महाराष्ट्र में 20 नवंबर को कुल 288 विधानसभा सीटों के लिए चुनाव होने वाले हैं। चुनावी मैदान में मुकाबला महा विकास अघाड़ी और महायुति गठबंधन के बीच है। लेकिन पार्टी के हिसाब से देखें तो कुल 6 पार्टियां मैदान में हैं। तीन महायुति गठबंधन में और तीन पार्टियां महा विकास अघाड़ी में। महायुति गठबंधन में एकनाथ शिंदे की शिवसेना, अजित पवार की एनसीपी और बीजेपी शामिल है, जबकि महा विकास अघाड़ी में कांग्रेस, शरद पवार की एनसीपी (एसपी) और उद्धव ठाकरे की पार्टी शिवसेना (यूबीटी)।

 

वोटिंग की प्रक्रिया सुबह 8 बजे से शुरू हो जाएगी और शाम के 5 बजे तक चलेगी। नतीजों की घोषणा 23 नवंबर को की जाएगी। ऐसे में खबरगांव आपको बता रहा है A से Z तक सबकुछ. जानें कैसे नारे दिए गए, क्या मुद्दे उठाए गए, कितने दागी कैंडीडेट मैदान में हैं और कितनों के पास कितनी अकूत संपत्ति है?

दिए गए कौन से नारे

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में प्रचार के दौरान नेताओं ने कई तरह के नारे गढ़े। यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के नारे 'बंटेंगे तो कटेंगे' की काफी चर्चा हुई। हालांकि, महाराष्ट्र में बीजेपी के ही कुछ नेताओं ने इससे सहमति नहीं जताई।  बीजेपी नेता अशोक चव्हाण और पंकजा मुंडे ने इससे दूरी बनाई तो महायुति में शामिल एनसीपी नेता अजित पवार ने तो यह तक कहा कि यह उत्तर भारत में चलता होगी महाराष्ट्र में नहीं चलेगा।

 

इसके बाद पीएम मोदी ने नारा दिया की 'एक हैं तो सेफ हैं'। यह बंटेंगे तो कटेंगे के विपरीत सकारात्मक ढंग से बात को कहने की कोशिश की गई थी। पीएम मोदी ने यह नारा देते हुए राहुल गांधी पर जाति जनगणना के नाम पर देश को बांटने का आरोप लगाया।

 

हालांकि, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने 'डरोगे तो मरोगे' का नारा देकर इसका जवाब देने की कोशिश की। यह कहकर खड़गे जनता को संदेश देना चाहते थे कि बीजेपी लोगों को डराने की कोशिश कर रही है। यह नारा राहुल के उस बयान से प्रेरित था जिसमें वह कह रहे थे कि बीजेपी 'डर का माहौल' पैदा करना चाहती है। इसके अलावा आरएसएस ने 'सजग रहो' का भी नारा दिया।

ये हैं VIP सीटें

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में वीआईपी सीटों में वर्ली, नागपुर दक्षिण पश्चिम, बारामती, बांद्रा ईस्ट और कोपरी-पचपखड़ी शामिल है।

 

वर्ली में उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे, नागपुर दक्षिण पश्चिम से देवेंद्र फडणवीस, बारामती से एनसीपी के अजित पवार और एनसीपी (एसपी) से शरद पवार के परपोते युगेंद्र चुनाव लड़ रहे हैं। वहीं बांद्रा ईस्ट से बाबा सिद्दीकी के बेटे जीशान सिद्दीकी और कोपरी-पचपखड़ी से सीएम एकनाथ शिंदे व उनके राजनीतिक गुरु आनंद दिघे के भतीजे केदार दिघे लड़ रहे हैं।

