बिहार की 11 विधानसभा सीटों पर महागठबंधन के बीच नामांकन वापसी के आखिरी दिन तक सहमति नहीं बन सकी। पहले चरण की छह और दूसरे चरण की पांच सीटों पर महागठबंधन के प्रत्याशी आमने-सामने हैं। वारसलीगंज सीट से कांग्रेस और बाबूबरही से वीआईपी ने अपना-अपना प्रत्याशी वापस ले लिया है। अब इन सीटों पर महागठबंधन से सिर्फ आरजेडी के प्रत्याशी होंगे। दूसरे चरण की चार सीटों पर आरजेडी और कांग्रेस के प्रत्याशी एक-दूसरे के खिलाफ होंगे। एक सीट पर वाईआईपी ने आरजेडी के खिलाफ प्रत्याशी उतारा है।

दूसरे चरण: इन दो सीटों पर बनी सहमति

बाबूबरही विधानसभा: यहां आरजेडी और वीआईपी के प्रत्याशी आमने-सामने थे। हालांकि आखिरी दिन वीआईपी प्रत्याशी बिंदु गुलाब यादव ने अपना नाम वापस ले लिया। अब यहां से आरजेडी के अरुण कुमार सिंह महागठबंधन के प्रत्याशी होंगे। 

 

वारसलीगंज विधानसभा: यहां महागठबंधन से सिर्फ आरजेडी का प्रत्याशी होगा। आखिरी दिन कांग्रेस प्रत्याशी सतीश कुमार ने अपना पर्चा वापस ले लिया है। छह उम्मीदवारों का नामांकन आयोग ने खारिज कर दिया है। आरजेडी ने बाहुबली अशोक महतो की पत्नी अनीता को अपना प्रत्याशी बनाया है। उनका सामना बीजेपी प्रत्याशी अरुणा देवी से होगा।

यहां आमने-सामने होंगे महागठबंधन के प्रत्याशी

चैनपुर विधानसभा: यहां आरजेडी और वीआईपी के प्रत्याशी आमने-सामने आ चुके हैं। वीआईपी उम्मीदवार गोविंद विंद का नामांकन स्वीकार कर लिया गया है। वहीं आरजेडी से बृज किशोर बिंद मैदान में हैं। दो निर्दलीयों के पर्चे खारिज हुए हैं।

 

सुल्तानगंज विधानसभा: चैनपुर की तरह सुल्तानगंज विधानसभा सीट पर भी महागठबंधन एकजुट नहीं दिखा। यहां कांग्रेस और आरजेडी के प्रत्याशी आमने-सामने हैं। नामांकन वापसी लेने के आखिर दिन तक दोनों में से किसी दल ने अपने कदम पीछे नहीं खींचे। कांग्रेस प्रत्याशी ललन कुमार और आरजेडी उम्मीदवार चंदन कुमार का नामांकन स्वीकार कर लिया है। 

 

कहलगांव विधानसभा: कांग्रेस ने प्रवीण सिंह को टिकट दिया। सीट पर सहमति नहीं बनने पर आरजेडी ने रजनीश भारती को उतार दिया। नामांकन वापसी के आखिरी दिन किसी ने नाम वापस नहीं लिया। अब कहलगांव सीट पर कांग्रेस और आरजेडी के प्रत्याशी अलग-अलग चुनाव लड़ेंगे। 

 

सिकंदरा विधानसभा: कहलगांव और सुल्तानगंज की तरह सिकंदरा सीट पर भी आरजेडी और कांग्रेस आमने-सामने दिखेगी। चुनाव आयोग ने आरजेडी प्रत्याशी उदय नारायण चौधरी और कांग्रेस उम्मीदवार विनोद कुमार चौधरी का नामांकन स्वीकार कर लिया है। यहां से किसी भी प्रत्याशी ने अपना नामांकन वापस नहीं लिया है। पांच पर्चों को आयोग ने खारिज किया है। 

 

नरकटियागंज विधानसभा: यहां से मौजूदा बीजेपी विधायक रश्मि वर्मा और उनके देवर विनय वर्मा ने अपना नामांकन वापस ले लिया है। इससे बीजेपी प्रत्याशी संजय कुमार पांडेय की मुश्किलें कम होंगी। वहीं नरकटियागंज सीट पर भी विपक्ष अपनी एकजुटता नहीं दिखा सका। यहां कांग्रेस और आरजेडी के प्रत्याशी आमने-सामने होंगे। चुनाव आयोग ने आरजेडी के दीपक यादव और कांग्रेस प्रत्याशी शाश्वत केदार का नामांकन स्वीकार कर लिया है। 

पहले चरण की इन छह सीटों पर फंसा पेच

राजापाकड़ विधानसभा: कांग्रेस ने मौजूदा विधायक प्रतिमा दास को दोबारा उतारा। गठबंधन में सहमति नहीं बनने पर सीपीआई ने मोहित पासवान को अपना प्रत्याशी बना दिया। महागठबंधन का हिस्सा दोनों दलों का मुकाबला जेडीयू प्रत्याशी महेंद्र राम से होगा।

 

गौरा बौराम विधानसभा: वीआईपी के मुखिया मुकेश सहनी ने अपने भाई संतोष सहनी को प्रत्याशी बनाया है। ऐन वक्त में आरजेडी ने उनके खिलाफ अफजल अली को उतारकर मुकाबले को त्रिकोणीय बना दिया है। 

 

बिहार शरीफ विधानसभा: बीजेपी ने पांच बार के विधायक सुनील कुमार को टिकट दिया है। उनके खिलाफ सीपीआई ने शिव कुमार यादव और कांग्रेस ने ओमैर खान को उतारा है, जबकि दोनों ही दल महागठबंधन का हिस्सा है। 

 

बछवाड़ा विधानसभा: तमाम मंथन के बावजूद विपक्षी महागठबंधन बछवाड़ा सीट पर सहमति नहीं बना सका। बिहार शरीफ की तरह यहां कांग्रेस और सीपीआई के प्रत्याशी आमने-सामने हैं।  कांग्रेस ने शिव प्रकाश गरीब दास को टिकट दिया तो वहीं सीपीआई ने पूर्व विधायक अवधेश राय पर भरोसा जताया है।

 

वैशाली विधानसभा: पिछले चुनाव में करीब 7 हजार मतों के अंतर से चुनाव हारने वाले संजीव सिंह को कांग्रेस ने इस बार भी प्रत्याशी बनाया है। जेडीयू ने वर्तमान विधायक सिद्धार्थ पटेल को उतारा है। यहां भी कांग्रेस और आरजेडी के बीच सहमति नहीं बनी। आरजेडी ने अजय सिंह कुशवाहा को टिकट देकर मुकाबले को दिलचस्प बना दिया है। अजय ने पिछला चुनाव लोक जनशक्ति पार्टी की टिकट पर लड़ा था। 

 

बेलदौर विधानसभा: यहां भी महागठबंधन के प्रत्याशी आमने-सामने हैं। कांग्रेस ने मिथिलेश कुमार निषाद को उतारा तो उनके सामने इंडियन इनक्लूसिव पार्टी ने तनिषा भारती को टिकट दिया। दोनों दलों के बीच सहमति नहीं बन सकी। अब इनका मुकाबला जेडीयू उम्मीदवार पन्ना लाल पटेल से होगा।