हिंदी सिनेमा के दिग्गज निर्देशक श्याम बेनेगल का निधन हो गया है। 90 साल की उम्र में उन्होंने आखिरी सांस ली। भले ही आज वो हमारे बीच में नहीं है लेकिन अपने पीछे कई यादगार फिल्में छोड़ गए हैं। उन्होंने अपनी फिल्मों के जरिए सिनेमा को एक अलग नजरिये से दिखाया। वह एक बहुत बड़े डायरेक्टर थे। कुछ लोग उन्हें सत्यजीत रे के बाद दूसरा बड़ा फिल्म मेकर मानते थे। 70 के दशक में उन्होंने पैरेलल सिनेमा की शुरुआत की थी। इस आर्ट सिनेमा भी कहा जाता है।

 

पैरलल सिनेमा में समाज की सच्चाई को दिखाया जाता है। इसमें कोई नायक नहीं होता है। वहीं, मेनस्ट्रीम सिनेमा में एक नायक होता है जिसमें वो गरीबी, बेरोजगारी से निकलता है। गुंडों की पिटाई करता है और पब्लिक को मजा आता है।  वहीं, श्याम बेनेगल की फिल्मों में समाज की यथार्थ सच्चाई से नायक लड़ता नजर आता है।

 

उनकी फिल्मों से थिएटर के कई आर्टिस्ट बड़े कलाकार बनकर उभरे। इस लिस्ट में शबाना आजमी, अमरीश पुरी, ओम पूरी, मनोज बाजपेयी, स्मिता पाटिल जैसे कई कलाकारों का नाम शामिल हैं। उन्हें समाज का यूं ही लीजेंड्री फिल्म मेकर नहीं कहा जाता था। आइए उनके करियर की बेहतरीन फिल्मों के बारे में जानते हैं।

 

श्याम बेनेगल की ऑइकोनिक फिल्में

 

अंकुर- श्याम बेनेगल ने फिल्म 'अंकुर' से अपने करियर की शुरुआत की थी। इस फिल्म में सामंतवाद और यौन उत्पीड़न जैसे मुद्दों को दिखाया गया था। शबाना आजमी ने उनके साथ इस फिल्म में पहली बार काम किया था। इस फिल्म को नेशनल अवॉर्ड मिला था।

 

मंडी- फिल्म की कहानी उन महिलाओं पर बनी है जो गुजारा करने के लिए अपना शरीर बेचती हैं। फिल्म में शबाना आजमी एक वेश्यालय चलाती हैं जो शहर के बीच में स्थित है। कुछ राजनेता इसे हथियाने की कोशिश करते हैं। इसी के इदगिर्द फिल्म की कहानी बनी है। फिल्म में शबाना के साथ स्मिता पाटिल और नसीरुद्दीन शाह मुख्य भूमिका में थे।

 

निशांत- फिल्म की कहानी गांव की पृष्ठभूमि पर बनी है जहां लोग न्याय के खिलाफ लड़ने से डरते थे। कैसे उच्च वर्ग के लोग गांव के लोगों का शोषण करते थे। इस फिल्म को शिकागो इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में गोल्डन प्लेक अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था।

 

कलयुग-महाभारत से प्रेरित इस फिल्म की कहानी में कलयुगी परिवार के बीच कारोबार को लेकर दुश्मनी हो जाती है। ये उनके करियर की बेहतरीन फिल्मों में से एक हैं।

 

भूमिका- 1977 में ये फिल्में सिनेमाघरों में रिलीज हुई थी। ये मराठी स्टेज और स्क्रीन एक्टर हंसा वाडकर के जीवन पर बनी है। इस फिल्म में स्मिता पाटिल ने मुख्य भूमिका निभाई थी। इसके लिए स्मिता को बेस्ट एक्ट्रेस का नेशनल अवॉर्ड मिला था।

 

श्याम बेनेगल ने सिर्फ गंभीर ही नहीं कॉमेडी फिल्में भी बनाई थी। साल 2008 में उनकी 'वेलकम टू सजनपुर' आई थी। इसके अलावा साल 2010 में उनकी 'वेल डन अब्बा' आई थी।