दिल्ली की सियासत अब 'मुफ्त की योजनाओं' के बाद सफाई कर्मचारियों के आसपास घूम रही है। आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने केंद्र सरकार से अपील की है कि सफाई कर्मचारियों को सब्सिडी पर जमीन दी जाए, जिससे दिल्ली सरकार आसान किस्तों में सफाई कर्मचारियों को उनके घर का मालिकाना हक दे सके। 

अरविंद केजरीवाल का कहना है कि अगर केंद्र सरकार की ओर से छूट के साथ जमीन दी जाती है तो दिल्ली सरकार उस प्रोजेक्ट पर पैसे खर्च करेगी और सफाई कर्मचारियों को कम दरों पर घर मुहैया कराने की कोशिश करेगी। अरविंद केजरीवाल के इसी ऐलान पर बीजेपी भड़क गई है।

सफाई कर्मचारियों पर क्यों छिड़ी सियासत?
दिल्ली भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने अरविंद केजरीवाल की इस मांग पर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने अरविंद केजरीवाल पर झूठ बोलने और भ्रम फैलाने के आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा, 'अरविंद केजरीवाल ने एक बार फिर से दिल्लीवासियों के सामने झूठ परोसने का काम किया है और इस बार वह टारगेट कर रहे हैं आर्थिक रुप से कमजोर लोगों और सफाई कर्मचारियों को।'

वीरेंद्र सचदेवा ने कहा, 'केंद्र सरकार द्वारा 2415 करोड़ रुपये की लागत से बनवाए गए 52000 फ्लैट्स को अरविंद केजरीवाल ने सिर्फ इसलिए खंडहर  बना दिया क्योंकि उन फ्लैट्स पर अपनी फोटो लगाने की छूट नहीं मिली।'



वीरेंद्र सचदेवा ने कहा, 'दिल्ली सरकार के दो विभाग ड्यूसूब और डीएसआईडीसी ने केजरीवाल से लगभग 220 करोड़ रुपये की राशि मांगी ताकि खंडहर पड़े फ्लैट्स की मरम्मत हो सके लेकिन केजरीवाल ने सिर्फ एक लाख रुपये दिए, यह है उनका गरीब प्रेम। अरविंद केजरीवाल द्वारा गरीबों के प्रति कथनी और करनी में बड़ा अंतर है। हिम्मत हो तो कल 20 जनवरी सुबह केजरीवाल मेरे साथ खंडहर हो गये फ्लैट्स देखने बवाना चलें।'



अरविंद केजरीवाल ने क्या कहा था?
अरविंद केजरीवाल ने कहा, 'मेरा सपना है कि हमारे सफाई कर्मचारी भाई-बहनों के पास अपना खुद का मकान हो और वे सम्मान के साथ अपनी जिंदगी जीएं। चुनाव के बाद हम सफाई कर्मचारियों के लिए पक्के मकान बनवाएंगे। एक बार शुरू हो जाने के बाद अन्य सरकारी कर्मचारियों के लिए भी लागू करेंगे। दिल्ली की जमीन केंद्र सरकार के अधीन है। मेरा अनुरोध है कि केंद्र सरकार जमीन उपलब्ध कराए, मकान हम बनवा देंगे।'