बॉलीवुड अभिनेता अभिषेक बनर्जी इंडस्ट्री के वर्स्टाइल एक्टर्स में से एक हैं। उनकी हाल ही में फिल्म 'स्टोलन' रिलीज हुई है। यह फिल्म अमेजन प्राइम पर स्ट्रीम हो चुकी है। 'स्टोलन' में अभिषेक के काम की लोग खूब तारीफ कर रहे हैं। यह फिल्म सच्ची घटना से प्रभावित है।

 

साल 2018 में असम के कार्बी आंगलोंग में भीड़ द्वारा दो भाइयों नीलोत्पल दास और अभिजीत दास की पीट पीटकर हत्या कर दिया गया था। स्टोलन में दो भाइयों की कहानी है जो जनजातीय महिला के साथ एक बच्चे की चोरी के आरोप में फंस जाते हैं। यह सब एक व्हाट्सएप फॉरवर्डेंड वीडियो के वायरल होने के बाद होता है जो लोगों को उकसाकर हिंसक भीड़ बना देता है। 'स्टोलन' में चाइलड ट्रैफिकिंग के मुद्दे को दिखाया गया है। आइए जानते हैं 'स्टोलन' से पहले किन फिल्मों में चाइल्ड ट्रैफिकिंग के मुद्दे को दिखाया गया है।

 

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इन फिल्मों में दिखाया गया चाइल्ड ट्रैफिकिंग

स्लमडॉग मिलियनेयर (2008)

 

'स्लमडॉग मिलियनेयर' में मुंबई के झुग्गियों में रहने वाले बच्चों  के जीवन को दिखाया गया है जिसमें चाइल्ड ट्रैफिकिंग, जबरन भीख मांगने और शोषण के मुद्दे को दिखाया गया है। फिल्म में एक बच्ची की कहानी को दिखाया गया है जो क्विज शो के जरिए अपने  जिंदगी को बदलने की कोशिश करता है। इस फिल्म का निर्देशन डैनी बॉयल थे।

 

बेकवाटर्स

 

यह फिल्म गुमशुदा बच्चों पर आधारित है जो चाइल्ड ट्रैफिकिंग का शिकार हो जाते हैं। यह एक इनवेस्टिगेटिव थ्रिलर मूवी है। फिल्म में केरल के लापता बच्चों की कहानी को दिखाया गया है।

 

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ट्रैफिक सिग्नल 

 

मधुर भंडारकर की फिल्म 'ट्रैफिक सिग्नल' में मुंबई के सिग्नल्स पर भीख मांगने वाले लोगों के जीवन पर आधारित है। इस फिल्म में बच्चों की तस्करी और उनके शोषण को दिखाया गया है। इस फिल्म में कुणाल खेमू, रणवीर शौरी, कोंकणा सेन शर्मा, नीतू चंद्रा समेत अन्य कलाकार मुख्य भूमिका में हैं।

 

काला

 

फिल्म में मुंबई के धारावी स्लम में रहने वाले लोगों की कहानी है, जिसमें बच्चों और महिलाओं की तस्करी जैसे मुद्दों को उठाया गया है। यह फिल्म साल 2018 में रिलीज हुई थी। यह तमिल फिल्म है जिसे आप हिंदी में भी देख सकते हैं।

 

पाखी

 

पाखी साल 2018 में रिलीज हुई थी। इस फिल्म में दिखाया जाता है कि बच्ची का चाचा उसे बेच देता है और वो कैसे देह व्यापार के दलदल में फंस जाती है।