संगम विहार राजधानी दिल्ली के 70 विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों में से एक है। इसे 2008 में परिसीमन अभ्यास के बाद स्थापित किया गया था। संगम विहार 9 अन्य विधानसभा क्षेत्रों - बिजवासन, अंबेडकर नगर, छतरपुर, देवली, कालकाजी, तुगलकाबाद, पालम, बदरपुर और महरौली के साथ दक्षिण दिल्ली लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र का हिस्सा है।
दिल्ली में आबादी के लिहाज से सबसे बड़ी पुनर्वास कॉलोनियों में से एक संगम विहार है। यहां के निवासी उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान, झारखंड, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों जैसे विभिन्न उत्तर भारतीय राज्यों से आए प्रवासी श्रमिक और मजदूर हैं।
संगम विहार की समस्याएं क्या हैं?
संगम विहार विधानसभा क्षेत्र उन इलाकों में शुमार है जहां विकास कार्यों का अभाव दिखता है। इस क्षेत्र की सबसे बड़ी चुनौती पीने की पानी की सप्लाई है। बुनियादी सुविधाओं की कमी के साथ-साथ यहां न सड़कें हैं, न सीवर और न ही कूड़ा निस्तारण की व्यवस्था। हर जगह लटकते बिजली के तार है जो बेहद खतरनाक हैं। टूटी सड़क, ओवरफ्लो हो रहे नाले, कूड़े के ढेर और बदबूदार सीवर के पानी से भरी सड़कें मौजूद हैं।
2020 में क्या हुआ था?
2020 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी (AAP) के दिनेश मोहनिया ने 75,345 वोटों के साथ जीत हासिल की। उनके बाद जनता दल (यूनाइटेड) के शिवचरण लाल गुप्ता 32,823 वोटों के साथ दूसरे और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के सुरेश चौधरी 2,932 वोटों के साथ तीसरे स्थान पर रहे।
विधानसभा का इतिहास
इस सीट पर 2008 में हुए पहले चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के डॉ. शिवचरण गुप्ता को जीत हासिल हुई थी। 2013 और 2015 के चुनाव में आम आदमी पार्टी के दिनेश मोहनिया ने लगातार जीत हासिल की। बता दें कि दक्षिण दिल्ली लोकसभा क्षेत्र के तहत आने वाली संगम विहार विधानसभा सीट कांग्रेस कभी जीत नहीं पाई।
पिछले 2015 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी के दिनेश मोहनिया ने 72,131 वोटों के साथ सीट जीती थी। उनके मुख्य प्रतिद्वंद्वी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के शिवचरण लाल गुप्ता को 28,143 वोट मिले थे, जबकि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के विशन स्वरूप अग्रवाल को 3,423 वोट ही हासिल हुए।
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जातिगत समीकरण
संगम विहार में मतदाताओं का एक महत्वपूर्ण अल्पसंख्यक (22.7%) मुस्लिम समुदाय से आता है। यहां की कुल आबादी में अनुसूचित जाति की हिस्सेदारी 10.48 फीसदी है। आबादी के लिहाज से संगम विहार सबसे बड़ी पुनर्वास कॉलोनियों में से एक है।
यहां के निवासी उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान, झारखंड, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों जैसे विभिन्न उत्तर भारतीय राज्यों से आए प्रवासी श्रमिक हैं। पूरी बस्ती 12 ब्लॉक (ए-एल) में विभाजित है और हर एक ब्लॉक की औसत आबादी 20,000 लोगों की है। अधिकांश आबादी हिंदू या मुस्लिम है और ईसाई और सिख अल्पसंख्यक समूह हैं।