दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों में से एक है- ग्रेटर कैलाश। साउथ दिल्ली में पड़ने वाली ग्रेटर कैलाश सीट तीन हिस्सों- GK1, GK2 और GK3 में बंटी है। 2008 में परिसीमन के बाद यह सीट अस्तित्व में आई थी। इस सीट पर पहली बार 2008 में विधानसभा चुनाव हुए थे। तब बीजेपी यहां से जीती थी लेकिन पिछले 3 चुनावों से आम आदमी पार्टी का यहां दबदबा बरकरार है।
ग्रेटर कैलाश साउथ दिल्ली में आता है। 3 बार से चुनाव जीत रही आम आदमी पार्टी इस बार जीत का चौका लगाने की तैयारी में है। वहीं, बीजेपी इस बार वापसी की उम्मीद में मैदान में उतरेगी।
इस बार कौन-कौन मैदान में?
आम आदमी पार्टी की तरफ से इस बार भी ग्रेटर कैलाश से सौरभ भारद्वाज ही चुनाव लड़ रहे हैं। बीजेपी ने एक बार शिखा रॉय पर ही भरोसा जताया है। वहीं, कांग्रेस ने गर्वित सिंघवी को टिकट दिया है।
ग्रेटर कैलाश में क्या हैं मुद्दे?
ग्रेटर कैलाश में एक ओर कई बड़े-बड़े मार्केट और रिहायशी कॉलोनियां हैं तो दूसरी ओर जमरूदपुर, सावित्री विहार और शाहपुर जैसे शहरी ग्रामीण इलाके भी हैं। ग्रेटर कैलाश की सबसे बड़ी समस्या ट्रैफिक और बंदर हैं। यहां के लोग ट्रैफिक की समस्या से निजात पाना चाहते हैं। इसके अलावा यहां खुली नालियां, पार्किंग की समस्या, नालियों की सफाई, बंदर और कुत्तों का आतंक जैसी समस्याएं भी हैं।
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2020 में क्या हुआ था?
2020 के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी के सौरभ भारद्वाज ने जीत दर्ज की थी। उन्हें 60,372 वोट मिले थे। बीजेपी उम्मीदवार शिखा रॉय को 43,563 वोट मिले थे। जबकि, कांग्रेस उम्मीदवार सुखबीर सिंह पवार को सिर्फ 3,339 वोट ही हासिल हुए थे।
क्या है इसका इतिहास?
ग्रेटर कैलाश सीट नई दिल्ली लोकसभा के अंदर आती है। 2008 में यह सीट बनी थी। तब से यहां 4 बार विधानसभा चुनाव हो चुके हैं। 2008 के चुनाव में बीजेपी के विजय कुमार मल्होत्रा ने जीत हासिल की थी। 2013 में बीजेपी ने विजय कुमार के बेटे अजय कुमार को टिकट दिया था। उस चुनाव में आम आदमी पार्टी के सौरभ भारद्वाज ने अजय कुमार को हरा दिया था। 2013 के बाद 2015 और 2020 के चुनाव में भी सौरभ भारद्वाज ने जीत हासिल की है।