झारखंड में विधानसभा चुनाव का बिगुल बज गया है। राज्य की 81 विधानसभा सीटों के लिए दो चरणों में 13 और 20 नवंबर को मतदान होंगे। चुनावी तारीखों के ऐलान के साथ ही राज्य में आचार संहिता भी लागू हो गई है। इसके लागू होने के साथ ही राजनीतिक दलों के साथ-साथ आम लोगों को भी नियमों का पालन करना पड़ता है। इस बीच लोगों के मन में चुनाव को लेकर कई सवाल रहते हैं। इसी में एक सवाल है कि आखिर सर्विस वोटर कौन होते हैं, जो बिना पोलिंग बूथ पर जाए ही अपना वोट डाल सकते हैं? 

 

कौन होते हैं सर्विस वोटर? 

सर्विस वोटर का टर्म मुख्य तौर पर सेना और अर्धसैनिक बलों समेत सभी सुरक्षाबलों के लिए इस्तेमाल किया जाता है। इसके अलावा जिन सरकारी कर्मचारियों की वोटिंग के दौरान किसी और जगह ड्यूटी लगी होती है, वो भी सर्विस वोटर कहलाते हैं। इसमें अलग-अलग विभागों के लोग शामिल होते हैं, जो पोस्टल वोटिंग के जरिए वोट डालते हैं। इसके अलावा मतदाता प्रॉक्सी के माध्यम से भी वोट डाल सकता है जिसे क्लासीफाइड सर्विस वोटर कहा जाता है। 

 

सर्विस वोटर कैसे डालते हैं वोट? 

सर्विस वोटर पोलिंग बूथ पर जाए बिना वोट डाल सकते हैं। ऐसे में सवाल आता है कि ये कैसे मुमकिन है? दरअसल, ऐसे वोटर्स को एक मेल भेजा जाता है। इसे फॉर्म-2, 2ए और फॉर्म 3 कहा जाता है। इसका प्रिंट आउट निकालकर जिस भी उम्मीदवार को वोट करना है उस पर टिक लगाना होता है। इसके बाद इस फ़ॉर्म को बंद करके अपने निर्वाचन क्षेत्र में चुनाव अधिकारी को सौंपना होता है। जब ईवीएम वाले वोटों की गिनती पूरी हो जाती है तब इन वोटों की गिनती होती है। 

 

फॉर्म को भी अलग-अलग हिस्सों में बांटा गया है, जैसे 

फॉर्म-2 तीनों सेनाओं के जवानों के लिए होता है। 

पुलिस फोर्स समेत अन्य फोर्सेस के लिए फॉर्म-2 ए होता है। 

जो सरकारी कर्मचारी देश से बाहर हैं, उनके लिए फॉर्म 3 होता है। 

 

अगर पति या पत्नी सर्विस वोटर के साथ रह रहे हैं, तो वह संबंधित निर्वाचन क्षेत्र में सर्विस वोटर के रूप में नामांकित होने के लिए पात्र होंगे। हालांकि, मौजूदा कानून के तहत महिला सेवा मतदाताओं के पतियों के लिए यह सुविधा उपलब्ध नहीं है।