बॉलीवुड इंडस्ट्री के बारे में आप जितना ज्यादा जानते हैं। आपको उतना कम लगता है। सेलिब्रिटीज की लाइफ के अलावा सेट पर होने वाली कहानियां जानने में लोगों की हमेशा दिलचस्पी रहती हैं। आप जानते हैं कि स्टार्स को सेट पर हर दिन के हिसाब से कॉल सीट दी जाती है। आखिर कब से शुरू हुआ इंडस्ट्री में कॉल शीट का चलन और इसे कैसे लिखता है। इस बारे में आपको विस्तार से बताते हैं।

 

अनीस बज्मी ने अपने इंटरव्यू में बताया कि वह 'द बर्निंग ट्रेन' में असिस्टेंट डायरेक्टर थे और शूटिंग के पहले दिन धर्म जी आने वाले थे। वह फिल्म 'रजिया सुल्तान' की शूटिंग से वापस आए थे। उन्होंने बताया, राज कपूर ने कहा था धर्मेंद्र आए तो उसे मेरे मेकअप रूम दे देना। वो सिर्फ धर्म जी को वहां ठहराते थे। उन्हें राज जी के मेकअप रूम में लें जाया गया। अब जैसे ही वो सेट पर सब तरह सभी लोग कहने धर्मेंद्र आ गए हैं। मैं भी उनसे मिलना चाहता था। उन्होंने सेट पर बीआर चोपड़ा से कहा कि यार मैं बहुत थक गया हूं। शूटिंग कल से शुरू करते हैं। 

 

जानें किस फिल्म से शुरू हुआ कॉल शीट का कल्चर

 

'द बर्निंग ट्रेन' की शूटिंग का पहला दिन था। बी आर चोपड़ा ने कहा ठीक है। मैं बाकी काम कर लेता हूं। अब वह जाने लगे अपनी गाड़ी में बैठकर। मुझे लगा मैं तो मिला नहीं। मैंने जल्दी से कॉल शीट भरी। मुझे सिखाया गया था। मैं कॉल शीट भरकर उनके पास गया। इससे पहले कॉल शीट भरने का कोई सिस्टम नहीं था। 'द बर्निंग ट्रेन' पहली फिल्म थी जहां से कॉल शीट बनाना शुरू हुई। हालांकि मैंने धर्मेंद्र को कॉल शीट दी। वो बोले ये क्या कहा है, मैंने कहा, ये कॉल शीट है। आप कल कब आएंगे ? उन्होंने कहा, 'ऐ यार बता तो दिया डायरेक्टर साहब को और शीट को फाड़कर फेंक दिया'। हालांकि मैंने उन्हें बता दिया कि मैं आपसे मिलने आए थे। इस शीट के बाहाने। वो मुझे देखकर मुस्कुराए और चले गए।

 

क्या होता है कॉल शीट

 

कॉल शीट में शूट की दैनिक रुपरखा होती है। इसमें शूट से जुड़ी सभी जानकारियां शामिल होती है जिसमें शूटिंग शेड्यूल, स्क्रिप्ट ब्रेकडाउन दिया जाता है। इस शीट को असिस्टेंट डायेक्टर बनाता है। ये शीट सभी कास्ट और क्रू को दी जाती है।