मटियाला विधानसभा क्षेत्र दक्षिणी-पश्चिमी दिल्ली में आता है। साल 2008 में इस विधानसभा के अस्तित्व में आने के बाद जो भी चुनाव हुए हैं वह काफी दिलचस्प रहे हैं। पुरानी पालम विधानसभा क्षेत्र का करीब 70, नजफगढ़ का 20 और महिपालपुर सीट के करीब 10 फीसद क्षेत्र को जोड़कर मटियाला विधानसभा क्षेत्र बनाया गया। इस विधानसभा क्षेत्र में द्वारका के ज्यादातर सेक्टर आने के अलावा गांव और अनियोजित कालोनियां भी हैं। यहां कुल सात वार्ड हैं।

 

साल 2015 से मटियाला में आम आदमी पार्टी का दबदबा कायम है। वर्तमान में यहां से गुलाब सिंह यादव विधायक हैं, लेकिन इस बार पार्टी ने उनका टिकट काट दिया है। 'आप' ने इस बार के चुनाव में मटियाला से पूर्व कांग्रेस नेता सुमेश शौकीन को टिकट दिया है।

 

क्षेत्र के प्रमुख इलाके द्वारका सेक्टर तीन से 23 तक, मटियाला, ककरोला, पोचनपुर, नंगली, छावला, दौराला, दौलतपुर, दरियापुर सहित कई गांव और मंसाराम पार्क, गुरु हरिकिशन नगर, जैन पार्क, भरत गार्डन, ओम विहार, खुशीराम पार्क, जैन कालोनी सहित कई अनियोजित कालोनियां शामिल हैं।

 

मटियाला की समस्याएं क्या हैं?

 

मटियाला विधानसभा क्षेत्र में कई जोहड़ मौजूद हैं, जो अभी भी बदहाल स्थिति में हैं। रावता में करीब सौ एकड़ जमीन पर नजफगढ़ ड्रेन का पानी फैला रहता है। इस दिशा में ठोस कदम उठाने की जरूरत है। इसके अलावा कई जगहों पर साफ-सफाई भी लोगों को परेशान करती है। क्षेत्र में परिवहन व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए और कदम उठाने की जरूरत है। ग्रामीण इलाकों के विकास पर ध्यान देने की जरूरत है। 

इसके अलावा मटियाला में नजफगढ़ ड्रेन को साफ करने, नई सीवर लाइन बिछाने, जाम, प्रदूषण और साफ पानी की समस्या हैं।

 

2020 में क्या हुआ था?

 

मटियाला विधानसभा क्षेत्र से गुलाब सिंह यादव वर्तमान विधायक हैं। वह मटियाला से साल 2015 से लगातार आम आदमी पार्टी के विधायक हैं। उन्होंने दोनों ही चुनाव में बीजेपी नेता राजेश गहलोत को हराया था। 2020 के चुनाव में उन्हें 53.20 वोट प्रतिशत के साथ में 139,010 वोट मिले थे, वहीं राजेश गहलोत को 42.45 वोट प्रतिशत के साथ में 1,10,935 वोट मिले थे। जबकि, कांग्रेस सुमेश शौकीन को महज 7,317 वोट ही मिले थे। 

 

इस चुनाव में सुमेश शौकीन कांग्रेस छोड़कर आम आदमी पार्टी में शामिल हो गए हैं। 'आप' ने गुलाब सिंह यादव का टिकट काटकर सुमेश शौकीन को इस बार मटियाला से मैदान में उतारा है। 

 

विधानसभा का इतिहास

 

मटियाला विधानसभा साल 2008 के परिसीमन के बाद अस्तित्व में आई थी। पश्चिमी दिल्ली लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र का हिस्सा है। यहां सबसे पहले 2008 में ही विधानसभा चुनाव हुए। सुमेश शौकीन कांग्रेस के टिकट पर मटियाला के सबसे पहले विधायक बने। इसके बाद 2013 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के राजेश गहलोत ने 'आप' के गुलाब सिंह को हराकर चुनाव जीता और विधानसभा पहुंचे। मगर, मटियाला विधानसभा में 2015 से लेकर अबतक आम आदमी पार्टी का दबदबा कायम है। 

 

जातिगत समीकरण

 

मतदाता के लिहाज से यह विधानसभा क्षेत्र पश्चिमी दिल्ली लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत सबसे बड़ा है। इसमें कई गांव आते हैं। मटियाला विधानसभा सीट पर तकरीबन 35 फीसदी पूर्वांचली मतदाता हैं। पूर्वांचलियों को साधने के लिए तीनों ही पार्टियां जोर लगा कर अपने पाने में खींचने का प्रयास कर रही हैं। इस क्षेत्र में जाट मतदाताओं की भी अच्छी संख्या है। इसके मटियाला में अलावा ब्राह्मण, वैश्य और मुस्लिम वोटर भी अहम रोल अदा करते हैं।