दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए मतदान 5 फरवरी को है। वोटिंग से ठीक पहले आम आदमी पार्टी (AAP) को बड़ा झटका लगा है। AAP के सात मौजूदा विधायकों ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। रोचक बात यह है कि इन सातों को AAP ने इस बार विधानसभा का टिकट भी नहीं दिया था। इन पांचों विधायकों ने अपने इस्तीफे की चिट्ठी शेयर की है और पार्टी पर आरोप भी लगाए हैं। इन सभी अपनी विधानसभा सदस्यता से भी इस्तीफा दे दिया है। AAP के लिए गनीमत इतनी है कि इन सातों में से कोई भी विधायक चुनाव में नहीं उतरा है। जिन विधायकों ने इस्तीफा दिया है, उसमें दो बार के विधायक राजेश ऋषि, दो बार की विधायक भावना गौड़, दो बार के विधायक नरेश यादव, तीन बार के विधायक मदन लाल और एक बार के विधायक रोहित कुमार मेहरौलिया का नाम शामिल है। दो बार के विधायक पवन कुमार शर्मा और एक बार के विधायक भूपेंद्र सिंह जून ने भी इस्तीफा दे दिया है।

 

जनकपुरी विधानसभा सीट पर बीजेपी के कद्दावर नेता रहे जगदीश मुखी को 2015 में चुनाव हराने वाले राजेश ऋषि टिकट कटने से नाराज थे। पहले वह चुनाव में भी उतरने वाले थे लेकिन आखिर में उनका मन बदल गया। मदन लाल 2013, 2015 और 2020 में कस्तूरबा नगर सीट से चुनाव जीतते आ रहे थे लेकिन इस बार उन्हें भी टिकट नहीं मिला। रोहित कुमार मेहरौलिया पहले पार्षद बने थे बाद में AAP के टिकट पर त्रिलोकपुरी विधानसभा सीट से 2020 में विधायक बने। इस बार उन्हें भी टिकट नहीं मिला। इन तीनों के अलावा पालम से 2015 और 2020 में चुनाव जीतने वाली भावना गौड़ और महरौली विधानसभा सीट से दो बार के विधायक नरेश यादव का भी टिकट काटा गया था। आदर्श नगर विधानसभा सीट से दो बार चुनाव जीत चुके पवन कुमार शर्मा को भी इस बार टिकट नहीं मिला था। वहीं, बिजवासन सीट से विधायक भूपेंद्र सिंह जून का भी टिकट कट गया था।

 

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नरेश यादव-महरौली

 

नरेश यादव दो बार से AAP के विधायक रहे। उन्हें पार्टी ने पहले तो टिकट दिया था लेकिन बाद में उनका टिकट बदल दिया गया। इसके पहले एक वजह यह भी बताई गई कि कुरान की बेअदबी वाले में उन्हें सजा भी हो सकती है जिसके चलते उनकी सदस्यता कभी भी जा सकती है। शुरुआत में नरेश यादव भी हां में हां मिलाते दिखे थे। हालांकि, अब वह AAP के बारे में कह रहे हैं कि वह भ्रष्टाचार में लिप्त हो चुकी है। अपनी चिट्ठी में नरेश यादव ने लिखा है, 'मैंने AAP ईमानदारी की राजनीति के लिए ही ज्वाइन की थी लेकिन आज कहीं भी ईमानदारी नजर नहीं आ रही है। मैंने महरौली के बहुत से लोगों से चर्चा की और सबने कहा कि मुझे अब AAP को छोड़ देना चाहिए।'

 

 

बता दें कि AAP ने नरेश यादव का टिकट काटकर महेंद्र चौधरी को टिकट दिया है। महेंद्र चौधरी 2020 में कांग्रेस के उम्मीदवार थे और तीसरे नंबर पर रहे हैं। उनका मुकाबला बीजेपी के गजेंद्र यादव और कांग्रेस की पुष्पा सिंह से होना है।

 

राजेश ऋषि- जनकपुरी

 

प्रोफेसर जगदीश मुखी दिल्ली बीजेपी के दिग्गज नेता हुआ करते थे। 2013 में भी वह अपनी इस सीट से चुनाव नहीं हारे थे लेकिन 2015 में AAP के राजेश ऋषि ने उन्हें चुनाव हरा दिया। राजेश ऋषि ने 2020 में बीजेपी के आशीष सूद को चुनाव हराया। 2025 में भी उन्हें पूरी उम्मीद थी कि वह चुनाव का टिकट ले आएंगे लेकिन AAP के उम्मीदवारों की लिस्ट आई तो वह हैरान रह गए। अब उन्होंने भी पार्टी का साथ छोड़ दिया है।

 

मदन लाल- कस्तूरबा नगर

 

कस्तूरबा नगर के विधायक मदन लाल लगातार तीनों बार इस सीट से चुनाव जीते। उन्हें भी AAP ने टिकट नहीं दिया था। उन्होंने AAP की प्राथमिक सदस्यता के साथ-साथ विधायक पद से भी इस्तीफा दे दिया है। इस बार उनकी जगह पर AAP ने बीजेपी से आए रमेश पहलवान को चुनाव में उतारा है। वहीं, कांग्रेस ने फिर से अभिषेक दत्त को टिकट दिया है। BJP ने कांग्रेस से आए नीरज बसोया को टिकट दिया है जो इसी सीट से विधायक भी रहे हैं।

 

भावना गौड़- पालम 

 

पालम विधानसभा से लगातार दो बार चुनाव जीत चुकीं भावना गौड़ को उम्मीद थी कि उन्हें फिर टिकट मिलेगा लेकिन AAP ने उन्हें झटका दे दिया। अब जाकर भावना गौड़ ने भी पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने लिखा है कि उन्हें अब AAP पर भरोसा नहीं है। इस बार AAP ने जोगिंदर सोलंकी को टिकट दे दिया है।

 

भूपेंद्र सिंह जून- बिजवासन

 

बिजवासन वही सीट है जिस पर पिछली बार जीत-हार का अंतर सबसे कम था। इस बार AAP ने भूपेंद्र सिंह जून का टिकट काटकर सुरेंद्र भारद्वाज को टिकट दिया। शुरुआत में भूपेंद्र सिंह जून इसे पार्टी का रणनीतिक फैसला बता रहे थे लेकिन अब उन्होंने भी इस्तीफा दे दिया है।

 

रोहित कुमार मेहरौलिया- त्रिलोकपुरी

 

2020 में पहली बार त्रिलोकपुरी सीट से चुनाव जीते रोहित कुमार मेहरौलिया टिकट कटने के बाद से ही बेहद निराश थे। एक बार तो उन्होंने अरविंद केजरीवाल के खिलाफ ही चुनाव लड़ने की चेतावनी दे डाली थी। वह चुनाव में उतरने का मन भी बना रहे थे लेकिन चुनाव लड़े नहीं। अब उन्होंने अपने इस्तीफे में लिखा है, 'जिन्हें बाबा साहब की केवल फोटो चाहिए, उनके विचार नहीं! ऐसे मौका-परस्त और बनावटी लोगों से आज से मेरा नाता ख़तम।'

 

पवन कुमार शर्मा- आदर्श नगर

 

पवन कुमार शर्मा आदर्श नगर सीट से दो बार के विधायक हैं। पिछली बार कम अंतर से चुनाव जीते पवन का टिकट इस बार AAP ने काट दिया था। उनकी जगह पर AAP ने मुकेश गोयल को टिकट दिया है। उनका मुकाबला बीजेपी के राजकुमार भाटिया और कांग्रेस के शिवांक सिंघल से होना है।