'एक अधेड़ उम्र का आदमी स्कूल आता है और तुरंत ही उसे एक स्कूल की लड़की के प्रति आकर्षण महसूस होता है और इस बात को रोमैंटिसाइज़ किया जा रहा है?' सोशल मीडिया पर पंजाबी सिंगर गुरु रंधावा के लिए इस तरह के खूब कमेंट आ रहे हैं। कारण है- उनका नया म्युजिक वीडियो अज़ुल। कुछ दिनों पहले ही गुरू रंधावा का यह इंडिपेंडेंट गाना रिलीज़ हुआ है और भयंकर वायरल भी हो रहा है। यह गाना यूट्यूब म्युजिक चार्ट पर अभी तक रैंक कर रहा है। लोग इस पर खूब रील्स भी बना रहे हैं।

 

इस गाने में फीचर हुई हैं अंशिका पांडे। वही अंशिका जो हाल ही में इंस्टाग्राम पर खूब वायरल हैं। अब जैसे ही वह अज़ुल में फीचर हुई हैं, उनके फॉलोवर्स और तेजी से बढ़ते जा रहे हैं लेकिन सोशल मीडिया पर एक तबका है। जिसे इस गाने से आपत्ति है और इसे लेकर सोशल मीडिया पर गुरू रंधावा को जमकर खरी खोटी सुनाई जा रही।

गाने में क्या है?

 

गुरु रंधावा का यह नया वीडियो एक स्कूल में सेटअप किया गया है। जिसमें रंधावा एक फोटोग्राफर के किरदार में हैं। वीडियो में दिखाया जाता है कि वह स्कूल में लड़कियों का फोटो वीडियो शूट करने आए हैं लेकिन एक कुर्सी खाली है क्योंकि एक लड़की का इंतजार हो रहा है। तभी उस लड़की की एंट्री होती है। जिसका रोल अंशिका पांडे ने किया है। स्कूल ड्रेस पहनी हुई अंशिका बास्केटबॉल कोर्ट के बीच आकर रुकती हैं। कैमरा उनके शरीर को ऊपर से नीचे तक ट्रैक करता है और फिर गुरू रंधावा को दिखाया जाता है। जो अपने चश्मे नीचे करके उस लड़की को ऊपर से नीचे तक चेकआउट करने लगते हैं। इसी को ऑब्जेक्टिफाई करना कहा जा रहा है। इसके बाद अंशिका डांस करने लगती हैं और फिर गाना शुरू हो जाता है।

 

 

बीते कुछ हफ्तों में गुरु रंधावा ने कुछ म्यूजिक वीडियोज़ निकाले हैं, जिससे रंधावा की पॉपुलैरिटी फिर से बढ़ने लगी है और 'अज़ुल' शुरुआत से ही काफी हिट हुआ है लेकिन सोशल मीडिया के एक बड़े तबके ने इस गाने पर आपत्ति जताई है। इस गाने के साथ जो सबसे बड़ी दिक्कत है, वह यह कि इस गाने में स्कूल की नाबालिग लड़की को फैंटेसाइज़ करते दिखाया जा रहा है। एक अच्छे खासे उम्र का इंसान, स्कूल आकर स्कूल की लड़की को ऊपर से नीचे चेकआउट करता है। उसे फैंटेसाइज़ करने की कोशिश करता है।

 

इस गाने के कमेंट सेक्शन में अधिकांश लोगों ने इस चीज पर गौर नहीं किया लेकिन जिन्होंने किया है। वह मेकर्स की, गुरु रंधावा की जमकर आलोचना कर रहे हैं। उन्हें ट्रोल किया जा रहा है।

 

पुरानी दिक्कत है ऑब्जेक्टिफिकेशन!

 

सालों से न सिर्फ पॉप कल्चर में ही नहीं बल्कि इंडियन फोक से लेकर मॉर्डन भोजपुरी, पंजाबी और नागपुरी म्यूजिक वीडियो तक में हमने औरतों को, लड़कियों को आब्जेक्टिफाइ होते देखा है। लोग बिना गौर किए, जाने-अंजाने में इन गानों पर थिरकते हैं। गाकर एक-दूसरे को सुनाते हैं। शादी त्योहारों में सरेआम ये गाने बजते हैं। यह प्रॉब्लमैटिक होने के साथ-साथ डराने वाली भी बात है।

 

बीते सालों में हॉलीवुड मूवीज़ में भी वूमेन आब्जेक्टिफिकेशन एक बड़ा मुद्दा था। यहां तक की जेम्स बॉन्ड से लेकर टॉम क्रूज़ की मिशन इम्पॉसिबल जैस ब्लॉकबस्टर मूवी में महिलाओं को सिर्फ एक फैंटेसी की चीज़ के दौर पर दिखाने के आरोप लगे लेकिन अब वे इससे बाहर निकलने की कोशिश कर रहे हैं। दूसरी ओर भारतीय इंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में आज हम इसमें कोई आपत्ति नहीं खोज पाते। चिंता की बात है कि स्टेज पर खेसारी लाल यादव और पवन सिंह जैसे बड़े भोजपुरी स्टार सरे मंच पर महिलाओं के साथ अभद्रता करते दिखाई देते हैं लेकिन आडियंस इसे खराब नहीं मानती। बल्कि उनकी इन हरकतों को मजे लेकर देखती है, उन्हें और उत्साहित करती है।

 

हालांकि, गुरु रंधावा के मामले की बात करें तो अब तक स्कूल गर्ल को ऑब्जेक्टिफाइ करने के आरोप पर उनके या उनकी टीम की ओर से कोई बयान सामने नहीं आया है।

एक और मामले में फंसे हैं गुरु रंधावा

 

गुरु रंधावा के लिए इस गाने के अलावा एक और मुश्किल है। लुधियाना जिले के कस्वा समराला की अदालत ने रंधावा के खिलाफ समन जारी किया है और 2 सितंबर को कोर्ट में पेश होने के आदेश दिए गए हैं। कारण है- गुरु रंधावा का गाना सिरा। इस गाने में एक लाइन है- जम्यां नु गुढ़ती च मलिता अफीम ऐ। इस लाइन पर कुछ लोगों को आपत्ति है। एडवोकेट गुरवीर सिंह ढिल्लों के मुताबिक, समराला के राजदीप सिंह मान नाम के एक शख्स ने रंधावा के खिलाफ शिकायत दर्ज करवा दी है। राजदीप सिंह का तर्क है कि गाने में जिस तरह से अफीम के साथ गुढ़ती शब्द का प्रयोग किया गया है, वह अपमानजनक है क्योंकिं गुढ़ती शब्द को गुरू ग्रंथ साहिब में विशेष महत्व दिया गया है।

 

गुढ़ती एक परंपरा है। सिख या जाट समुदाय में जब कोई बच्चा पैदा होता है तो उसे जो पहली चीज चटाई जाती है। उस परंपरा को गुढ़ती कहा जाता है। आरोप है कि गुरु अपने गाने से कह रहे हैं कि जाट के बच्चों को पैदा होते ही अफीम चटा दी जाती है और इसी के चलते गुरु के ऊपर परंपरा को बदनाम करने के आरोप लगे हैं।

 

एडवोकेट गुरवीर सिंह के मुताबिक, गुरु रंधावा को पहले भी गाने से इस शब्द को हटाने को लेकर नोटिस भेजा गया था लेकिन मामला नहीं सुलझा तो इसे कोर्ट तक ले जाया गया और अब समराला कोर्ट ने रंधावा के खिलाफ समन जारी किया गया है। 2 सितंबर को रंधावा कोर्ट में पेश हो सकते हैं।