क्या हैं मुद्दे

महाराष्ट्र में इस बार किसानों का मुद्दा काफी छाया रहेगा। सोयाबीन की कीमत से लेकर कपास, गन्ना और प्याज तक मुद्दा रहने की उम्मीद है। सोयाबीन की कीमत को लेकर पीएम मोदी और राहुल गांधी ने भी अलग अलग मौकों पर अपने भाषणों में बात की है। सोयाबीन क्षेत्र में करीब 100 विधानसभा सीटें आती हैं जो कि महाराष्ट्र चुनाव को प्रभावित कर सकती हैं।

कैसा होगा राजनीतिक समीकरण

इस बार की स्थिति पिछले विधानसभा चुनाव से काफी उलट है। पिछली बार बीजेपी-शिवसेना का गठबंधन था और बाकी एनसीपी व कांग्रेस मैदान में थी। महाराष्ट्र में परंपरागत तौर पर इन्हीं के बीच मुकाबला होता था। लेकिन इस बार महाराष्ट्र की दोनों बड़ी पार्टियां एनसीपी और शिवसेना दो धड़ों में बंट गई हैं। इन दोनों धड़ों में से एक महायुति के साथ है तो एक महा विकास अघाड़ी के साथ। ऐसे में देखना होगा कि जनता किसके पाले में जाना पसंद करेगी। वह शरद पवार और अजित पवार में से व एकनाथ शिंदे की शिवसेना और उद्धव ठाकरे की शिवसेना (यूबीटी) में किसके साथ जाएगी? किसे वास्तविक शिवसेना और किसे वास्तविक एनसीपी मानती है।

किस क्षेत्र में कितनी सीटें

 

पश्चिमी महाराष्ट्र- 70

विदर्भ- 62

मराठवाड़ा- 46

ठाणें और कोंकण- 39

मुंबई- 36

उत्तर महाराष्ट्र- 35

कुल - 288

पिछली बार के क्या थे आंकड़े

बीजेपी- 105

शिवसेना- 56

एनसीपी- 54

कांग्रेस- 44

बहुजन विकास अघाड़ी- 3

एआईएमआईएम- 2

समाजवादी पार्टी - 2

प्रहार जनशक्ति पार्टी- 2

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) - 1

महाराष्ट्र नव निर्माण सेना- 1

कितने नेता दागी? पढ़ें ADR की रिपोर्ट

एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक इस बार के चुनाव में कुल कैंडीडेट्स में 29 फीसदी यानी कि 629 कैंडीडेकट्स के खिलाफ किसी न किसी तरह का क्रिमिनल केस है। इनमें से भी 412 के खिलाफ यानी कि 19 फीसदी के खिलाफ बलात्कार, हत्या जैसे जघन्य अपराधों का आरोप है।

 

कुल कैंडीडेट्स में से 47 फीसदी 5वीं से 12वीं कक्षा तक ही पढ़े हैं, जबकि 47 फीसदी कैंडीडेट्स ग्रेजुएट या उससे ऊपर की शिक्षा प्राप्त हैं।

कितने अमीर कैंडीडेट? पढ़ें ADR की रिपोर्ट

कुल कैंडीडेट्स में से 38 फीसदी यानी 829 कैंडीडेट्स ने कैंडीडेट्स ने अपनी संपत्ति को एक करोड़ से ऊपर रिपोर्ट किया है। 2019 में यह संख्या 32 फीसदी थी। बीजेपी में 97 फीसदी कैंडीडेट करोड़पति हैं जिनकी औसत संपत्ति 53।98 करोड़ है। शिवसेना में 99 फीसदी कैंडीडेट्स करोड़पति हैं जिनकी औसत नेटवर्थ 15.28 करोड़ है। वहीं कांग्रेस के 93 फीसदी कैंडीडेट्स करोड़पति हैं जिनकी औसत नेटवर्थ 25.29 करोड़ रुपये है।

कब आएंगे नतीजे

महाराष्ट्र के लिए चुनाव के नतीजे 23 नवंबर को घोषित किए जाएंगे।

क्या है बहुमत का आंकड़ा

महाराष्ट्र विधानसभा में कुल 288 सीटें हैं और बहुमत का आंकड़ा 145 है।