Jharkhand Chunav 2024: झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 के दूसरे चरण में 38 सीटों पर बुधवार यानी आज मतदान हो रहा है। यह चरण बहुत अहम है, क्योंकि यह न केवल हेमंत सोरेन का राजनीतिक भविष्य तय करेगा, बल्की सत्ता में संभावित ऐतिहासिक बदलाव भी लाएगा। चुनाव लड़ने वाले प्रमुख लोगों में मुख्यमंत्री और झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के नेता हेमंत सोरेन शामिल हैं।

 

सोरेन इस चुनाव के जरिए अपने परिवार के राजनीतिक प्रभुत्व को बनाए रखने की कोशिश कर रहे हैं। इस बीच हेमंत सोरेन ने इंग्लिश मीडिया चैनल इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत की। हेमंत ने चुनाव, उनकी सरकार के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी (BJP)  के आरोपों और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जेल में बिताए गए समय पर खुलकर बात की। 

'बीजेपी ने मुझे भेजा जेल'

झारखंड विधानसभा चुनाव को लेकर हेमंत ने बताया कि उनका चुनाव अभियान पिछले 5 सालों के काम पर आधारित था जबकि भाजपा ने केवल मतदाताओं का ध्रुवीकरण करने का काम किया।  भाजपा पर निशाना साधते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि बीजेपी के कारण ही मुझे जेल जाना पड़ा। 

मनी लॉंड्रिंग आरोपों से इनकार

मनी लॉंड्रिंग आरोपों पर हेमंत ने कहा कि अगर मैंने कुछ गलत किया होता तो मुझे यह स्वीकार करने में कोई हिचक नहीं होती, लेकिन जब मैंने ऐसा कुछ किया ही नहीं औऱ फिर भी मुझे जेल जाना पड़ा तो मैं इसे स्वीकार नहीं कर पाया। हेमंत ने दावा किया कि जेस परिसर में रहने के दौरान मुझे एहसास हुआ कि हमारी पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा को कमजोर किया गया। जमानत पर बाहर आने पर सोरेन ने कहा कि तूफान जैसी स्थिति को सही करने के लिए मुझे दोबारा सिस्टम में आना पड़ा। 

 

चंपई और सीता सोरेन के भाजपा में जाने पर क्या बोले हेमंत सोरेन? 

चंपई और सीता सोरेन के भाजपा ज्वाइन करने पर हेमंत सोरेन ने कहा कि मैंने किसी को पार्टी से नहीं निकाला। लंबे समय से विधायक रहे चंपई को कई बार मंत्री का पद सौंपा गया। यहां तक की सीएम का पद भी चंपई को दे दिया। हेमंत ने पार्टी बदलने को फैशन बताया और कहा कि एक ही घर में लोग अलग-अलग राजनीतिक दलों से जुड़े हुए हैं। आज हमारे पास स्टीफन मरांडी जैसे पार्टी नेता भी हैं, जो चुनाव लड़ रहे हैं और कभी मंत्री नहीं बने। भाभी सीता सोरेन को लेकर हेमंत सोरेन ने कहा कि मंत्री पद कई कारकों के आधार पर तय होता है, हर किसी को समायोजित नहीं किया जा सकता है।

भाजपा के भ्रष्टाचार आरोपों पर क्या बोले हेमंत?

आलमगीर आलम और पंकज मिश्रा पर लगे आरोपों पर हेमंत सोरेन ने कहा कि भाजपा केवल अपने विरोधियों को हतोत्साहित करने और उन्हें कमज़ोर करने के लिए जांच एजेंसियों का उपयोग करना जानते हैं। आलमगीर आलम के ठिकानों पर भी पैसा नहीं मिला है। वे उन लोगों के पीछे जाते हैं जो चुनावों को प्रभावित कर सकते हैं। लेकिन उन्हें कुछ नहीं मिलता। बीजेपी से जुड़े लोगों से जुड़े स्कूलों (रांची में) में करोड़ों रुपये मिले। वे कहते हैं कि वे चोरों को पकड़ रहे हैं, लेकिन वे खुद डकैत हैं।

जेल ने हेमंत सोरेन को कितना बदला?

हेमंत सोरेन ने जेल में बिताए अपने दिनों को याद किया और कहा कि 'जेल की दुनिया ही अलग है'। सोरेन ने जेल में रह रहे उन कैदियों के बारे में बात की जो मजबूरी की वजह से सजा काट रहे है। उन्होंने बताया कि झारखंड के आदिवासी - मुंडा, उरांव, होस - कानूनी भाषा नहीं समझते हैं और यह एकतरफा प्रणाली है जहां पहुंच बहुत सीमित है।

 

महिला कैदियों को लेकर हेमंत ने कहा कि उनके लिए कोई स्वास्थ्य देखभाल सुविधाएं नहीं हैं। लेकिन फिर मैंने यह भी देखा कि कैसे एक पारिस्थितिकी तंत्र मौजूद है जो विभिन्न लोगों की जरूरतों को पूरा करता है। कैदी कैदियों को पढ़ा रहे हैं और दूसरों के बीच बुजुर्गों की देखभाल कर रहे हैं। इसने मुझे एक अलग विश्वदृष्टि दी।

शिबू सोरेन दिखाते हैं रास्ता

जब हेमंत से पूछा गया कि जेल में रहने के दौरान दाढ़ी बहुत ज्यादा बढ़ गई। इस पर जवाब देते हुए उन्होंने कहा, 'मैं हेमंत सोरेन के नाम से अंदर गया था लेकिन जब मैं बाहर आया तो लोग मुझे शिबू सोरेन कहने लगे। मुझे अपने पिता से प्रेरणा मिलती है, वे मेरी विचारधारा हैं और वे मुझे रास्ता दिखाते हैं।'