी हासिल हुई।

 

बीजेपी की ओर से उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ, उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी, राजस्थान के सीएम भजनलाल शर्मा, हरियाणा के सीएम नायब सिंह सैनी, मध्य प्रदेश के सीएम मोहन यादव, गोवा के सीएम प्रमोद सावंत, महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस और असम के सीएम हिमंत बिस्व सरमा ने अलग-अलग क्षेत्रों में रैलियां कीं। कुछ ऐसी विधानसभा सीटें भी रहीं जहां एक से ज्यादा मुख्यमंत्रियों की रैलियां भी हुईं। आइए समझते हैं कि इन मुख्यमंत्रियों की रैलियों का कितना असर हुआ और बीजेपी को इनका कितना फायदा हो पाया।

 

प्रचार के मामले में सबसे बेहतर प्रदर्शन मोहन यादव का रहा। वहीं, सबसे खराब प्रदर्शन गोवा के सीएम प्रमोद सावंत का रहा। कुछ ऐसी सीटें भी रहीं जहां एक से ज्यादा मुख्यमंत्रियों ने प्रचार किया और फिर भी बीजेपी को जीत नहीं मिली। कुछ सीटों ऐसी रहीं जिन पर एक से ज्यादा मुख्यमंत्रियों ने प्रचार किया और वे बीजेपी को जिताने में कामयाब रहे। वोटिंग से पहले के एक महीने में बीजेपी शासित राज्यों के कुल 8 मुख्यमंत्रियों ने कुल 74 रैलियां कीं। इन 8 मुख्यमंत्रियों ने कुल 49 सीटों पर बीजेपी के लिए प्रचार किया जिसमें से 37 सीटों पर बीजेपी को जीत मिली जबकि 12 सीटों पर उसे कामयाबी मिली।

 

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पुष्कर सिंह धामी- (स्ट्राइक रेट-72 पर्सेंट)

दिल्ली में पहाड़ी वोटर भी अच्छी-खासी संख्या में हैं। पुष्कर सिंह धामी चुनाव प्रचार के मामले में तेजी से लोकप्रिय हुए हैं। उन्होंने दिल्ली की कुल 22 विधानसभा सीटों पर प्रचार किया। इसमें से 16 विधानसभा सीटों पर BJP को जीत मिली जबकि 6 पर AAP ने जीत हासिल की। यानी उनका स्ट्राइक रेट 72 पर्सेंट रहा। जहां उन्होंने प्रचार किया, उसमें से 72 पर्सेंट सीटें BJP जीती।

नायब सिंह सैनी- (स्ट्राइक रेट-67 पर्सेंट)

 

हरियाणा के सीएम नायब सिंह सैनी ने दिल्ली की कुल 16 विधानसभा सीटों पर प्रचार किया। प्रचार के आखिरी हफ्ते में वह खासे सक्रिय नजर आए। इसमें से 11 सीटें BJP ने जीतीं और 5 सीटों पर AAP को जीत मिली। इस तरह उनका स्ट्राइक रेट 67 पर्सेंट का रहा।

 

भजनलाल शर्मा- (स्ट्राइक रेट-83 पर्सेंट)


राजस्थान के सीएम भजन लाल शर्मा ने कुल 12 विधानसभा सीटों पर प्रचार किया। इसमें से 10 सीटों पर बीजेपी को जीत मिली जबकि सिर्फ 2 सीटों पर AAP को जीत मिली। इस तरह भजनलाल शर्मा का स्ट्राइक रेट 83 पर्सेंट रहा।

मोहन यादव- (स्ट्राइक रेट-92 पर्सेंट)

 

मध्य प्रदेश के सीएम मोहन यादव ने भी दिल्ली में जोर-शोर से प्रचार किया। उन्होंने दिल्ली की कुल 12 विधानसभा सीट पर प्रचार किया। इसमें से 11 सीटों पर बीजेपी को जीत मिली जबकि एक सीट AAP ने जीती। मोहन यादव का जीतने का स्ट्राइक रेट 92 पर्सेंट रहा।

 

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हिमंत बिस्व सरमा- (स्ट्राइक रेट- 55 पर्सेंट)

 

असम के सीएम हिमंत बिस्व सरमा बीजेपी के फायरब्रांड नेताओं में गिने जाते हैं। उन्हें बीजेपी ने 9 विधानसभा सीटों के प्रचार में उतारा। इसमें से 5 सीटों पर ही बीजेपी को जीत मिली जबकि 4 सीटों पर AAP ने बाजी मारी। यानी हिमंत बिस्व सरमा का स्ट्राइक रेट सिर्फ 55 पर्सेंट ही रहा।

 

योगी आदित्यनाथ- (स्ट्राइक रेट- 67 पर्सेंट)

 

यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के बारे में शुरू में कहा गया था कि वह 14 रैलियां करेंगे। हालांकि, महाकुंभ में भगदड़ होने के चलते उनकी सिर्फ 6 ही रैलियां हो पाईं। जिन 6 विधानसभा सीटों पर योगी आदित्यनाथ ने रैलियां की थीं उनमें से 4 पर BJP ने हासिल की और 2 पर AAP को जीत मिली।

देवेंद्र फडणवीस- (स्ट्राइक रेट- 60 पर्सेंट)


महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कुल 5 विधानसभा सीटों पर प्रचार किया। इसमें से 3 सीटों पर बीजेपी को जीत मिली जबकि 2 सीटों पर AAP ने बाजी मारी। यानी देवेंद्र फडणवीस का स्ट्राइक रेट 60 पर्सेंट रहा। 

प्रमोद सावंत-  (स्ट्राइक रेट- 50 पर्सेंट)

 

गोव के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत चुनाव प्रचार के आखिरी दिन प्रचार में उतरे। उन्होंने रिठाला और सुल्तानपुर माजरा विधानसभा सीट पर बीजेपी के लिए प्रचार किया। इसमें से एक सीट पर बीजेपी को जीत मिली जबकि दूसरी सीट AAP के खाते में गई।

 

रिठाला विधानसभा सीट पर तीन मुख्यमंत्रियों- प्रमोद सावंत, भजनलाल शर्मा और पुष्कर सिंह धामी ने प्रचार किया। यह सीट बीजेपी के खाते में गई। शालीमार बाग सीट पर भी तीन मुख्यमंत्रियों-नायब सिंह सैनी, पुष्कर सिंह धामी और भजन लाल शर्मा ने प्रचार किया। यह सीट भी बीजेपी के खाते में गई। भजन लाल शर्मा ने रिठाला और शालीमार बाग में दो-दो रैलियां की थीं। सीलमपुर में दो, गोकलपुर में 2 और बाबरपुर विधानसभा सीट पर दो-दो मुख्यमंत्रियों ने चुनाव प्रचार किया लेकिन इन तीनों ही सीटों पर BJP को जीत नहीं मिली।