महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महाविकास अघाड़ी और महायुति गठबंधन, दोनों टेंशन में हैं। ये टेंशन, उनके वे अपने दे रहे हैं, जो कभी पार्टी के वफादार थे, अब बागी हो गए हैं। ये बागी सियासी तौर पर इतने मजबूत हैं, जो अपनी पूर्व पार्टियों को तगड़ा नुकसान पहुंचा सकते हैं। महायुति और महाविकास अघाड़ी दोनों गठबंधन अपने-अपने बागियों को वापस लाने की कोशिशों में जुटे हैं। नामांकन वापस लेने की आखिरी तारीख 4 नवंबर है, ऐसे में दोनों गठबंधनों की कोशिश है कि किसी तरह उनके नाराज अपने, वापस आ जाएं और पार्टी को मजबूत करें। जमीन पर ऐसा होता नजर नहीं आ रहा है।
बागियों से अगर कोई सबसे ज्यादा प्रभावित है तो वह है महायुति गठबंधन। इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय जनता पार्टी (BJP) 19 नेता बागी हो गए हैं, वहीं एकनाथ शिंदे गुट की शिवसेना के 16 बागी हैं। अजित पवार के नेतृत्व वाली नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी (NCP) के भी एक बागी हैं। ऐसा नहीं है कि सिर्फ महायुति ही बागियों से परेशान है। महाविकास अघाड़ी (MVA) से भी नाराज होकर कुछ नेता बागी हो गए हैं। कांग्रेस के 10 बागी नेताओं ने मुश्किलें बढ़ाई हैं, वहीं शिवसेना (UBT) भी बागियों से परेशान है।
महायुति की ओर से गृहमंत्री अमित शाह लगातार कोशिश कर रहे हैं कि बागियों को अपने खेमे में वापस बुलाया जाए लेकिन बगावत कम नहीं हो रही है। देवेंद्र फडणवीस खुद बागियों को मनाने की कोशिश में जुटे हैं। कुछ विधानसभा क्षेत्रों में गठबंधन की पार्टियां ही आपस में लड़ जाएंगी।
महायुति का क्यों बिगड़ रहा खेल
एकनाथ शिंदे की पार्टी के 9 बागी उन्हीं पार्टियों में चुनाव लड़ रहे हैं, जहां बीजेपी ने अपने उम्मीदवार उतारे हैं। एरोली, अंधेरी ईस्ट, पचोरा और बेलापुर। बीजेपी के 10 बागी उन सीटों पर चुनाव लड़ रहे हैं, जहां शिवसेना चुनावी मैदान में है। अलीबाग, कर्जत, बुलढाणा, बोरीवली, जालना सीटें ऐसी हैं, जहां बागी ही चुनाव लड़ रहे हैं। एनसीपी (अजित पवार) के इकलौते बागी नंदगांव से शिवसेना (शिंदे) उम्मीदवार के खिलाफ पर्चा भरा है।
महायुति में कितने हैं बागी?
बीजेपी के खिलाफ शिवसेना (शिंदे) के ही 9 बागी नेता चुनाव लड़ रहे हैं। ऐरोली, अंधेरी ईस्ट, पिकोरा, बेलापुर, फुलंबरी, कल्याण ईस्ट, विक्रमगढ़ और सोनापुर सिटी विधानसभा सीटों पर बागियों ने महायुति गठबंधन ही बिगाड़ दिया है। 10 सीटें ऐशी हैं, जहां बीजेपी बनाम शिवसेना (शिंदे) की लड़ाई हो गई है। मेहकर, बुलढाणा, सावंतवाड़ी, जालना, पैठण, घनसावंगी, अलीबाग, कर्जत, बोरीवली, मीरा भयंदर लोकसभा सीटों पर बीजेपी बनाम शिवसेना हो गया है।
एनसीपी के खिलाफ शिवसेना 7 सीटों पर आ गई है। पथरीट, बीड, वाई, अणुशक्तिनगर, देवलाली, डिंडोरी और खेड़ आलंदी सीटें ऐसी ही हैं। एनसीपी के खिलाफ बीजेपी 9 सीटों पर ऐसी ही स्थिति का सामना कर रही है। अहेरी, अमलनेर, अमरावती, पथरी, शाहपुर, जुन्नर, उदगीर, कलवन और आलंदी।
महाविकास अघाड़ी गठबंधन भी है बागियों से परेशान
कांग्रेस बनाम शिवसना (यूबीटी) की लड़ाई 4 सीटों पर है। कोपरी, पंचपखाड़ी, रामटेक, बायकुला और राजापुर विधानसभा सीटों पर यही स्थिति पैदा हो गई है कि गठबंधन के खिलाफ सहयोगी दल ही उतरे हैं। कांग्रेस ने शिवसेना (यूबीटी) के खिलाफ वर्सोवा, मनखुर्द शिवाजी नगर, महकर और धारावी में उम्मीदवार उतार दिया है।