विकासपुरी वोटरों के लिहाज से दिल्ली की सबसे बड़ी विधानसभा सीट है। इस विधानसभा में वोटरों की संख्या 4,62,184 है। मिली जुली आबादी वाले इस क्षेत्र में अलग-अलग समय में अलग अलग पार्टियों का वर्चस्व रहा है। यह सीट साल 2008 में परिसीमन आयोग की सिफारिश के बाद अस्तित्व में आई और दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों में एक बनी। विकासपुरी से 2008 में पहली बार कांग्रेस के नंद किशोर चुनाव जीतकर विधायक बने थे। इसके बाद यहां आम आदमी पार्टी का दबदबा रहा है।
विकासपुरी में वर्तमान में निगम के छह वार्ड हैं। बीजेपी यहां से कभी विधानसभा का चुनाव नहीं जीत पाई है, लेकिन साल 2013 से विकासपुरी सीट पर आम आदमी पार्टी का कब्जा है।
समस्याएं क्या हैं?
विकासपुरी विधानसभा क्षेत्र में एक ओर सुनियोजित कॉलोनी विकासपुरी है तो दूसरी ओर विकासनगर जैसी घनी आबादी वाली अनियोजित कॉलोनी भी है। इस विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत छह गांव आते हैं। इनमें हस्तसाल, बक्करवाला, बापरौला, तिलंगपुर कोटला, रणहौला व बुढेला आते हैं। विकासपुरी में रहने वाले लोग गंदगी, रोड और नालियों की समस्या से आए दिन परेशान होते हैं।
इस विधानसभा क्षेत्र में अलग-अलग इलाकों में लोगों के लिए विकास के पैमाने भिन्न हैं। यहां सीवर और पानी के निकासी की काफी समस्या है। हालांकि यहां कॉलोनियों में सीवर लाइन डालने का काम शुरु किया गया है। इसके अलावा विकासपुरी में पानी की भी समस्या है। सड़क, क्षेत्र की सफाई और नजफगढ़ ड्रेन के किनारे मलबे व गंदगी भी लोगों के लिए समस्या है।
2020 में क्या हुआ था?
पिछले 2020 के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी के महेंद्र यादव तीसरी बार आम आदमी पार्टी के टिकट पर विधायक चुने गए। पिछले चुनाव में उन्होंने बीजेपी के संजय सिंह को 42,058 वोटों के बड़े मार्जिन से हराया। जहां महेंद्र यादव को 55.95 वोट प्रतिशत के साथ 133,898 मत मिले, वहीं संजय सिंह को 38.38 वोट प्रतिशत के साथ 91,840 मत ही प्राप्त हुए। इसके अलावा जो कांग्रेस 2008 के चुनाव में विधानसभा चुनाव जीती थी उसके प्रत्याशी मुकेश शर्मा को 2020 के चुनाव में महज 8,319 वोट ही मिले।
विधानसभा का इतिहास
विकासपुरी में यह पांचवां विधानसभा चुनाव होगा। इस सीट से पहली बार 2008 में कांग्रेस के नंन किशोर विधायक बने। इसके बाद 2013 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस हार गई और आम आदमी पार्टी की धमक के साथ विकासपुरी में एंट्री हुई। विकासपुरी में 'आप' के महेंद्र यादव ने पार्टी का खाता खोला। यादव यहां से 2013, 2015 और 2020 में लगातार तीन बार से आम आदमी पार्टी के विधायक हैं। इस बार भी पार्टी ने महेंद्र यादव पर भरोसा जताते हुए टिकट दिया है।
जातिगत समीकरण
विकासपुरी विधानसभा क्षेत्र में सामाजिक दृष्टिकोण से यहां पूर्वांचल के लोग अच्छी-खासी संख्या में रहते हैं। इसके यहां अलावा जाट, पंजाबी, अनुसूचित जाति, मुस्लिम और ओबीसी बहुतायत में हैं। नतीजतन इतने बड़े क्षेत्र में सभी वर्ग को खुश करना प्रत्याशियों के लिए कड़ी चुनौती है।