दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजे आ चुके हैं। आम आदमी पार्टी को शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा है। अरविंद केजरीवाल की पार्टी को विधानसभा की 70 सीटों में से महज 22 सीटें ही मिल पाईं, जबकि बीजेपी ने शानदार जीत दर्ज करते हुए 48 सीटों पर कब्जा जमा लिया है। वहीं, कांग्रेस का पिछले दो चुनावों की तरह ही खाता भी नहीं खुला है।    

 

कांग्रेस पार्टी दिल्ली की सभी 70 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ी थी। चुनाव बाद जो आंकड़े सामने आए हैं उससे पता चलता है कि कांग्रेस के 70 में से 67 उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई है। हालांकि, कांग्रेस इस चुनाव में भले ही कोई सीट ना जीत पाई तो, मगर उसके वोट शेयर में 2.1 फीसदी का इजाफा हुआ है। साथ ही कांग्रेस ने आम आदमी पार्टी की हार में बड़ी भूमिका निभाई है। 

 

कांग्रेस के दिग्गज नेता भी चुनाव हार गए

 

दिल्ली कांग्रेस के दिग्गज नेता भी चुनाव हार गए हैं। इसी बीच कांग्रेस का कहना है कि पार्टी दिल्ली के लोगों का विश्वास फिर से जीतेगी और 2030 में अपनी सरकार बनाएगी। दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का लगातार तीसरी बार सफाया हो गया है। पार्टी के ज्यादातर उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई। 

 

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तीन उम्मीदवार जमानत बचाने में सफल

 

कांग्रेस के सिर्फ तीन उम्मीदवार अपनी जमानत बचाने में सफल रहे। इसमें कस्तूरबा नगर से अभिषेक दत्त जो दूसरे स्थान पर रहने वाले एकमात्र कांग्रेसी नेता हैं। इसके अलावा लिस्ट में नांगलोई जाट से रोहित चौधरी और बादली से प्रदेश अध्यक्ष देवेंद्र यादव शामिल हैं। कई सीटों पर कांग्रेस के उम्मीदवार असद्दुदीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम के उम्मीदवारों से भी पीछे रहे। 

 

इस चुनाव में कांग्रेस आप के लिए खेल बिगाड़ने में कामयाब रही, इसकी वजह से आप को अनुसूचित जाति और मुस्लिम बहुल इलाकों में भारी नुकसान उठाना पड़ा है। 12 सीटें ऐसी हैं, जहां कांग्रेस ने आम आदमी पार्टी को हराने में बड़ी भूमिका निभाई है।