द्वारका विधानसभा सीट पश्चिमी दिल्ली जिले में आती है। यह सीट परिसीमन के बाद साल 2008 में अस्तित्व में आई। कांग्रेस के महाबल मिश्रा द्वारका के सबसे पहले विधायक चुने गए थे। साल 2009 के लोकसभा चुनाव में महाबल मिश्रा के सांसद बनने के बाद यहां 2009 में उपचुनाव हुए, जिसमें बीजेपी के प्रद्युम्न राजपूत विधायक चुने गए। 2013 के चुनाव में प्रद्युम्न राजपूत एक बार फिर बीजेपी के टिकट से द्वारका से विधायक चुने गए।
साल 2015 के बाद से आम आदमी पार्टी ने द्वारका में जो रफ्तार पकड़ी है वो अभी तक अजेय है। 2015 विधानसभा चुनाव में द्वारका में आम आदमी पार्टी की एंट्री हुई। इस साल 'आप' के आदर्श शास्त्री द्वारका से विधायक चुने गए। बीजेपी के प्रद्युम्न राजपूत दूसरे और कांग्रेस के महाबल मिश्रा तीसरे स्थान रहे थे।
द्वारका में मुद्दे क्या हैं?
द्वारका विधानसभा में जाम, अतिक्रमण और पानी किस समस्या सबसे ज्यादा बड़ी है। इसके अलावा द्वारका में बिल्डर फ्लैट की संख्या तेजी से बढ़ी है जिसके कारण यहां की जनसंख्या में तेजी से बढ़ोतरी हुई है। लोगों का कहना है कि हां कुछ मुख्य जगहों की सड़कें अच्छी हैं, जबकि बाकी की सड़कें अच्छई नही हैं। द्वारका में पानी की समस्या को लेकर लोग अक्सर परेशान रहते हैं और जाम भी अतिक्रमण के कारण खूब लगता है। द्वारका के लोगों के गंदा पानी भी एक बड़ी समस्या है।
द्वारका में कानून व्यवस्था भी एक मुद्दा है। सागरपुर नाला के उपर अतिक्रमण, अवैध कार पार्किंग, सब्जी मंडी लगती हैं, जिससे आम लोगों को आने जाने में परेशानी होती है।
सीट का इतिहास?
द्वारका विधानसभा सीट परिसीमन के बाद साल 2008 में अस्तित्व में आई थी। कांग्रेस के महाबल मिश्रा द्वारका के सबसे पहले विधायक चुने गए थे। यहां से एक बार कांग्रेस, दो बार बीजेपी और दो बार आम आदमी पार्टी ने चुनाव जीता है। इस बार भी माना जा रहा है कि द्वारका में मुख्य मुकाबला आम आदमी पार्टी और बीजेपी के बीच होगा।
2020 में क्या हुआ था?
पिछले विधानसभा चुनाव 2020 में आम आदमी पार्टी के आदर्श शास्त्री ने कांग्रेस ज्वाइन कर ली, जिसके बाद आम आदमी पार्टी ने विनय मिश्रा को द्वारका से टिकट देकर मैदान में उतारा। विनय मिश्रा पिछले चुनाव में 14,387 वोटों से जीतकर द्वारका से विधायक बने और कांग्रेस में गए आदर्श शास्त्री तीसरे पायदान पर रहे जिन्हें मिश्रा के (71,003) मुकाबले महज 6,757 वोट मिले। बीजेपी के प्रद्युम्न राजपूत को 56,616 वोट मिले थे।
इस बार आम आदमी पार्टी ने विनय मिश्रा, बीजेपी ने प्रद्युम्न राजपूत और कांग्रेस ने आदर्श शास्त्री को मैदान में उतारा है।
द्वारका के जातीय-धार्मिक समीकरण?
द्वारका विधानसभा में पूर्वांचल के वोटर्स की संख्या लगभग 35 फीसदी है। यह समीकरण किसी भी पार्टी के हार जीत में बड़ी भूमिका निभाते हैं। 2020 में जीतने वाले विनय मिश्रा खुद बिहार से आते हैं। इसके अलावा यहां उत्तराखंड के वोटर्स की संख्या भी अच्छी खासी है। जबकि, दलित और अपर कास्ट वोट भी अच्छी संख्या में हैं।