संजय सिंह ,पटना। बिहार की सियासत में जेल से चुनाव लड़ने का सिलसिला पुराना है। आपातकाल में जार्ज फर्नांडिस ने जेल से ही चुनाव लड़ा था। सिवान के पूर्व सांसद मरहूम शहाबुद्दीन और माले विधायक सत्यदेव राम ने जेल से न केवल चुनाव लड़ा, बल्कि जीत भी हासिल की थी। जेल में बंद और जेल से बाहर आने वाले नेताओं ने बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारी शुरू कर दी है।
बिहार की सियासत में बाहुबल का रिश्ता भी पुराना है। दो दशक पहले तक दर्जनों बाहुबली सांसद और विधायक बनते रहे हैं। लोकसभा चुनाव 2024 से पहले ही दबंग आनंद मोहन को जेल से रिहा किया गया थाl उनकी पत्नी लवली आनंद को शिवहर लोकसभा से टिकट मिला। वे चुनाव जीतने में सफल रहीं। आनंद मोहन के बेटे चेतन आनंद भी राजद के विधायक है, लेकिन विश्वास मत के दौरान चेतन ने नीतीश कुमार का साथ दिया था।
आनंद मोहन जेल जाने से पहले सक्रिय राजनीति में थे। उन्होंने बिहार पीपुल्स पार्टी बनाई थी। वे स्वयं भी सांसद और विधायक रहे | इस बार के विधानसभा के चुनाव में उन्होंने अपने बेटे के पक्ष में माहौल बनाना शुरू कर दिया है।
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राजबल्लभ भी लड़ सकते चुनाव
बिहार का नवादा जिला प्रदेश की सियासत का केंद्र माना जाता है। इस इलाके में लगभग हर शख्स राजबल्लभ नाम से परिचित है। कुछ दिन पहले ही राजबल्लभ जेल से बाहर आए हैं। अब चर्चा है कि विधानसभा चुनाव में राजबल्लभ खुद या उनके परिवार के कोई मैदान में होगा। माना जाता है कि उनकी अपने जातीय वोटबैंक पर पकड़ मजबूत है।
जेल में बंद रीतलाल यादव का क्या होगा?
भागलपुर केंद्रीय जेल में बंद दानापुर विधायक रीतलाल यादव को दबंग माना जाता है। उनके खिलाफ कई मामले दर्ज हैं। माना जा रहा है कि आरजेडी रीतलाल को दोबारा अपना प्रत्याशी बनाएगी। अगर ऐसा हुआ और रीतलाल को जमानत नहीं मिली तो उन्हें जेल से ही चुनाव लड़ना पड़ सकता है। संभावना यह भी है कि उनके परिवार के किसी सदस्य को भी आरजेडी टिकट दे सकती है।
अनंत सिंह पर सबकी निगाहें
मोकापा के पूर्व विधायक अनंत सिंह की ख्याति राष्ट्रीय स्तर पर है। बाहुबली अनंत सिंह अब जेल से बाहर हैं। उन्होंने मोकामा सीट से विधानसभा चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है। सीएम नीतीश कुमार से भी अनंत सिंह मिल चुके हैं। फिलहाल उनकी पत्नी नीलम देवी मोकामा से विधायक हैं। अनंत सिंह अपनी पत्नी की जगह खुद चुनाव लड़ना चाहते हैं। मगर उनके विरोधी नहीं चाहते हैं कि जेडीयू अनंत सिंह पर दांव खेले। विरोधी उनकी पत्नी नीलम सिंह के पक्ष में है।
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किस पर सियासीबाजी लगाएंगे अशोक महतो
बिहार के दंबगों की बात हो और अशोक महतो का नाम न लिया जाए तो यह न इंसाफी होगी। अशोक महतो दो साल पहले यानी दिसंबर 2023 में ही जेल से बाहर आए हैं। लोकसभा चुनाव 2024 से पहले अशोक महतो ने अनीता देवी से शादी रचाई। बाद में उन्हें आरजेडी की टिकट पर मुंगेर लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़वाया। मगर बाजी जेडीयू प्रत्याशी ललन सिंह के हाथ लगी। अब अशोक महतो हर हाल में चाहेंगे कि लोकसभा में न सही, कम से कम विधानसभा में ही अपना कोई आदमी पहुंच जाए।