झारखंड में विधानसभा चुनाव की तैयारी पूरी हो चुकी है। झारखंड विधानसभा चुनाव के लिए 13 और 20 नवंबर को दो चरणों में मतदान होंगे और नतीजे 23 नवंबर को आएंगे। भारतीय जनता पार्टी (BJP) और कांग्रेस दोनों ही पार्टियां जोरों-शोरों से चुनाव प्रचार में जुटी हुई है। इस बीच असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्व सरमा ने शुक्रवार (8 नवंबर) को झारखंड सरकार पर जमकर हमला बोला।

 

आलमगीर आलम और इरफान अंसारी को हटाया जाए

सरमा ने राज्य के लोगों से कांग्रेस नेताओं आलमगीर आलम और इरफान अंसारी को सत्ता से हटाने का आह्नान किया। दरअसल, भाजपा के सह-प्रभारी सरमा रांची जिले के कांके इलाके में एक चुनाव अभियान कार्यक्रम में बोल रहे थे। अपने भाषण में उन्होंने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की सरकार पर वोट बैंक की राजनीति के तहत 'घुसपैठियों' को खुश करने का आरोप लगाया। 

 

कौन हैं आलमगीर आलम और इरफान अंसारी?

आलमगीर आलम पाकुड़ विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के विधायक हैं। झारखंड में पहली बार साल 2019 के विधानसभा चुनाव में पाकुड़ विधानसभा से चुनाव जीतने के बाद 29 दिसंबर 2019 को महागठबंधन के हेमंत सोरेन की सरकार में मंत्री पद का शपथ लिया था। वह झारखंड सरकार में संसदीय कार्य सह ग्रामीण विकास विभाग के मंत्री बने। वहीं, इरफान अंसारी झारखण्ड की जामताड़ा सीट से कांग्रेस के विधायक हैं। 

 

सोरेन सरकार को बताया भ्रष्ट सरकार

सरमा ने सोरेन सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप भी लगाए और इस साल की शुरुआत में तत्कालीन राज्य मंत्री आलमगीर आलम के निजी सचिव से जुड़े परिसरों पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) की छापेमारी का मुद्दा भी उठाया। बता दें कि ED की छापेमारी में 35 करोड़ रुपये नकद बरामद किए गए थे जिसके बाद ED ने आलम को गिरफ्तार कर लिया था।

 

आलमगीर आलम की सरकार!

शुक्रवार को सरमा ने कहा, 'ये जेएमएम का सरकार हमारा सरकार नहीं है, ये आलमगीर आलम का सरकार है, ये इरफान अंसारी का सरकार है। जैसे अयोध्या से हम लोगों ने बाबर को हटाया, ऐसी ही सरकार से हमें आलमगर्ल आलम और इफरान अंसारी को भगाना पड़ेगा। एक साथ मिल के हमें बीजेपी सरकार को लाना पड़ेगा। हमें मिलकर काम करते हुए बीजेपी की सरकार लानी है।'

 

न्यायिक हिरासत में आलम

जानकारी के लिए बता दें कि आलम फिलहाल न्यायिक हिरासत में है। अंसारी को हाल ही में भाजपा की जामताड़ा उम्मीदवार और सीएम सोरेन की भाभी सीता सोरेन के बारे में कथित तौर पर अपमानजनक टिप्पणी करने के लिए आलोचना का सामना करना पड़ा है। 

 

झारखंड की राजधानी कराची में बदल रही

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने भी झारखंड में भाजपा के लिए प्रचार किया और दावा किया कि राज्य में हिंदुओं को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। पलामू जिले के पनकी में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, 'हमारा पड़ोसी देश पाकिस्तान लूट, झूठ, धोखाधड़ी और हिंदुओं के अपमान के लिए जाना जाता है। जेएमएम के नेतृत्व वाले गठबंधन ने झारखंड की राजधानी को कराची में बदल दिया है।' उन्होंने जेएमएम के नेतृत्व वाले गठबंधन पर बांग्लादेश से 'घुसपैठ' को संरक्षण देने का भी आरोप लगाया और राज्य में 'हिंदुओं की घटती आबादी' के पीछे जेएमएम और कांग्रेस का हाथ होने का आरोप लगाया।