महाराष्ट्र में 288 सीटों पर हुए विधानसभा चुनाव के लिए मतगणना के लिए रुझान आने शुरू हो चुके हैं। मतदान के दिन आए एग्जिट पोल में महायुति की जीत को दिखाया था। अब बड़ा प्रश्न ये है कि कौन होगा मुख्यमंत्री? इस बीच, सत्तारूढ़ महायुति और विपक्षी महा विकास आघाड़ी (एमवीए) दोनों में मुख्यमंत्री पद को लेकर विवाद उभरता हुआ दिखाई दे रहा है। दोनों गठबंधन अपने-अपने नेताओं को मुख्यमंत्री बनाने का दावा कर रहे हैं, जिससे अंदरूनी खींचतान सामने आई है।
मतदान के बाद राजनीतिक खींचतान
बुधवार को मतदान समाप्त होने के बाद अब दोनों गठबंधनों के बीच सरकार बनाने के लिए कड़ी प्रतिस्पर्धा देखने को मिल रही है। महा विकास आघाड़ी (एमवीए) के भीतर मुख्यमंत्री पद को लेकर दरार तब गहरी हो गई जब महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने यह दावा किया कि अगर एमवीए की सरकार बनती है, तो मुख्यमंत्री कांग्रेस से होगा। पटोले ने कहा, "मतदान रुझानों से लगता है कि कांग्रेस सबसे ज्यादा सीटें जीतेगी।"
उनके इस बयान पर एमवीए के सहयोगी शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत ने तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पद का फैसला सभी गठबंधन सहयोगियों की सहमति से होगा। राउत ने मीडिया से बात करते हुए कहा, "अगर कांग्रेस हाईकमान ने पटोले को चुना है, तो उनके वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, सोनिया गांधी, या राहुल गांधी को यह घोषणा करनी चाहिए।"
कांग्रेस, शिवसेना (यूबीटी), और शरद पवार के नेतृत्व वाले एनसीपी के गठबंधन ने खुद को महायुति सरकार के खिलाफ एकजुट विपक्ष के रूप में पेश किया है। लेकिन पटोले के बयान ने गठबंधन के भीतर संभावित मतभेदों को उजागर कर दिया है।
महायुति में भी असहमति
दूसरी ओर, महायुति में भी मुख्यमंत्री पद को लेकर स्पष्ट सहमति नहीं दिख रही है। शिवसेना विधायक संजय शिरसाट ने मौजूदा मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को स्वाभाविक उम्मीदवार बताया। उन्होंने कहा, "चुनाव शिंदे के नेतृत्व में लड़ा गया है, इसलिए वही मुख्यमंत्री बनने के लिए सही उम्मीदवार हैं।"
हालांकि, भाजपा नेता प्रवीण दरेकर ने उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का समर्थन किया, जबकि एनसीपी नेता अमोल मितकरी ने अपने पार्टी के प्रमुख अजित पवार को मुख्यमंत्री बनाने की मांग की। इन बयानों से साफ है कि महाराष्ट्र जिसकी भी सरकार बनती है, लेकिन मुख्यमंत्री पद की घोषणा होने तक महाराष्ट्र में राजनीतिक माहौल गर्म रहेगा।