भारतीय जनता पार्टी में रहे रमेश पहलवान और उनकी पत्नी कुसुम लता आम आदमी पार्टी (AAP) में शामिल हुए। इसके महज 1 घंटे के भीतर उन्हें कस्तूरबा नगर सीट का टिकट दे दिया। इस सीट से तीन बार के विधायक रहे मदन लाल का टिकट कट गया। नई दिल्ली संसदीय सीट के 10 विधानसभा क्षेत्रों में से एक कस्तूरबा नगर, नई दिल्ली लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र का भी हिस्सा है। यह इलाका दिल्ली के दक्षिण दिल्ली जिले में स्थित है।
दिल्ली के बीचों बीच बसे कस्तूरबा नगर में डिफेंस कॉलोनी से लेकर मेहर चंद मार्केट के पास की झुग्गी-झोपड़ियां शामिल हैं। इस निर्वाचन क्षेत्र में साउथ एक्सटेंशन, लोधी रोड, आईएनए, पिलांजी, कोटला मुबारकपुर, लाजपत नगर, वजीर नगर, सेवा नगर, जंगपुरा एक्सटेंशन, एंड्रयूज गंज और सादिक नगर जैसे कई अन्य क्षेत्र भी शामिल हैं।
कस्तूरबा नगर की समस्याएं
झुग्गी बस्ती ज्यादा होने के कारण कस्तूरबा नगर में साफ-सफाई एक गंभीर समस्या है। अनियमित जल आपूर्ति के साथ-साथ यहां ओवरफ्लो सीवर, खराब सड़कें और कचरा संग्रहण न होने जैसी बड़ी समस्याएं हैं। इस बीच झुग्गी बस्ती होने के कारण यहां लोगों ने दशकों के संघर्ष के बाद अपने घर बनाए हैं। हालांकि, अब डीडीए ऐसी बस्तियों को अतिक्रमणकारी मान रहा है। डीडीए ने इन बस्तियों के लिए बेदखली का नोटिस भी जारी कर चुकी है।
2020 में क्या हुआ था?
2020 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में, AAP के मदन लाल ने 37,100 वोटों के साथ सीट जीती थी। उनके बाद भाजपा के रविंदर चौधरी को 33,935 वोट मिले और कांग्रेस के अभिषेक दत्त को 19,648 वोट हासिल हुए। वहीं, बात करें 2015 के दिल्ली विधानसभा चुनावों की तो, AAP के मदन लाल ने कुल 50,766 वोटों के साथ निर्वाचन क्षेत्र जीता था। उनके मुख्य प्रतिद्वंद्वी, भाजपा के रविंदर चौधरी को 34,870 वोट मिले, जबकि कांग्रेस के नीरज बसोया को 11,233 वोट मिले।
कस्तूरबा नगर का इतिहास
कस्तूरबा नगर विधानसभा में पहली बार 1972 में चुनाव हुए थे। कांग्रेस के सीएल बाल्मिकी ने भारतीय जनसंघ के नेता सांवल दास को हराकर यह चुनाव जीता था। हालांकि, ऐतिहासिक रूप से, कस्तूरबा नगर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का गढ़ रहा है। 1993 से 2008 तक इस सीट पर भाजपा का कब्जा था। 2013 से आम आदमी पार्टी के मदन लाल ने इस सीट पर कब्जा किया। उन्होंने 2015 में भाजपा के रविंदर चौधरी पर लगभग 16,000 मतों के अंतर से महत्वपूर्ण जीत हासिल की। हालांकि 2020 के चुनावों में उनकी बढ़त घटकर सिर्फ 3,000 वोट रह गई। नई दिल्ली संसदीय क्षेत्र का हिस्सा होने के कारण इस क्षेत्र ने 2014 और 2019 के लोकसभा चुनावों में भाजपा के लिए मजबूत समर्थन दिखाया।
कस्तूरबा नगर का जातीय-धार्मिक समीकरण क्या?
दिल्ली के दक्षिण-पूर्व जिले में स्थित कस्तूरबा नगर में अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) का अनुपात 13.32 और 0 है। इस क्षेत्र में 1.5 लाख से ज्यादा मतदाता हैं, जिनमें 84,000 से ज्यादा पुरुष मतदाता और 67,930 महिला मतदाता शामिल हैं। इस विधानसभा क्षेत्र में जाट और गुज्जर आबादी अधिक है जो इस चुनाव में रमेश पहलवान के लिए बहुत मायने रखते हैं।