महाराष्ट्र की राजनीति अगले पांच सालों के लिए करवट लेने जा ही है। लेकिन राज्य की राजनीति किस ओर करवट लेगी यह 20 नवंबर वोटिंग वाले दिन को तय हो जाएगा और इसके नतीजे 23 नवंबर का आ जाएंगे। इसी के साथ महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में लिए 18 नवंबर को चुनाव प्रचार खत्म हो जाएगा। ऐसे में दोनों गठबंधन महाविकास अघाड़ी और महायुति एक दूसरे पर हमला करते हुए महाराष्ट्र का विकास करने की बात कर रहे हैं।
वैसे तो महाराष्ट्र में दोनों गठबंधन एक दूसरे पर तीखे जुबानी प्रहार कर रहे हैं, लेकिन इस बीच उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का दिया एक बयान खासा चर्चा का विषय बन गया। योगी ने महाराष्ट्र में अपनी एक रैली में 'बटेंगे तो कटेंगे' का नारा दिया। यह नारा पूरे चुनाव में छाया रहा, लेकिन इसने महायुति के नेताओं को बांट दिया।
महाविकास अघाड़ी को खुला समर्थन
इसी बीच महाराष्ट्र में 'अखिल भारतीय हिंदू नाथपंथी समाज महासंघ' ने पत्र लिखकर चुनाव में 'महाविकास अघाड़ी' को अपना खुला समर्थन देने का एलान किया है। विधानसभा चुनाव के बीच यह समर्थन इसलिए भी महत्वपूर्ण हो जाता है क्योंकि बटेंगे तो कटेंगे का नारा देने वाले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद नाथ संप्रदाय से आते हैं वो भी नाथ संप्रदाय के गढ़ गोरखपुर से।
एनसीपी प्रमुख अजित पवार का विरोध
दरअसल, योगी के इस नारे को नकारते हुए सबसे पहले डिप्टी सीएम और एनसीपी प्रमुख अजित पवार ने कहा कि यह नारा महाराष्ट्र में नहीं चलेगा। इसके बाद मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की शिवसेना का भी यही स्टैंड सामने आया और तो और खुद बीजेपी के नेताओं ने भी सीएम योगी के इस बयान से किनारा कर लिया। बीजेपी नेता पंकजा मुंडे ने साफ शब्दों इसे गैरजरूरी बताते हुए कहा कि पार्टी विकास के नाम पर जीत रही है।
मिले साफ संकेत
इससे साफ संकेत मिल रहे हैं कि महायुति में शामिल अजित पवार, शिवसेना और बीजेपी के साथ में खुद नाथ संप्रदाय के लोग सीएम योगी आदित्यनाथ के बयान का एक सुर में विरोध कर रहे हैं। वैसे भी राजनीति शह और मात का खेल है। इसमें कौन कब किस ओर पलट जाए किसी को नहीं पता, इसलिए कहा भी जाता है कि राजनीति में हमेशा संभावनाएं खुली रहती हैं।
प्रधानमंत्री के नारे को समर्थन
हालांकि, इसमें ध्यान देने वाली बात है कि महायुति के नेताओं ने जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक हैं तो सेफ है नारे को आगे बढ़ाया तो वहीं योगी के नारे से दूरी बना ली। महाराष्ट्र में चुनाव प्रचार अंतिम दौर में है तब सवाल खड़ा हो रहा है कि क्या योगी आदित्यनाथ का नारा महाराष्ट्र में बीजेपी के लिए बैकफायर तो नहीं करेगा?
सभी क्षेत्रों से कांग्रेस को समर्थन
अखिल भारतीय हिंदू नाथपंथी समाज महासंघ के द्वारा महाविकास अघाड़ी को समर्थन देने के बाद कांग्रेस नेता और धारावी विधानसभा से गठबंधन की उम्मीदवार वर्षा गायकवाड़ ने एक्स पर ट्वीट करके कहा, 'जैसे-जैसे मतदान की तारीख नजदीक आ रही है, समाज के सभी क्षेत्रों से कांग्रेस और महाविकास अघाड़ी के प्रति समर्थन और समर्थन दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है।'
उन्होंने आगे कहा, 'आज अखिल भारतीय हिंदू नवपंथी समाज महासंघ ने महागठबंधन को एकमुश्त समर्थन देने की घोषणा की है। महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष अनिल चौगुले ने मुझे समर्थन पत्र दिया है। आपका बहुत-बहुत धन्यवाद।' वर्षा ने कहा कि महाविकास अघाड़ी की विजय पताका अवश्य लहरायेगी, महाराष्ट्र जीतेगा
क्या बोले महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष?
नाथपंथी समाज महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष अनिल चौगुले ने एमवीए को लिखे पत्र में कहा है कि मुंबई में नाथपंथी द्वारी गोसावी समुदाय के लगभग 200,000 निवासी हैं। हालांकि, हम सभी एक-दूसरे का समर्थन करेंगे और हम विश्वास दिलाते हैं कि हम आपकी जीत के लिए हर संभव सहयोग देंगे।
क्या है नाथ संप्रदाय?
नाथ संप्रदाय भारत में हिन्दू धर्म का एक पन्थ है। इस संप्रदाय को मानने वालों को सन्यासी, योगी, जोगी, नाथ आदि नामों से जाना जाता है। इन नाथ योगियों में सबसे पहले नाथ आदिनाथ को माना गया है जो स्वयं शिव हैं जिन्होंने हठयोग की विद्या प्रदान की जो राजयोग की प्राप्ति में सीढ़ी के समान है।