झारखंड में विधानसभा की 81 साटों के लिए दो चरणों में वोटिंग होनी है। पहले चरण की वोटिंग 13 नवंबर को और दूसरे चरण की 20 नवंबर को होगी। पहले चरण में विधानसभा की 43 सीटों पर मतदान किया जाएगा। 43 सीटों के लिए कुल 683 उम्मीदवार चुनावी मैदान में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। सबका सपना एक ही है कि जीतकर विधानसभा पहुंचा जाए। लेकिन इन 43 सीटों में से 10 सीटें ऐसी हैं जहां झारखंड की राजनीति के सूरमाओं की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है।
राजनीतिक महामुकाबले के एक छोर पर बीजेपी की अगुवाई वाली एनडीए है तो दूसरी तरफ जेएमएम की अगुवाई वाली इंडिया गठबंधन है। आइए जानते हैं वो 10 हॉट सीटें कौन सी हैं जहां दिग्गजों की साख दांव पर लगी है।
सरायकेला- चंपई सोरेन
झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन इस बार बीजेपी के टिकट पर सरायकेला विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। वह 40 साल तक झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) के बैनर तले चुनाव लड़ते और जीतते आ रहे थे, लेकिन विधानसभा चुनाव से पहले उन्होंने जेएमएम छोड़कर बीजेपी ज्वाइन कर ली। चंपई सोरेन के सामने जेएमएम ने बीजेपी छोड़कर आए गणेश महली को टिकट दिया है। 23 नवंबर को रिजल्ट वाले दिन इस हॉट सीट पर पूरे देश की नजरें टिकी हुई हैं।
लोहरदगा- डॉ रामेश्वर उरांव
झारखंड कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डॉ रामेश्वर उरांव लोहरदगा से वर्तमान विधायक और हेमंत सोरेन सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं। इस बार वह लोहरदगा से कांग्रेस के टिकट पर इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी हैं। रामेश्वर उरांव का मुकाबला झारखंड आंदोलनकारी रहे स्वर्गीय कमल किशोर भगत की पत्नी नीरू शांति भगत से हैं। नीरू शांति भगत को एनडीए ने अपना प्रत्याशी बनाया है। नीरू आजसू के टिकट पर चुनाव लड़ रही हैं।
पोटका- मीरा मुंडा
जमशेदपुर जिले की पोटका विधानसभा सीट इस बार चर्चा का विषय बनी हुई है। बीजेपी ने पोटका से पूर्व केंद्रीय मंत्री और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा की पत्नी मीरा मुंडा को मैदान में उतारा है। मारी पहली बार चुनाव लड़ रही हैं। वहीं, मीरा मुंडा के मुकाबले में झारखंड मुक्ति मोर्चा ने अपने वर्तमान विधायक संजीव सरदार को उतारा है। इस सीट पर अर्जुन मुंडा की राजनीतिक साख दांव पर लगी है।
जमशेदपुर पूर्वी- अजॉय कुमार
इस बार के विधानसभा चुनाव में ओडिशा के राज्यपाल और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास भले की चुनाव ना लड़ रहे हों लेकिन उनकी प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। उनकी राजनीतिक विरासत संभालने के लिए उनकी बहू पूर्णिमा साहू बीजेपी के टिकट पर जमशेदपुर पूर्वी से मैदान में उतरी हैं। पूर्णिमा साहू से मुकाबला करने के लिए कांग्रेस ने राहुल गांधी के करीबी पूर्व सांसद अजॉय कुमार को मैदान में उतारा है। बता दें कि इस सीट पर साल 2019 के चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी सरयू राय ने तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास को हरा दिया था।
जमशेदपुर पश्चिम- बन्ना गुप्ता
जमशेदपुर पश्चिम विधानसभा सीट से हेमंत सोरेन सरकार में मंत्री बन्ना गुप्ता और राजनीति के महारथी सरयू राय एक दूसरे के आमने-सामने हैं। इस बार जमशेदपुर पश्चिम की सीट पर सबकी निगाहें टिकी हुई हैं। सरयू राय एनडीए के प्रत्याशी हैं। जेडीयू ने उनको टिकट दिया है। बन्ना गुप्ता इंडिया गठबंधन के संयुक्त प्रत्याशी के तौर पर कांग्रेस के उम्मीदवार हैं।
रांची- सीपी सिंह
बीजेपी के सीपी सिंह साल 1996 से लगातार रांची विधानसभा सीट से जीतते आ रहे हैं। इस बार पर भगवा पार्टी के टिकट पर सातवीं बार चुनावी मैदान में हैं। वह झारखंड के पूर्व विधानसभा अध्यक्ष, पूर्व मंत्री रह चुके हैं। सीपी सिंह का मजबूत किला तोड़ने के लिए जेएमएम ने डॉ महुआ मांझी को मैदान में उतारा है। महुआ मांझी 2014 का भी चुनाव लड़ी थीं लेकिन सीपी सिंह ने उन्हें हरा दिया था। महुआ मांझी वर्तमान में जेएमएम की राज्य सभा सांसद हैं।
चाईबासा- दीपक बिरुवा
चाईबासा विधानसभा सीट से दीपक बिरुवा चुनाव लड़ रहे हैं। वह हेमंत सोरेन की सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं, इस बार उनकी प्रतिष्ठा दांव पर है। चाईबासा से दीपक बिरुवा लगातार तीन बार से चुनाव जीतते आ रहे हैं। बीजेपी ने मंत्री बिरुवा का किला जीतने के लिए गीता बलमुचू को टिकट दिया है।
घाटशिला- रामदास सोरेन
पहले चरण में हेमंत सोरेन सरकार के कई मंत्री चुनाव लड़ रहे हैं। इसी कड़ी में सोरेन सरकार के मंत्री रामदास सोरेन का नाम भी है। रामदास सोरेन घाटशिला विधानसभा से जेएमएम प्रत्याशी हैं और उनके मुकाबले में बीजेपी ने पूर्व सीएम चंपई सोरेन के बेटे बाबूलाल सोरेन को उम्मीदवार बनाया है। हालांकि साल 2014 का चुनाव रामदास सोरेन हार गए थे, लेकिन 2009 का चुनाव पर जेएमएम के टिकट पर जीत गए थे।
खूंटी- नीलकंठ सिंह मुंडा
खूंटी विधानसभा सीट से पूर्व मंत्री और वर्तमान में बीजेपी विधायक नीलकंठ सिंह मुंडा की राजनीतिक प्रतिष्ठा भी दांव पर है। वह इस सीट से साल 2000 से लगातार चुनाव जीतते आ रहे हैं। हालांकि, वह इस बार भी चुनाव जीतने के लेकर आश्वस्त हैं। नीलकंठ मुंडा के मुकाबले में जेएमएम ने राम सूर्या मुंडा को मैदान में उतारा है।
गढ़वा- मिथिलेश ठाकुर
गढ़वा विधानसभा में इस बार दिलचस्प मुकाबला है। इस सीट से हेमंत सोरेन सरकार में मंत्री मिथिलेश ठाकुर के साथ-साथ तीन बड़े उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं। मिथिलेश ठाकुर के अलावा बीजेपी ने पूर्व विधायक सत्येंद्र तिवारी चुनाव लड़ रहे हैं। वहीं, पूर्व मंत्री गिरिनाथ सिंह भी इस बार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। यहां से तीनों नेताओं की साख दांव पर है।