पटना एयरपोर्ट पर बुधवार (15 अक्टूबर, 2025) शाम कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच जोरदार हंगामा और मारपीट हो गई। टिकट बंटवारे को लेकर असंतुष्ट गुटों ने बिहार कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम और विधायक दल के नेता शकील अहमद खान के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। मामला तब बिगड़ गया जब कुछ कार्यकर्ताओं ने ‘कांग्रेस मुर्दाबाद’ और ‘प्रदेश प्रभारी मुर्दाबाद’ के नारे लगाने शुरू कर दिए, जिस पर अन्य समर्थक भड़क उठे और आपस में भिड़ गए। इस दौरान छात्र नेता मनीष कुमार की पिटाई भी कर दी गई।
जानकारी के मुताबिक, दिल्ली में बैठक करने के बाद कांग्रेस के ये शीर्ष नेता पटना लौटे थे। एयरपोर्ट पर उनका स्वागत करने के लिए बड़ी संख्या में कार्यकर्ता और पदाधिकारी मौजूद थे। लेकिन जैसे ही नारों का दौर शुरू हुआ, माहौल बिगड़ गया और भगदड़ की स्थिति बन गई। हंगामा बढ़ता देख कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अपनी गाड़ियों में बैठकर तुरंत रवाना हो गए। कुछ नाराज़ कार्यकर्ताओं ने तो यहां तक आरोप लगाया कि टिकट पैसों के बदले बेचे जा रहे हैं।
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अभी सहमति नहीं
बताया जा रहा है कि महागठबंधन में सीट बंटवारे पर अभी भी सहमति नहीं बन पाई है। कांग्रेस और मुकेश सहनी की पार्टी के बीच मतभेद जारी हैं, जिस कारण औपचारिक घोषणा टलती जा रही है। पार्टी के अंदर कई मौजूदा नेताओं के टिकट कटने की संभावना से असंतोष बढ़ा है। इसी नाराज़गी का नतीजा बुधवार को पटना एयरपोर्ट पर देखने को मिला, जहां दावेदारों के समर्थकों ने खुलेआम विरोध प्रदर्शन किया।
क्या है मामला?
बिहार विधानसभा के लिए विक्रम विधानसभा सीट से कांग्रेस ने अनिल शर्मा को टिकट दिया गया है। इससे नाराज कुछ कार्यकर्ताओं ने हंगामा किया। एक कार्यकर्ता ने मीडिया को बताया कि पार्टी प्रदेश अध्यक्ष ने तीन करोड़ में टिकट को बेचा है। उन्होंने कहा कि जो लोग 20 साल से पार्टी के लिए काम कर रहे हैं उन्हें टिकट नहीं दिया गया।
बीजेपी ने इस सीट पर सिद्धार्थ गौरव को टिकट दिया है, जो कि पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर जीते थे। हालांकि, नीतीश कुमार के बहुमत परीक्षण के दौरान वह नीतीश कुमार के साथ आ गए थे।
महागठबंधन में दरार
अब यह चर्चा तेज हो गई है कि न सिर्फ कांग्रेस में बल्कि महागठबंधन में दरार पड़ गई है। मंगलवार को सीपीआई माले में 18 कैंडीडेट्स की लिस्ट जारी कर दी। इसके पहले सीपीआई के भी कुछ कैंडीडेट्स के नाम पर मुहर लगाई गई थी। ऐसे में माना जा रहा है कि महागठबंधन में आम सहमति नहीं है।