विधानसभा चुनाव से पहले दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार नए आरोपों पर फंसती नजर आ रही है। सरकार पर मंदिरों को ध्वस्त करने का आदेश जारी करने का आरोप लगा है। ये आरोप उपराज्यपाल वीके सक्सेना के ऑफिस की ओर से लगाए गए हैं। आरोप है कि दिल्ली सरकार ने पिछले साल 9 मंदिरों को ध्वस्त करने का आदेश जारी किया था। एलजी ऑफिस ने आम आदमी पार्टी पर सस्ती राजनीति करने का आरोप लगाया है।


ये आरोप तब लगाया गया है जब एक दिन पहले ही मुख्यमंत्री आतिशी ने पत्र लिखकर दावा किया था कि एलजी सक्सेना के अधीन एक धार्मिक समिति ने 22 नवंबर को मंदिरों और बौद्ध स्थल समेत 6 धार्मिक संरचनाओं को ध्वस्त करने का आदेश दिया था। 


इसके जवाब में एलजी ऑफिस ने बयान जारी कर कहा कि पूर्व सीएम मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पिछले साल 8 फरवरी को दिल्ली में 9 मंदिरों को ध्वस्त करने का आदेश दिया था।

एलजी ऑफिस ने क्या आरोप लगाए?


राजनिवास की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि 'केजरीवाल और तत्कालीन गृह मंत्री मनीष सिसोदिया ने इन मंदिरों को तोड़ने के लिए समिति की सिफारिशों को मंजूरी दे दी थी।' दस्तावेजी सबूतों का हवाला देते हुए बयान में कहा गया है कि 'सात मंदिर करावल नगर में स्थित थे, जबकि बाकी दो न्यू उस्मानपुर में थे।'


एलजी ऑफिस ने ये भी आरोप लगाया कि '2016 में तत्कालीन गृह मंत्री सत्येन्द्र जैन ने दिल्ली के विभिन्न हिस्सों में आठ मंदिरों को गिराने की मंजूरी दी थी।'

7 साल में 22 मंदिर तुड़वाए!

बयान में दावा किया गया है कि 'दस्तावेजों से पता चलता है कि 2016 से 2023 तक केजरीवाल और उनके मंत्रियों ने 22 मंदिरों सहित 24 हिंदू धार्मिक संरचनाओं और एक मुस्लिम धार्मिक संरचना को ध्वस्त करने की मंजूरी दी थी।'


इसके अलावा, एलजी ऑफिस ने खुलासा किया कि '2017 में जैन ने धार्मिक भावनाओं और संवेदनशीलता का हवाला देते हुए दो अचिह्नित मजारों के विध्वंस के लिए समिति की सिफारिशों को खारिज कर दिया था।' इसमें कहा गया है कि ऐतिहासिक मतत्व न होने के बावजूद समिति की सिफारिशों को खारिज कर दिया गया।


बयान के मुताबिक, 'फिल्मिस्तान सिनेमा से डीसीएम चौक तक ग्रेड सेपरेटर के निर्माण के लिए इन मजारों को हटाना जरूरी था। इसके लिए जमीन उत्तरी रेलवे से एमसीडी को हस्तांतरित कर दी गई थी।'

आम आदमी पार्टी ने क्या कहा?

आरोपों पर जवाब देते हुए, आम आदमी पार्टी ने देर शाम एक बयान जारी कर उपराज्यपाल पर मुद्दे से 'ध्यान भटकाने' की कोशिश करने का आरोप लगाया।

पार्टी ने कहा, 'एलजी ऑफिस को जवाब देना चाहिए कि क्या धार्मिक समिति के प्रमुख रहे प्रमुख सचिव (गृह को केंद्र सरकार ने नियुक्त किया था? क्या इस धार्मिक समिति ने 5 मंदिरों और एक बौद्ध मंदिरों के विध्वंस को मंजूरी दी थी? क्या धार्मिक समिति की फाइल दिल्ली सरकार के गृह मंत्री और मुख्यमंत्री को दरकिनार कर सीधे एलजी तक पहुंची थी?'


इसमें आगे आरोप लगाते हुए कहा गया, 'यह बहुत साफ है कि इन अधिकारियों को केंद्र सरकार की ओर से नियुक्त किया गया है और एलजी सीधे तौर पर धार्मिक समिति को नियंत्रित करते हैं। एलजी को धार्मिक समिति के सदस्यों के माध्यम से 22 नवंबर 2024 को मंदिरों को ध्वस्त करने का आदेश देने की कोशिश करते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया है। इसलिए एलजी अब ध्यान भटकाने की कोशिश कर रहे हैं।'

विधानसभा चुनाव को लेकर आरोप-प्रत्यारोप

दिल्ली में अगले महीने विधानसभा चुनाव हो सकते हैं। इससे पहले आम आदमी पार्टी और बीजेपी के बीच आरोप-प्रत्यारोपों का दौर शुरू हो गया है। हाल ही में अरविंद केजरीवाल ने पुजारियों और ग्रंथियों को हर महीने 18 हजार रुपये की सैलरी देने का ऐलान किया है। इस पर बीजेपी हावी हो गई है। वहीं, आम आदमी पार्टी का आरोप है कि बीजेपी मंदिरों को ध्वस्त करने की योजना बना रही है।