महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव की स्थिति साफ हो गई है। बीजेपी के नेतृत्व वाली महायुती गठबंधन को प्रचंड जीत मिली है। महायुती में बीजेपी के अलावा शिंदे गुट की शिवसेना और अजित पवार की एसीपी शामिल हैं। सबसे ज्यादा 126 सीटें बीजेपी को आई हैं, जबकि शिवसेना को 56 और एनसीपी को 39 सीटें मिलती दिख रही हैं।

 

वहीं, महाविकास अघाड़ी स्थिति नाजुक है। एमवीए को कुल मिलाकर 52 सीटें मिल रही हैं। ऐसे में देश के आर्थिक राज्य महाराष्ट्र ने साफ संदेश दे दिया है कि वो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नारे 'एक है तो सेफ हैं' के नारे के साथ में है। इसके अलावा यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के नारे बटेंगे तो कटेंगे नारे पर भी जनता ने अपना भरोसा जताया है। इसके अलावा बीजेपी नेताओं के ऐसे नारों को भी समर्थन मिला है जिसमें हिंदुत्व की बात की गई। 

मराठा बनाम ओबीसी की कवायद धरी रह गई

वहीं, राज्य में मराठा बनाम ओबीसी की कवायद की गई, जो धरी की धरी रह गई। जब मराठा पिछले काफी समय से ओबीसी वर्ग के तहत आने के लिए आंदोलन कर रहे थे तो कांग्रेस ने मराठाओं को अपने पाले में करने की मुहीम छेड़ी। इसकी काट में बीजेपी ओबीसी जातियों को गोलबंद करके अपने पाले में लाने में कामयाब रही। इस तरह से राज्य में मराठा बनाम ओबीसी की कवायद धरी रह गई।

मनोज जरांगे की नाराजगी नहीं आई काम

मराठी सामाजिक कार्यकर्ता मनोज जरांगे पाटिल ने कई बार मराठाओं को ओबीसी वर्ग के तहत आरक्षण दिलाने के लिए आंदोलन किया। इसका साफ असर लोकसभा चुनावों में भी दिखा। लेकिन इसकी काट में बीजेपी ओबीसी जातियों को गोलबंद करके अपने पाले में लाने में कामयाब रही। 

जातिगत जनगणना की थिअरी फेल

इसके अलावा कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने 'जातिगत जनगणना' थिअरी को लेकर महाराष्ट्र में माहौल बनाने की कोशिश की, लेकिन वह भी सफल नहीं हो पाया। कांग्रेस को मजह 19, शिवसेना (यूटीबी) को 20 और शरद पवार की एनसीपी को 11 सीटें मिलते दिख रही है।